स्पोर्ट्स बिल पर बना गतिरोध बड़ा होता जा रहा है. बुधवार को खेलमंत्री अजय माकन, बीसीसीआई पर बुरी तरह भड़क उठे. खेल बिल का विरोध करने के पीछे उन्होंने बीसीसीआई समेत सभी खेल संगठनों पर सवाल उठाए.
माकन ने ख़ास तौर पर बीसीसीआई को निशाना बनाते हुए पूछा कि आख़िर बिल के विरोध का आधार क्या है. बीसीसीआई को किसी ना किसी रूप में सरकारी मदद मिलती है. उन्हें मुफ्त ज़मीन और टैक्स में छूट हासिल होती है. मैचों के दौरान पुलिस की सुरक्षा मिलती है तो वे आख़िर निगरानी से आज़ाद क्यों रहना चाहते हैं. उन्हें देश की जनता के लिए जवाबदेह होना चाहिए.
आख़िर स्पोर्ट्स बिल को कैबिनेट की मंज़ूर क्यों नहीं मिल पाई. युवा मामले और खेल मंत्रालय की तरफ से स्पोर्ट्स डेवलपमेंट बिल तैयार किया गया था. बिल पर कैबिनेट में लंबी बहस हुई. लेकिन खेल संगठनों पर काबिज नेताओं के विरोध की वजह से ये बिल अटक गया.
खेल मंत्री अजय माकन कहते हैं, ‘कैबिनेट में जो हुआ उस पर मैं टिप्पणी करना नहीं चाहता, लेकिन खेल मंत्रालय का रुख़ साफ़ है. हमारी कोशिश किसी भी तरह से खेल संगठनों पर शिकंजा कसने की नहीं है. हम खेल संगठनों के मैनेजमेंट में अपना प्रतिनिधि भी नहीं रखना चाहते. ना ही हम उन्हें निर्देश दे रहे हैं कि वे अजय माकन या फिर दूसरे सांसदों या मंत्रियों को कोई ओहदा दें.
हम सिर्फ़ इतना चाहते हैं कि उनके काम-काज में पूरी पारदर्शिता हो. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि वे अपनी टीम देश के बाहर भेजते हैं तो क्या वे पूरे देश के लिए जवाबदेह नहीं हैं. हम चाहते हैं कि आरटीआई के ज़रिए उनके बही-ख़ाते जनता की पहुंच में रहें.