भारत के लिये कई बार संकटमोचक साबित होने के बावजूद उन्हें भले ही अपने साथी खिलाड़ियों की तरह शोहरत ना मिल सकी हो लेकिन वीवीएस लक्ष्मण का कहना है कि ड्रेसिंग रूम में मिलने वाला सम्मान उनके लिये सबसे अनमोल है.
कई क्रिकेट पंडितों का मानना है कि हैदराबाद के इस स्टायलिश बल्लेबाज को अपने कुछ साथी खिलाड़ियों की तरह शोहरत नहीं मिल सकी लेकिन लक्ष्मण का मानना है कि उनके साथी खिलाड़ियों को उनकी अहमियत पता है.
उन्होंने कहा, ‘मेरे लिये सबसे बड़ी बात है कि मेरे साथियों को पता है कि मैं टीम को संकट से निकाल सकता हूं. विरोधी टीमों को भी पता है कि मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता.’ उन्होंने कहा, ‘इससे काफी संतोष मिलता है कि आपने कठिन परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया. मेरे लिये भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में मिलने वाला सम्मान काफी अहम है.’
लक्ष्मण ने कहा, ‘हम जब गाले टेस्ट हारे थे तो आलोचकों ने कहा था कि भारतीय टीम अपनी सरजमीं पर ही शेर है. हमें ताना मारा जाता था कि क्या हम विदेश में जीतने में सक्षम है.’
लक्ष्मण ने ही कोलंबो टेस्ट में शतक जमाकर भारत को श्रृंखला में बराबरी दिलाई थी.
लक्ष्मण ने कहा, ‘हमने अब डरबन में अहम टेस्ट जीत दर्ज की है. दक्षिण अफ्रीका को उसके तेज विकेटों पर खेलते हुए हराने से अतिरिक्त खुशी मिलती है.’ उन्होंने कहा, ‘हर कोई कहना है कि डरबन में दक्षिण अफ्रीका को हराना बहुत मुश्किल है लेकिन हमने इसे बदल दिया.’
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी पिछले दो साल में टीम के प्रदर्शन पर खुशी जताते हुए कहा, ‘हमारे लिये पिछले दो साल बेहतरीन रहे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2007-08 की श्रृंखला के बाद से कोई नहीं कह सकता कि हम विदेश दौरों पर खराब प्रदर्शन करते हैं. अब हम विदेश में टेस्ट और श्रृंखलायें जीत रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास अब दक्षिण अफ्रीका में श्रृंखला जीतने का मौका है और यही हमारा लक्ष्य है. यदि हम अपनी क्षमता के अनुरूप खेल सके तो जरूर जीतेंगे.’