भारत आगामी एकदिवसीय क्रिकेट श्रृंखला में जब इंग्लैंड की मेजबानी करेगा तो प्रत्येक पारी में एक की जगह दो गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा क्योंकि आईसीसी के नये नियम 1 अक्तूबर से लागू हो जाएंगे.
आईसीसी के कार्यकारी बोर्ड ने मई में लंदन में अपनी बैठक के दौरान आईसीसी की क्रिकेट समिति के संशोधन के इन प्रस्तावों को स्वीकृति दी थी.
भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की श्रृंखला 14 अक्तूबर से हैदराबाद में शुरू होगी. प्रत्येक पारी में दो गेंदों के इस्तेमाल के नियम केवल एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में लागू होंगे. आब्सट्रक्टिंग द फील्ड (क्षेत्ररक्षण में गतिरोध) को लेकर भी खेल के तीनों प्रारूपों में नये नियम लागू किये जाएंगे.
नियम के तहत, क्षेत्ररक्षण टीम की अपील पर, अगर अंपायर को लगता है कि बल्लेबाज रन लेते हुए बिना किसी कारण के अपनी दिशा में बड़ा बदलाव करता है तो इस तरह क्षेत्ररक्षण के उसे रन आउट करने के प्रयास में बाधा उत्पन्न करता है और बल्लेबाज को क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने के लिए आउट दिया जाना चाहिए. यह मायने नहीं रखता कि वह रन आउट हो रहा था या नहीं.
आईसीसी ने कहा, ‘यह भी संभव है कि बल्लेबाज को ऐसे हालात में क्षेत्ररक्षण में बाधा के लिए आउट दिया जाये जबकि दौड़ने के दौरान उसने अपनी दिशा में काफी अंतर नहीं किया, बशर्ते अंपायर को स्पष्ट हो कि बल्लेबाज ने किसी और तरह से क्षेत्ररक्षण में गतिरोध उत्पन्न करने का प्रयास किया.’ इस फैसले को लेने में मैदानी अंपायर तीसरे अंपायर की मदद ले सकते हैं लेकिन अंतिम फैसला मैदानी अंपायर लेगा और बल्लेबाज को बताएगा.
इसके अलावा 50 ओवर के प्रारूप में पावरप्ले से जुड़ा नया नियम भी प्रभावी होगा. नये नियम के तहत पावर प्ले के कुल ओवरों की संख्या प्रत्येक पारी में 20 ही रहेगी. पावर प्ले के पहले दस ओवरों के साथ पारी की शुरुआत अनिवार्य होगी जबकि दूसरा और तीसरा पावरप्ले 16 ओवर से पहले नहीं लिया जा सकेगा और इसे 40 ओवर तक खत्म करना होगा.
आईसीसी के अनुसार, ‘यह बंदिश 40 ओवर से कम की पारी में लागू नहीं होगी. इसके अलावा क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में बल्लेबाज को रनर नहीं मिलेगा.’ घायल या बीमार बल्लेबाज के पास रिटायर्ड हर्ट हो कर बाद में वापस आने का विकल्प होगा. नौ विकेट गिरने की स्थिति में यह विकल्प नहीं हो सकता.
गेंदबाजी छोर पर खड़े बल्लेबाज को गेंदबाज द्वारा गेंदबाजी के दौरान रन आउट करने को लेकर भी आईसीसी ने नये नियम जारी किया है. इस नियम के तहत गेंदबाज को रनिंग पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने का प्रयास करने की स्वीकृति होगी बशर्ते उसने गेंद नहीं फेंकी हो और अपना सामान्य गेंदबाजी एक्शन भी पूरा नहीं किया हो. यह प्रयास सफल रहे या नहीं, गेंद को नहीं गिना जाएगा. अगर गेंदबाज का प्रयास विफल रहता है तो अंपायर को इसे जल्द से जल्द ‘डेड बाल’ कहना चाहिए.
अंपायरों से अब अगर कोई भी कप्तान लंच या चाय के विश्राम से पहले 15 मिनट (न्यूनतम चार ओवर) के अतिरिक्त खेल का आग्रह करता है तो वह इस पर फैसला कर सकते है लेकिन तभी जब उन्हें लगे कि इस सत्र में निश्चित तौर पर नतीजा आ जाएगा. अगर अंपायरों को लगता है कि नतीजा हासिल नहीं किया जा सकता तो अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा. एक अन्य नियम के तहत अगर लंच और चाय के नियमित समय तक नौ विकेट गिर गये हैं तो विश्राम के समय को अधिकतम आधे घंटे तक टाला जा सकता है.
बिना किसी बाधा वाले एकदिवसीय मैच में पारी के बीच के अंतराल को 20 मिनट से बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया है.