हाल में संन्यास लेने वाले क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने कहा कि उन्हें भारतीय ड्रेसिंग रूम का हिस्सा नहीं होने की कमी खलेगी लेकिन साथ ही विश्वास जताया कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उनके साथी भारतीय क्रिकेट की विरासत को आगे बढ़ाने में सफल रहेंगे.
इस महीने के शुरू में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले द्रविड़ ने कहा कि पिछले साल भारत को विश्व कप जीतते हुए देखना उनके लिये विशेष क्षण था और उम्मीद जतायी कि धोनी और उनकी टीम भविष्य में भारतीय क्रिकेट को और मजबूत टीम बनाएंगे.
उन्होंने यह सम्मान समारोह में कहा, ‘माही आपने इस भारतीय टीम के साथ जो कुछ किया उस पर आपको गर्व होगा. विश्व कप 2007 में पहले दौर में बाहर होने के बाद हमारे खिलाड़ियों का विश्व कप थामना मेरे लिये विशेष क्षण था.’
द्रविड़ ने कहा, ‘यह यादगार पल था. यह प्रेरणादायी था. दस वर्षीय बालक के रूप में कपिल देव को विश्व कप उठाते हुए देखना और फिर 2011 में ऐसा करते हुए देखना विशेष था. मैं जानता हूं कि आपने दस साल के कई बच्चों को प्रेरित किया होगा. चुनौतियां हैं लेकिन भारतीय टीम को आगे बढ़ाने के लिये आप सही व्यक्ति हो.’
उन्होंने कहा, ‘हमने माही के लिये मजबूत विरासत छोड़ी है और मुझे विश्वास है कि वह इसे नई उंचाईयों तक पहुंचाएंगे. मैं भले ही नहीं खेलूंगा लेकिन बड़ी दिलचस्पी से आपको खेलते हुए देखूंगा. आपके पास प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं. मुझे उम्मीद है कि भविष्य में भारतीय क्रिकेट मैदान के अंदर और बाहर बेहद मजबूत बनेगा.’
इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्होंने खुद से वादा किया है कि वह किसी भी समारोह में भावुक नहीं होंगे और पिछले दो तीन सप्ताह में उनके धर्य की परीक्षा हो रही है. द्रविड़ ने अपने पहले कोच के के तारोपोर तथा कर्नाटक और भारतीय टीम से जुड़े कोचों का आभार व्यक्त किया.
उन्होंने अपने सीनियर खिलाड़ियों और साथियों का शुक्रिया अदा किया और विशेष रूप से सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और अनिल कुंबले का जिक्र किया.
उन्होंने कहा, ‘जब मैं कुछ सीनियर खिलाड़ियों को देखता हूं तो खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे उनके साथ बात करने का मौका मिला जबकि बचपन में मैं केवल उनके ऑटोग्राफ लेने के सपने देखा करता था.’
द्रविड़ ने कहा, ‘मैं अनिल का शुक्रिया अदा करता हूं. उन्होंने कहा कि वह मुझे आईपीएल के बाद व्यस्त रखेंगे, मैं नहीं जानता कि वह क्या करना चाहते हैं. मैं सौरव का शुक्रिया अदा करता हूं. हमने कई शानदार साझेदारियां निभायी. कप्तान और उप कप्तान पति-पत्नी की तरह होते हैं और हमने बेहतरीन तरीके से इसे निभाया.’
उन्होंने कहा, ‘लक्ष्मण का शुक्रिया. आपके बिना कोलकाता (2001 टेस्ट) संभव नहीं था. यह मेरे लिये सम्मान की बात थी कि मैंने एक भारतीय की सर्वोत्तम पारी दूसरे छोर से देखी. दूसरी स्लिप में आपके साथ का मैं आभार व्यक्त करता हूं जहां हमने कई विषयों पर चर्चा की.’