दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के पूर्व प्रमुख सुरेश कलमाडी को नोटिस जारी किया. न्यायालय ने इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ को भी नोटिस जारी किया और तीन दिन में कलमाडी के लंदन दौरे के संबंध में जवाब दाखिल करने को कहा है. भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी कलमाडी इस माह लंदन ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए जाने वाले हैं.
कार्यवाहक न्यायाधीश ए.के. सीकरी एवं न्यायाधीश राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कलमाडी के लंदन दौरे पर आपत्ति जताई गई है.
कलमाडी पर राष्ट्रमंडल खेल 2010 के आयोजन में अनियमितता का आरोप है और इस मामले में उनके खिलाफ सुनवाई चल रही है. फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं. उनकी योजना 26 जुलाई से 13 अगस्त तक लंदन जाने की है.
अदालत मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को करेगी.
उल्लेखनीय है कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश तलवंत सिह ने 13 जुलाई को अपने आदेश में कलमाडी को 26 जुलाई से 13 अगस्त तक लंदन में रहने की इजाजत दे दी थी.
कलमाडी ने अदालत में अर्जी लगाई थी कि उन्हें लंदन ओलंपिक खेलों के दौरान इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशंस काउंसिल (आईएएएफ) के सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति दी जाए.
न्यायमूर्ति तलवंत सिह ने अपने आदेश में कहा, 'अभियुक्त (कलमाडी) को आईएएएफ की बैठक में भाग लेना है और उसके ऊपर लगे आरोपों पर उसकी ओर से बहस पूरी हो चुकी है. अभियुक्त ने यह भी कहा है कि उसकी ओर से सुनवाई को स्थगित करने की कोई अर्जी नहीं दाखिल की जाएगी और उसकी ओर से उसके वकील सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहेंगे. लिहाजा उसकी अर्जी को स्वीकार किया जाता है.'
इससे पहले अपनी अर्जी में कलमाडी ने कहा था कि वह आईएएएफ की बैठक में एशियन एथलेटिक्स एसोसिएशन (एएए) के अध्यक्ष की हैसियत से भाग लेने के लिए लंदन जाना चाहते हैं. अपनी अर्जी में उन्होंने इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए निमंत्रण पत्र और उसके साथ आए टिकट का विवरण भी लगाया था.
खेलों में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में दाखिल पहले आरोप पत्र में कलमाडी को मुख्य अभियुक्त बनाते हुए उन्हें 141 करोड़ रुपये के टाइम स्कोरिग घोटाले का 'मास्टर माइंड' बताया था.