ग्रेट ब्रिटेन की परंपराओं, संस्कृति तथा सामाजिक और औद्योगिक विकास की झांकियों को प्रदर्शित करते रंगारंग उदघाटन समारोह के साथ 30वें ओलंपिक खेलों का शानदार आगाज हो गया.
इस खेल महाकुंभ में 204 देशों के लगभग 10,500 खिलाड़ी अपना सपना साकार करने की कोशिश करेंगे. इनमें वे 81 भारतीय भी शामिल हैं जिन पर एक अरब 20 करोड़ लोगों की निगाहें टिकी हैं.
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने लगभग 100 राष्ट्रप्रमुखों सहित 80 हजार दर्शकों की मौजूदगी में ओलंपिक खेलों के शुरुआत की घोषणा की. इसके साथ ही आसमान आतिशबाजी और रोशनी से नहा गया. उदघाटन समारोह साढ़े तीन घंटे तक चला जिसमें लगभग दो करोड़ 70 लाख पौंड का खर्चा हुआ है.
इसकी शुरुआत टूर डी फ्रांस के पहले ब्रितानी विजेता ब्रैडली विगिन्स ने स्टेडियम में बड़ा घंटा बजाकर किया. तब घड़ी में स्थानीय रात नौ (भारतीय समयानुसार रात एक बजकर 30 मिनट) बज रहे थे. मुंबई की झुग्गियों को केंद्र में रखकर ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ जैसी ऑस्कर विजेता फिल्म बनाने वाले डैनी बोएल के निर्देशन में स्टेडियम को उनके विजन ‘हरित और खुशनुमा धरती’ के आधार पर तैयार किया गया था.
उनके कार्यक्रमों में भी इसकी झलक साफ दिखायी दी लेकिन दर्शकों में कौतुहल का विषय महारानी का जेम्स बांड यानि डेनियल क्रेग के साथ स्टेडियम में प्रवेश रहा.
लंदन ओलंपिक आयोजन समिति के अध्यक्ष सेबेस्टियन को और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष जाक रोगे के भाषणों के बाद महारानी ने खेलों के शुरुआत की घोषणा की. ओलंपिक ध्वज फहराने तथा खिलाड़ियों, कोच और जजों के शपथ लेने के बाद आखिर में ओलंपिक ज्योति प्रज्ज्वलित की गयी.
ओलंपिक 17 दिन तक चलेगा जिसमें 39 खेलों में खिलाड़ी अपना भाग्य आजमाएंगे. इन खिलाड़ियों ने मार्च पास्ट के साथ औपचारिक तौर पर ओलंपिक में प्रवेश किया. ओलंपिक की शुरुआत 1896 में एथेन्स से हुई थी और इसलिए जब 204 देशों का मार्च पास्ट शुरू हुआ तो हमेशा की तरह सबसे पहले यूनानी टीम ने स्टेडियम में कदम रखा.
इसके बाद अंग्रेजी की वर्णमाला के अनुसार टीमें स्टेडियम में पहुंची लेकिन मेजबान होने के कारण ब्रिटेन की टीम सबसे बाद में आयी. भारतीय दल का नेतृत्व बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने किया.
सुशील ने जैसे ही 48 करोड़ 60 लाख पौंड की लागत से बने ओलंपिक पार्क स्टेडियम में कदम रखा, भारतीयों के अलावा विदेशी दर्शकों ने भी करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया.
भारत के पुरुष खिलाड़ियों ने नीले रंग का ब्लैजर, क्रीमी रंग की पैंट और पीले रंग की पगड़ी जबकि महिला खिलाड़ियों ने पीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी.
भारत के इस बार सबसे अधिक 81 खिलाड़ी ओलंपिक में भाग ले रहे हैं और उम्मीद है कि वे पदकों के मामले में भी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ेंगे. भारत को निशानेबाजी, मुक्केबाजी, टेनिस, तीरंदाजी और कुश्ती में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.
यह तीसरा लेकिन पिछले 64 साल में पहला मौका है जबकि दुनिया के सबसे बड़े खेल मेले के लिये लंदन में खिलाड़ियों का जमावड़ा जुटा है. इससे पहले 1908 और 1948 में भी लंदन ओलंपिक की मेजबानी कर चुका है लेकिन पहली बार उद्घाटन समारोह में ब्रिटेन की कला संस्कृति को इतने भव्य और आधुनिक अंदाज में पेश किया गया.
समारोह के शुरू में ही ओलंपिक पार्क स्टेडियम की रूप दर्शकों को मोहित कर रहा था जिसे वास्तव में पार्क का रूप दिया गया था. इसमें गाय, भेड़ और पहाड़ थे. समारोह की शुरुआत में बच्चों ने गीत गाया जिसके बीच में गांव का क्रिकेट मैच भी देखने को मिला और उसमें पगबाधा की नाकाम अपील भी की गयी.
इसके अलावा पारंपरिक घर, पहिये और विक्टोरिया युग की पोशाक में सजे लोगों को दिखाया गया. इसके बाद 15 मिनट तक दुनिया भर में औद्योगिक और सामाजिक क्रांति में ब्रिटेन की भूमिका को रोचक अंदाज में दिखाया गया.
इस बीच लगभग 1000 ड्रम वादक माहौल में रस घोलते रहे. इस हिस्से का एक आकषर्ण अग्निचक्र और ओलंपिक के पांच चक्रों का धुएं के साथ जमीन से उपर उठना रहा.
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवाओं को बड़े खूबसूरत अंदाज में पेश किया गया. बाल साहित्य वाले हिस्से में बच्चों का बड़ा समूह था और यह कुछ हद तक हैरी पाटर की कहानी से प्रभावित भी दिखा. बच्चों के चहेते हास्य कलाकार मिस्टर बीन यानि रोवन एटकिन्सन ने खूब हंसाया. प्रेम गीतों के साथ थिरकते नर्तकों के साथ दर्शक भी झूमने लगे. इसके बाद वाले खंड को नाम दिया गया था, ‘शुक्रिया टिम’.
टिम यानि ब्रिटेन के कम्प्यूटर साइन्टिस्ट और वर्ल्ड वाइड वेब की शुरुआत करने वाले सर टिम बर्नर्स ली. एमिली संडे ने ‘अबाइड विद मी’ गीत गाया. इसे हेनरी फ्रांसिस लायटे ने 1847 में लिखा था. इसे पूरा करने के तीन महीने बाद ही उनका निधन हो गया था. यह 1927 से प्रत्येक एफए कप फाइनल और रग्बी लीग अंतरराष्ट्रीय मैचों में गाया जाता है. इसके बाद महात्मा गांधी का प्रिय भजन भी गाया गया.
ओलंपिक ध्वज को जमाने के दिग्गज धावक हेले गेब्रेसेलासी, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून सहित भारतीय शमी चक्रवर्ती भी शामिल थी. दर्शकों ने जब जमकर तालियां बजायी जब महान मुक्केबाज मुहम्मद अली ध्वज के पास पहुंचे. खिलाड़ियों की तरफ से ताइक्वांडो खिलाड़ी सराह स्टीवेनसन, रेफरियों की तरफ से मुक्केबाजी के रेफरी मिक बासी और कोचों की तरफ से एरिक फेरेल ने शपथ ली.