भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के शॉट के चयन के खुश नहीं है हालांकि उनकी टीम ने त्रिकोणीय श्रृंखला में जीत दर्ज की. भारत ने बीच में जल्दी-जल्दी विकेट गंवाये जिससे एक समय वह संकट में पड़ गया था.
धोनी ने कहा, ‘कुछ शॉट हैं जिन्हें हमें नहीं खेलना चाहिए. अच्छा रहा कि हम मैच जीतने में सफल रहे. हम इसे हार भी सकते थे.’
धोनी ने कहा, ‘जब मैं आउट हुआ और विराट रन आउट हो गया तो मैच किसी के पाले में भी जा सकता था. ऐसा लग रहा था कि यह श्रीलंका के पक्ष में चला जाएगा. उनके पास लसिथ मालिंगा था और हमारे पास जडेजा और अश्विन के रूप में आखिरी अच्छे बल्लेबाज थे. (मालिंगा) जिस तरह का एक्शन है यदि आपने एक गेंद का सही तरह से अनुमान नहीं लगाया तो आप आउट हो सकते हो.’
धोनी ने रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की तारीफ की जिन्होंने अच्छी गेंदबाजी करने के बाद भारत को आखिर में लक्ष्य तक भी पहुंचाया.
उन्होंने कहा, ‘हम जीतें या हारें, मैं हमेशा मुस्कराता रहता हूं. विजयी टीम का हिस्सा बनना अच्छा लगता है. गेंदबाजों ने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया. प्रवीण कुमार आज नहीं चल पाया लेकिन अश्विन ने अच्छा प्रदर्शन किया तथा उसने पावरप्ले और स्लॉग ओवरों में अच्छी गेंदबाजी की. उसने बेहतर गेंदबाजी की और जब हम लक्ष्य का पीछा कर रहे थे तब अच्छी बल्लेबाजी भी की.’
धोनी ने कहा, ‘हमें रवींद्र जडेजा पर सातवें नंबर के बल्लेबाज के रूप में विश्वास था. उसने अच्छी गेंदबाजी भी की. धोनी ने इसके साथ ही कहा कि चोटी के तीन बल्लेबाज आगे के मैचों में भी रोटेट होते रहेंगे.
उन्होंने कहा, ‘हम रोटेशन पर ध्यान दे रहे हैं. मैं चाहता हूं कि रोहित अधिक से अधिक मैच खेले. इससे उसे जमने का अवसर मिलेगा. हम उसे टूर्नामेंट के पहले चरण में मौके दे सकते हैं. उसे लंबे समय तक मौके देना महत्वपूर्ण है.’
धोनी ने कहा, ‘रोहित अब भी घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में ढेरों रन बना रहा है. उसने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का सामना किया और रन बनाये. आज भी उसका शॉट बुरा नहीं था लेकिन प्वाइंट के क्षेत्ररक्षक ने बेहतरीन कैच लिया.’
उन्होंने कहा, ‘हमें उसका समर्थन करने की जरूरत है. उसमें जिस तरह की प्रतिभा है, उम्मीद है कि वह अच्छा प्रदर्शन करेगा. वह अच्छा क्षेत्ररक्षण भी कर सकता है और जरूरत पड़ने पर गेंदबाजी भी कर सकता है.’ भारत ने लंबे समय बाद अपने पांचों गेंदबाजों को आजमाया और कामचलाउ गेंदबाजों को नहीं लगाया.
धोनी ने कहा, ‘एक छोर से गेंद थोड़ा टर्न ले रही थी. दूसरी तरफ विकेट सपाट था और मुझे लगा कि यदि मैं कामचलाउ गेंदबाज को आजमाता हूं तो विरोधी टीम के लिये रन बनाना आसान होगा. मैंने सोचा कि यदि मैं रक्षात्मक रणनीति में प्रवीण को लगाता तो उसे थोड़ी स्विंग मिलेगी और वह दबाव कायम रख सकते थे.’