टी-20 लीग में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले रुद्र प्रताप सिंह भले ही भारतीय टीम की भविष्य की योजनाओं में शामिल नहीं हों लेकिन इस तेज गेंदबाज को उम्मीद है कि इस टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट का पांचवां सत्र उन्हें राष्ट्रीय टीम में वापसी की दौड़ में शामिल कर देगा.
टी-20 के चार टूर्नामेंट में 56 विकेट चटकाने वाले मुंबई के इस तेज गेंदबाज की नजरें सितंबर में श्रीलंका में होने वाले आईसीसी टी20 विश्व कप के जरिये टीम में वापसी पर टिकी हैं.
आरपी ने कहा, ‘यह काफी बड़ा टूर्नामेंट है. सभी मैच अहम हैं और मुझे खुशी है कि मैं पिछले चार टूर्नामेंट में प्रभाव छोड़ पाया. यह खिलाड़ियों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा का मंच देता है. मैं दो बार इस टूर्नामेंट के जरिये वापसी करने में सफल रहा हूं. इस बार भी मैं इसे लेकर उत्साहित हूं.’
वानखेड़े में मुंबई के अभ्यास के इतर इस 26 वर्षीय गेंदबाज ने बताया कि वह अपनी गेंदबाजी पर कड़ी मेहनत करने के अलावा नेट पर बल्लेबाजी पर भी ध्यान दे रहे हैं जिससे कि डेथ ओवरों में टीम के लिए उपयोगी रन जुटा सकें.
आरपी ने बल्लेबाजी में भी हाथ दिखाने वाले मुंबई के अपने साथी गेंदबाजों हरभजन सिंह और लसिथ मलिंगा का संदर्भ देते हुए कहा, ‘मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं. मैं टूर्नामेंट में खेलने को लेकर बेताब हूं. फिटनेस को लेकर कोई चिंता नहीं है. टी20 में कुछ बल्लेबाजी भी काफी अहम साबित हो सकती है. टीम के प्रदर्शन में योगदान देने के लिए मैं अपनी बल्लेबाजी पर भी ध्यान दे रहा हूं.’
बायें हाथ का यह तेज गेंदबाज डेक्कन और कोच्चि के साथ पिछले टूर्नामेंटों में सफल रहा है और टी-20 लीग के दूसरे संस्करण में उन्हें हैदराबाद की टीम की ओर से खेलते हुए टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट चटकाने के लिए पर्पल कैप भी मिली थी.
मुंबई की टीम ने टी-20 लीग के पांचवें संस्करण के लिए आरपी को छह लाख डालर में खरीदा और इस तेज गेंदबाज ने कहा कि वह भाग्यशाली है कि उसे सचिन तेंदुलकर के साथ खेलने का मौका मिला.