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भारतीय शैली की आक्रामक हॉकी खेलोः भास्करन

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान वासुदेव भास्करन का मानना है कि भारतीय हॉकी टीम को लंदन ओलंपिक में पदक हासिल करने के लिए अपनी शैली की आक्रामक हॉकी खेलनी चाहिए.

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भारतीय हॉकी
भारतीय हॉकी

32 साल पहले आखिरी बार हॉकी में ओलम्पिक का स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान वासुदेव भास्करन का मानना है कि भारतीय हॉकी टीम को लंदन ओलम्पिक में पदक हासिल करने के लिए अपनी शैली की आक्रामक हॉकी खेलनी चाहिए.

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भास्करन ने कहा, 'भारतीय हॉकी परम्परागत रूप से व्यक्तिगत कौशल, हॉकी की कलात्मकता और आक्रामक खेल की वजह से जानी जाती है. इसीलिऐ हमारी टीम को दूसरों की नकल करने की बजाय भारतीय शैली में ही शुरू से आखिर तक आक्रामक खेल खेलना चाहिए.'

टीम को पदक जीतने की शुभकामनाएं देते हुए 61 साल के भास्करन ने कहा कि अगर टीम आखिरी पांच स्थान तक भी पहुंचती है तो यह भी गौरव की बात होगी.

उनके मुताबिक, 'यह टीम अनुभवी है और इसमें कुछ बहुत ही अच्छे खिलाड़ी हैं, मुझे विश्वास है कि टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी और पदक जीतने का सपना जरूर पूरा होगा. वर्तमान में 10वें पायदान पर स्थित भारतीय टीम अगर पांचवे स्थान पर भी आती है तो यह काफी सम्मान की बात होगी.'

गोलकीपर भरत छेत्री की कप्तानी में भारतीय टीम ने आठ साल के बाद फ्रांस को 8-1 से हरा कर ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया है. ओलम्पिक में भारतीय टीम नीदरलैंड के खिलाफ 30 जुलाई को अपने अभियान की शुरूआत करेगी.

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इसके बाद न्यूजीलैंड से एक अगस्त को, जर्मनी से तीन अगस्त, कोरिया से पांच अगस्त और बेल्जियम से सात अगस्त को भिड़ंत होनी है. कई बार भारतीय टीम के कोच रह चुके भास्करन का मानना है कि भारत के प्रदर्शन की कुंजी सरदारा सिंह और ड्रैग फ्लिकर संदीप सिह के हाथ में होगी.

उन्होंने कहा, "मैं इन दोनों पर भरोसा करते हुए इनसे जबरदस्त प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा हूं. टीम की सफता मिडफील्डरों के ही हाथ में है और मुझे खुशी है कि सरदारा टीम में हैं.'

 

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