सचिन तेंदुलकर के महाशतक का पिछले 252 दिन से चला आ रहा इंतजार और बढ़ गया. वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच की दूसरी पारी में सुबह से ही प्रवाहमय बल्लेबाजी कर रहे तेंदुलकर ने शतकों के महाशतक की उम्मीदों को पंख लगा दिये थे लेकिन जैसे ही वह 76 रन बनाकर आउट हुए पूरे स्टेडियम को मानो सांप सूंघ गया.
भारत की जीत और तेंदुलकर के शतकों के शतक की उम्मीद में इस मैच में पहली बार स्टेडियम के हर स्टैंड पर दर्शक दिखायी दे रहे थे लेकिन सैकड़े के मामले में उन्हें निराशा ही हाथ लगी.
तेंदुलकर ने अपना आखिरी शतक इसी साल विश्वकप में 12 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नागपुर में लगाया था और तब से वह 14 अंतरराष्ट्रीय पारियों में तिहरे अंक तक नहीं पहुंचे हैं. अब तक टेस्ट मैचों में 51 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 48 शतक लगाने वाले तेंदुलकर ने सुबह 33 रन से आगे खेलते हुए प्रवाहमय बल्लेबाजी की.
उन्होंने सुबह डेरेन सैमी के पहले ओवर में ही चौका जड़कर अपने इरादे साफ कर दिया था. कैरेबियाई कप्तान के अगले ओवर में तेंदुलकर ने एक्स्ट्रा कवर और प्वाइंट के क्षेत्र से चौके जड़कर उनके महाशतक की उम्मीद में स्टेडियम में पहुंचे दर्शकों को रोमांचित कर दिया. तेंदुलकर ने एडवर्डस की गेंद थर्डमैन पर खेलकर अपना 62वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया. इस बीच जब लक्ष्मण ने चौके लगाये तो दर्शकों ने तालियां जरूर बजायी लेकिन उनमें वह जोश नहीं था क्योंकि इससे तेंदुलकर के शतक की संभावना कम हो जाती.
तेंदुलकर ने इसके बाद रवि रामपाल, मलरेन सैमुअल्स और देवेंद्र बिशू की गेंद को भी सीमा रेखा के दर्शन करवाकर उम्मीदों को पंख लगाये, लेकिन तभी बिशू की करोड़ों दिलों को तोड़ने वाली वह गेंद पड़ गयी जिससे दर्शक सन्न रह गये.
तेंदुलकर जब धीरे-धीरे पवेलियन की तरफ लौट रहे थे तो स्टेडियम में ‘पिन ड्राप साइलेंस’ थी. अब सबकी निगाह कोलकाता पर टिकी रहेगी जहां 14 नवंबर से इस श्रृंखला का दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा. तेंदुलकर के लिये शतकों के मामले में नवंबर का महीना काफी भाग्यशाली रहा है और उम्मीद की जानी चाहिए कि वह इसी श्रृंखला में इंतजार खत्म करने में सफल रहेंगे.