पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान का मानना है कि सचिन तेंदुलकर को पिछले साल भारत के विश्व कप जीतने के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिये था.
इमरान ने कहा, ‘हम सभी बड़ी उपलब्धि के साथ खेल से विदा लेना चाहते है लेकिन हमेशा ऐसा हो नहीं पाता. सचिन के लिये वह पल विश्व कप जीतना था. उसने विश्व कप में बेहतरीन खेल दिखाया. वह महान खिलाड़ी है और उसका कोई विकल्प नहीं.’
उन्होंने कहा, ‘उसे खुद तय करना है कि खेल को अलविदा कब कहना है. आस्ट्रेलिया से 4-0 से हारने के बाद तो नहीं जाना चाहेगा. विश्व कप के बाद वह क्रिकेट से संन्यास लेता तो इससे बेहतर कुछ नहीं होता.’
इमरान ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को संन्यास के बारे में खुद फैसला लेने का हक है और प्रबंधन को पहले उनके विकल्प तलाशने होंगे. उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों के लिये यह कठिन सवाल है कि वह कब संन्यास लेंगे. यह काफी कठिन फैसला है.’
इमरान ने कहा, ‘भारतीय क्रिकेट में एक नहीं बल्कि तीन या चार ऐसे खिलाड़ी है. अहम सवाल उनके विकल्प का है. युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के बीच लंबा अंतराल हो तो उम्रदराज खिलाड़ियों को टीम में रखना पड़ता है.’
तेंदुलकर के बहुप्रतीक्षित सौंवे अंतरराष्ट्रीय शतक के बारे में उन्होंने कहा कि महान खिलाड़ियों के लिये आंकड़े मायने नहीं रखते. उन्होंने कहा, ‘रिकार्ड टूटने के लिये बनते हैं. रिकार्ड बनाने के लिये कोई नहीं खेलता. रिकार्ड जीत का हिस्सा होते हैं. सचिन महान खिलाड़ी है. मैं कभी यह नहीं सोचता कि उसने 99 शतक बनाये हैं या 100.’
इमरान ने कहा, ‘मेरी नजर में महानतम क्रिकेटर विव रिचर्डस हैं. मुझे उनका रिकार्ड देखने की जरूरत नहीं है. वह महान इसलिये हैं क्योंकि उन्हें चुनौतियां पसंद थी. रिकार्ड आंकड़े ही तो हैं जो महान खिलाड़ियों के लिये मायने नहीं रखते.’ इमरान ने कहा कि यदि उनकी टीम भारत की तरह विदेश में शर्मनाक पराजय झेलती तो वह खेल को अलविदा कह देते.
उन्होंने कहा, ‘मैं तो संन्यास ले लेता. यदि मैं ऐसी टीम में हूं जो लगातार आठ टेस्ट हार चुकी है तो मैं खेल ही छोड़ देता. भारत को आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने हराया है. यह कोई 80 के दशक की कैरेबियाई टीम नहीं है. इस आस्ट्रेलियाई टीम ने कोई श्रृंखला नहीं जीती है.’