अपने जमाने के दिग्गज क्रिकेटर विव रिचर्ड्स और इमरान खान ने कहा है कि अगले साल उपमहाद्वीप में होने वाले विश्वकप में यदि भारतीय टीम दबाव को अच्छी तरह से झेलने में सफल रहती है, तो वह 27 साल बाद फिर से विश्व चैंपियन बन सकती है.
रिचर्डस ने दिल्ली में आईसीसी के विश्वकप प्रमोशन कार्यक्रम में कहा कि भारतीय टीम अभी दुनिया की चोटी की टीम है और उस पर विश्वकप में अपेक्षाओं का दबाव रहेगा.
वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘भारत अभी दुनिया की चोटी की टीम है और उस पर इसका काफी दबाव रहेगा. भारत के हालांकि खिताब जीतने की अच्छी संभावनाएं हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ प्रमुख खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में भी जीत दर्ज करने से पता चलता है कि उसके पास कई सारे विकल्प मौजूद हैं.’’
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान इमरान ने भी कहा कि यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत दबाव में किस तरह झेलता है. पाकिस्तान को 1992 में चैंपियन बनाने वाले इस महान ऑलराउंडर ने कहा, ‘‘भारत प्रबल दावेदार है. श्रीलंका उसके काफी करीब है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि विश्वकप में सर्वश्रेष्ठ टीम पर हमेशा दबाव रहा है तथा यह किसी भी अन्य टूर्नामेंट से अलग तरह का दबाव होता है.’’{mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘‘भारत 1983 में चैंपियन बना, लेकिन तब उस पर दबाव नहीं था. वेस्टइंडीज की टीम फाइनल में रिचर्ड्स के आउट होने के बाद दबाव नहीं झेल पायी थी. विश्वकप में विशेषकर सेमीफाइनल से दबाव बनता है, क्योंकि खिलाड़ियों के दिमाग में टूर्नामेंट से बाहर होने का डर रहता है. भारतीय टीम उस दबाव को कैसे झेलती है, यह काफी महत्वपूर्ण होगा.’’
क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने इमरान ने कहा, ‘‘भारतीय टीम अभी बेहतरीन फार्म में है. उसकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी में काफी गहराई है और घरेलू परिस्थितियों का भी उन्हें लाभ मिलेगा. यह अच्छी बात है कि विश्व कप से पहले वह कड़े दौरे पर जा रही है. इससे टीम को अधिक मजबूती मिलेगी. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक चोट का सवाल है तो यह मैचों से इतर भी लग सकती है. मुझे नहीं लगता कि टीमों को इसकी चिंता करनी चाहिए. ’’ कपिल ने हालांकि कहा कि भारत को 19 फरवरी से दो अप्रैल तक भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में होने वाले क्रिकेट महाकुंभ से पहले चोट से बचाना चाहिए.{mospagebreak}
भारत की 1983 विश्व चैंपियन टीम के कप्तान ने कहा, ‘‘भारत और श्रीलंका की टीमें (विश्व कप के लिहाज से) काफी खतरनाक हैं. हम यदि दक्षिण अफ्रीका दौरे में जीत जाते हैं तो इससे खिलाड़ियों को मनोबल बढ़ेगा, लेकिन हमें अपने सीनियर खिलाड़ियों को चोटिल होने से बचाना जरूरी है. ’’
कपिल ने कहा, ‘‘भारतीय टीम कागजों पर बहुत मजबूत दिखती है, लेकिन उसके लिये महत्वपूर्ण यह है कि वह आगे भी टीम के तौर पर खेले. भारत के पास वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी जैसे कई ट्रंप कार्ड हैं, लेकिन हरभजन सिंह अभी फार्म में नहीं है और मुझे नहीं लगता कि वह इतनी जल्दी अपनी सर्वश्रेष्ठ फार्म हासिल कर पाएगा.’’