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सचिन के लिए लकी साबित होगा सिडनी का ग्राउंड?

सचिन तेंदुलकर के महाशतक का इंतजार लंबा हो चला है लेकिन अब माना जा रहा है कि सचिन आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर महाशतक लगाने में सफल होंगे क्योंकि इससे पहले भी दो अवसरों पर उन्होंने सैकड़े का लंबा इंतजार इसी मैदान पर खत्म किया था.

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सचिन
सचिन

सचिन तेंदुलकर के महाशतक का इंतजार लंबा हो चला है लेकिन अब माना जा रहा है कि सचिन आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर महाशतक लगाने में सफल होंगे क्योंकि इससे पहले भी दो अवसरों पर उन्होंने सैकड़े का लंबा इंतजार इसी मैदान पर खत्म किया था.

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तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 100वें शतक के लिये पिछले साल 12 मार्च से इंतजार कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने 19 अंतरराष्ट्रीय पारियां खेली हैं लेकिन पिछले आंकड़ों को देखकर लग रहा है कि सिडनी में वह यह इंतजार समाप्त करने में सफल रहेंगे. स्वयं तेंदुलकर ने भी स्वीकार किया है कि सिडनी का मैदान विदेशों में उनके लिये सबसे प्रिय मैदान है.

वैसे यह पहला अवसर नहीं है जबकि तेंदुलकर को अपने शतक के लिये इतना लंबा इंतजार करना पड़ा.

इससे पहले पांच अवसरों पर वह 20 या इससे अधिक पारियों में सैकड़ा जड़ने में नाकाम रहे थे. उन्हें अपने अगले शतक के लिये सबसे लंबा इंतजार मई 2007 से जनवरी 2008 के बीच करना पड़ा था. तेंदुलकर तब 34 अंतरराष्ट्रीय पारियों तक शतक नहीं जड़ पाये थे और संयोग से उन्होंने यह इंतजार सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खत्म किया था.

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यही नहीं अपने दूसरे शतक के लिये 24 पारियों का इंतजार भी तेंदुलकर ने सिडनी में ही खत्म किया था. तेंदुलकर ने अपने करियर का 78वां अंतरराष्ट्रीय शतक बांग्लादेश के खिलाफ मई 2007 में मीरपुर में दूसरे टेस्ट मैच में लगाया था. इसके बाद 34 पारियों तक वह तिहरे अंक में नहीं पहुंच पाये थे. इस बीच सात पारियों में वह नर्वस नाइंटीज के शिकार बने. इनमें से तीन पारियों में तो वह 99 रन पर आउट हुए थे.

तेंदुलकर ने 2008 में स्वीकार किया था कि वह फिर से 90 रन के पार पहुंचने के बाद चूकना नहीं चाहते थे और इसलिए उन्होंने स्कोर बोर्ड की तरफ नहीं देखा था.

उन्होंने कहा, ‘यह कुछ अलग हटकर था क्योंकि 2007 में मैं कई बार शतक से चूका था और मैं फिर से ऐसा नहीं चाहता था.’ भारत के इस स्टार बल्लेबाज ने अपना पहला शतक भी 21वीं अंतरराष्ट्रीय पारी में लगाया था. इसके बाद अगले शतक के लिये उन्हें 24 पारियों का इंतजार करना पड़ा था.

भारत जब 1991-92 में आस्ट्रेलिया दौरे पर गया तो सिडनी में दो जनवरी से शुरू हुए तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में उन्होंने नाबाद 148 रन बनाकर शतक का इंतजार समाप्त किया था. अब तेंदुलकर 19 पारियों से शतक लगाने में असफल रहे हैं. इस बीच वह दो बार 90 रन के पार पहुंचने के बावजूद शतक पूरा करने से चूक गये थे.

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तेंदुलकर को अपने लंबे करियर के दौरान 20वें अंतरराष्ट्रीय शतक के लिये 21 पारी और 76वें शतक के लिये 20 पारी तक इंतजार करना पड़ा था.

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