स्पॉट फिक्सिंग मामले में लंदन की एक अदालत ने पाकिस्तान के तीन क्रिकेटरों सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर समेत बुकी मजहर मजीद को जेल की सजा सुनाई.
सलमान बट को 30 महीने, मोहम्मद आसिफ को 12 महीने और मोहम्मद आमिर को 6 महीने कैद की सजा सुनाई है जबकि बुकी मजहर मजीद को 2 साल 8 महीने कैद की सजा सुनाई है.
लगभग तीन हफ्ते चली सुनवाई में खिलाड़ियों के एजेंट मजहर मजीद को सबसे कड़ी सजा सुनाते हुए न्यायमूर्ति जेरेमी कुक ने उन्हें दो साल और आठ महीने के लिए जेल भेजा. कुक ने सजा पाने वाले चारों लोगों से कहा, ‘रिआयत की अपील के बावजूद ये अपराध इतने गंभीर हैं कि जेल की सजा ही उपयुक्त होगी.’
अपने साथियों को भ्रष्ट करने वाले बट को इस पूरे घोटाले का ‘सूत्रधार’ कहा गया. इस प्रकरण का खुलासा अब बंद हो चुके टेब्लायड ‘न्यूज आफ द वर्ल्ड’ ने पिछले साल अगस्त में एक स्टिंग आपरेशान के जरिये किया था. न्यायाधीश ने कहा, ‘यह साफ है कि तुम इन मामलों के सूत्रधार हो. आपको यह सुनिश्चित करना था कि ये दोनों गेंदबाज फिक्स समय के मुताबिक गेंदबाजी करें.’
कुक ने आसिफ से कहा, ‘तुम्हारे पास से कोई पैसा नहीं मिला लेकिन यह स्पष्ट है कि तुमने नोबॉल फेंकने के लिए साजिश रची.’ बट और आसिफ को मंगलवार को जूरी ने धोखाधड़ी की साजिश रचने और गलत तरीके से पैसा स्वीकार करने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था. मजीद और आमिर ने सितंबर में सुनवाई से पूर्व ही अपना दोष स्वीकार कर लिया था.
इन क्रिकेटरों को हालांकि अपनी सजा का केवल आधा समय जेल में बिताना पड़ सकता है क्योंकि अच्छा बर्ताव होने पर इन्हें लाइसेंस पर रिहा किया जा सकता है. इन तीनों क्रिकेटरों को साथ ही मामले में आये खर्च का भुगतान करने को भी कहा गया है. बट को 30937 पाउंड जबकि आसिफ और आमिर को क्रमश: 8120 और 9389 पौंड देने को कहा गया है.
न्यायाधीश कुक ने कहा, ‘अब जब लोग मैच में हैरान करने वाली चीजें देखेंगे या कोई हैरानी भरा नतीजा आएगा या कभी भविष्य में कोई हैरानी भरा नतीजा आएगा, तो पैसे खर्च करके मैच देखने वाले खेल के प्रशंसक सोचेंगे कि कहीं यह मैच फिक्स तो नहीं है या जो उन्होंने देखा क्या वह स्वाभविक था.’ ये तीनों क्रिकेटर जब अदालत पहुंचे तो मीडियाकर्मियों और आम आदमियों के बीच कमरे में जगह पाने के लिए खींचतान भी हुई.
स्पॉट फिक्सिंग का यह सारा प्रकरण पिछले साल अगस्त में शुरू हुआ जब स्तब्ध करने वाली वह फुटेज सामने आई जिसमें मजीद दावा कर रहा था कि वह 10 लाख डालर में टेस्ट मैच फिक्स कर सकता है. उसने दावा किया किया बट, आसिफ और आमिर उसके लिए काम करते हैं और उसने खुलासा किया कि कैसे तीन तीनों ने साजिश के तहत इंग्लैंड के खिलाफ लार्डस टेस्ट के दौरान जानबूझकर नोबाल फेंकी.
पुलिस ने स्टिंग आपरेशन के बाद क्रिकेटरों के होटल के कमरों में छापा मारा और नकद राशि बरामद की जिसके बारे में ये दोनों कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये. आईसीसी ने इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए बट को 10 साल (पांच साल निलंबित), आसिफ को सात साल (दो साल निलंबित) और आमिर को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया.
इससे पहले हुए मैच फिक्सिंग मामलों में हैंसी क्रोन्ये, सलीम मलिक और मोहम्मद अजहरूद्दीन जैसे नामी क्रिकेटर को विभिन्न न्यायिक आयोगों ने दोषी पाया लेकिन किसी भी क्रिकेटर को अब तक आपराधिक सजा नहीं सुनाई गई थी. ब्रिटेन की अदालत में धोखाधड़ी के लिए खिलाड़ियों को सजा सुनाने का एकमात्र मामला 1964 में सामने आया था जब तीन फुटबालरों को मैच गंवाने के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी.
सजा सुनाये जाने के दौरान अभियोग पक्ष के वकील आफताब जाफरजी क्यूसी ने कहा कि बट और आसिफ ने लालच से प्रेरित होकर एक मैच को ‘दूषित’ किया जिसे लाखों लोगों ने देखा और अपनी टीम, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और खेल को ‘धोखा’ दिया.