पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल (एसएडी)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत मिल गया है. मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जहां जीत पर खुशी जताई है, वहीं कांग्रेस ने चुनाव नतीजों पर 'हैरानी' जताई है.
निर्वाचन आयोग के शाम 4.45 बजे के आंकड़ों के मुताबिक अकाली दल-भाजपा गठबंधन राज्य की 117 सदस्यीय विधानसभा में 65 सीटें जीत चुका है, जबकि तीन सीटों पर वह आगे है. कांग्रेस 46 सीटों पर जीत चुकी है. तीन सीटें अन्य उम्मीदवारों के खाते में गई हैं.
कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए यह गठबंधन लगातार दूसरी बार राज्य में सत्ता हासिल करने जा रहा है, जो एक इतिहास है. पिछले करीब चार दशक में कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने में कामयाब नहीं रही.
चुनाव परिणाम से बेहद खुश दिख रहे प्रकाश सिंह बादल (84) ने गांव बादल में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, 'मैं पंजाब की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझमें दोबारा विश्वास दिखाया. उनके प्रति कृतज्ञता जाहिर करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. उनकी वजह से हमें इतनी बड़ी जीत मिली है.'
बेटे व अकाली दल के अध्यक्ष तथा राज्य के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के साथ प्रकाश सिंह बादल ने कहा, 'हमारी जीत के दो कारण हैं. हम राज्य में शांति एवं विकास का एजेंडा लेकर लोगों के पास गए. मैं खुश हूं कि हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरे. नई सरकार में हम और मेहनत से काम करेंगे.'
प्रकाश सिंह बादल ने यह भी कहा कि वह बुधवार को पूरे परिवार के साथ हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) मत्था टेकने जाएंगे. पंजाब में नई सरकार के शपथ-ग्रहण से पहले गुरुवार को अकाली दल और भाजपा के बीच बैठक की सम्भावना भी है.
उधर, कांग्रेस ने चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, 'हमने अपनी हार स्वीकार कर ली है. हम देखेंगे कि कहां गलती हुई.'
चुनाव नतीजों पर हैरानी जताते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं हार की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं. नतीजे चौंकाने वाले हैं.' दरअसल, कांग्रेस को उम्मीद थी कि राज्य के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के अकाली दल से अलग होने के कारण सत्ताधारी गठबंधन कमजोर होगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
अकाली दल से अलग होकर पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का गठन करने वाले मनप्रीत स्वयं मौर और गिदड़बाहा, दोनों विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव हार गए. वहीं, लाम्बी विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पीपीपी उम्मीदवार व अपने छोटे भाई गुरदास बादल और कांग्रेस उम्मीदवार व अपने चचेरे भाई महेशिंदर सिंह बादल से जीत गए हैं.
जलालाबाद सीट से सुखबीर सिंह बादल 50,000 से अधिक मतों के अंतर से आगे चल रहे हैं. अमरिंदर सिंह पटियाला शहरी विधानसभा क्षेत्र से 42,000 मतों के अंतर से जीत गए, जबकि उनके बेटे रनिंदर सिंह सामना सीट से चुनाव हार गए हैं. उन्हें अकाली दल के सुरजीत सिंह रखरा ने सात हजार से अधिक मतों ने हराया.