सानिया मिर्जा ने कहा कि लंदन ओलंपिक के लिये टेनिस टीम के चयन विवाद के कारण खिलाड़ियों के बीच मनमुटाव पैदा हुआ तथा महेश भूपति के साथ भी उनके रिश्ते बिगड़े लेकिन वह इसको भुलाकर अब लिएंडर पेस के साथ मिश्रित युगल में पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
भूपति और रोहन बोपन्ना ने पेस के साथ जोड़ी बनाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद पेस को मजबूर होकर कम रैंकिंग के खिलाड़ी विष्णु वर्धन के साथ जोड़ी बनानी पड़ी. वह समझौते के तहत मिश्रित युगल में सानिया के साथ जोड़ी बनाएंगे.
सानिया ने कहा, ‘इस विवाद से किसी का भला नहीं हुआ. इससे हमारे बीच मनमुटाव पैदा हुआ और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे खुशी है कि यह समाप्त हो गया है और मैं अब लिएंडर के साथ मिलकर ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने और पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित कर सकती हूं.’
उन्होंने कहा, ‘हमें अब इसे भुलाकर पदक जीतने पर ध्यान लगाना चाहिए. लिएंडर विंबलडन के फाइनल में पहुंचा और यह सकारात्मक बात है. मैं और महेश हार गये और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हमें फाइनल में खेलना चाहिए था.’
सानिया ने कहा कि चयन विवाद के कारण उनके भूपति के साथ रिश्ते भी खराब हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘उस विवाद को दिमाग से निकालना आसान नहीं था और वह मुझे परेशान कर रहा था. मैंने जो कुछ कहा था उससे ऐसी स्थिति नहीं बनी थीं महेश और मैं बहुत अच्छे मित्र है लेकिन विवाद से हमारी दोस्ती में भी दरार पड़ी है.’
सानिया ने कहा कि वह मिश्रित युगल में भूपति के साथ जोड़ी बनाना पसंद करती लेकिन पेस के साथ मिलकर भी वे पदक जीत सकते हैं.
सानिया ने से कहा, ‘मैं फॉरहैंड खिलाड़ी हूं और महेश बैकहैंड खिलाड़ी है इसलिये मैं अपनी पसंद बता रही थी. लेकिन मैंने कभी नहीं कहा कि मैं किसी खिलाड़ी के साथ खेलूंगी या नहीं. मैं अपने देश के लिये किसी के साथ भी खेलने को तैयार हूं.’
उन्होंने कहा, ‘लिएंडर काफी अच्छे खिलाड़ी हैं और मेरे दोस्त भी हैं. मैं लंबे समय तक उनके साथ खेल चुकी हूं. ओलंपिक में उनके साथ खेलना मेरे लिये सम्मान की बात है. मैं अच्छी फॉर्म में हूं, मैंने भूपति के साथ फ्रेंच ओपन खिताब जीता. पेस भी विंबलडन के फाइनल में पहुंचे हैं इसलिये वह भी अच्छी फार्म में हैं. हमारे पास पदक जीतने का अच्छा मौका है.’
सानिया राष्ट्रमंडल और एशियाई तथा एफ्रो एशियाई खेलों में पदक जीत चुकी हैं और उन्होंने कहा कि अब वह ओलंपिक पदक अपनी झोली में डालना चाहती हैं.
उन्होंने कहा, ‘मेरे पास राष्ट्रमंडल, एशियाई खेलों और एफ्रो एशियाई खेलों समेत 12 पदक हैं. केवल ओलंपिक पदक जीतना रह गया है. इसलिये इस बार मुझे पदक जीतने की उम्मीद है.’
यह पूछने पर कि क्या वह ओलंपिक से पहले पेस के साथ अभ्यास करेंगी तो सानिया ने कहा, ‘मैं लिएंडर से नहीं मिली हूं और न ही मेरी बात हुई है. वह विंबलडन फाइनल में थे लेकिन उनसे मिल नहीं सकी. कप्तान एस पी मिश्रा ने हर किसी से संपर्क किया और कहा कि वह 23 जुलाई तक सभी को लंदन में चाहते हैं इसलिये मैं तब वहां पहुंच जाउंगी.’
सानिया ने कहा, ‘मैं अमेरिका जा रही हूं और सैन डिएगो में खेलूंगी. वहां से मैं लंदन जाउंगी और 23 जुलाई के बाद मुझे लगता है कि मैं लिएंडर के साथ अभ्यास शुरू करूंगी.’
वह इस विचार से बिलकुल भी सहमत नहीं थी कि मिश्रित युगल में पदक जीतना अन्य की तुलना में आसान होगा क्योंकि इसमें 16 टीम का ड्रा है .
सानिया ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह गलत है कि मिश्रित युगल स्पर्धा आसान होगी. लोग कह रहे हैं कि अगर आप दो मैच जीत जाओगे तो आप सेमीफाइनल में पहुंच जाओगे और आप पदक जीत लोगे. लेकिन ड्रा काफी कठिन है. दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मिश्रित टीमें ड्रा में शामिल हैं इसलिये मैच जीतना आसान नहीं होगा.’