अनुभवी बल्लेबाज महेला जयवर्धने को तिलकरत्ने दिलशान के इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद ही फिर से श्रीलंका क्रिकेट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया. दिलशान ने दक्षिण अफ्रीका में टीम के लचर प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया था.
जयवर्धने को भी तीनों प्रारूप का कप्तान बनाया गया है. दूसरी बार टीम के कप्तान बने चौतीस वर्षीय जयवर्धने को फरवरी के शुरू में ही मेजबान ऑस्ट्रेलिया और भारत के खिलाफ त्रिकोणीय श्रृंखला में टीम की अगुवाई करनी होगी.
खेल मंत्री महिंदानंदा अलुथगामगे ने जयवर्धने को कप्तान नियुक्त करने की घोषणा की. एंजेलो मैथ्यूज को 15 सदस्यीय टीम का उप कप्तान बनाया गया है. दिलशान को टीम में जगह दी गयी है.
ऑलराउंडर फारवेज महरूफ और तेज गेंदबाज चनाका वेलेगेदारा को फिर से टीम में शामिल किया गया है. उन्होंने आखिरी बार जून 2010 में श्रीलंका की तरफ से एकदिवसीय मैच खेले थे.इन दोनों को कौशल कुलशेखरा और दिलहारा फर्नांडों की जगह पर टीम में लिया गया है.
दिलशान ने इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में टीम के लचर प्रदर्शन को देखते हुए कप्तान पद छोड़ दिया था. दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को टेस्ट श्रृंखला में 2-1 से जबकि वनडे में 3-2 से हराया था.
यह पहले ही लग रहा था कि दिलशान कप्तानी छोड़ देंगे क्योंकि उनकी अगुवाई में श्रीलंका ने इंग्लैंड, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में श्रृंखला गंवायी और इसके अलावा वह ऑस्ट्रेलिया से घरेलू श्रृंखला जीतने में भी नाकाम रहा.
उन्होंने पिछले साल अप्रैल में विश्व कप फाइनल में भारत के हाथों हार के बाद कुमार संगकारा से कप्तानी संभाली थी. इस 35 वर्षीय बल्लेबाज ने 11 टेस्ट मैचों में श्रीलंका की कप्तानी की जिनमें से टीम ने एक में जीत दर्ज की जबकि पांच मैच में उसे हार झेलनी पड़ी.
कप्तान रहते हुए दिलशान की खुद की फॉर्म भी खराब रही. यही वजह रही कि डरबन की ऐतिहासिक जीत के बावजूद उन पर काफी दबाव था. कप्तान के रूप में दिलशान का टेस्ट औसत 33.60 रहा जबकि उनका औसत 40.89 है.
दिलशान ने 21 वनडे में श्रीलंका की कमान संभाली. इनमें से आठ में जीत और 13 में हार मिली. इस प्रारूप में तो उनकी बल्लेबाजी पर सबसे बुरा असर प्रभाव पड़ा. कप्तान के रूप में उन्होंने 20.95 की औसत से रन बनाये जबकि उनका ओवरओल औसत 34.68 है.