वीवीएस लक्ष्मण की 85 रन की जांबाज पारी के बाद तेज गेंदबाजों की त्रिमूति ने वेस्टइंडीज के शीर्ष क्रम को झकझोर कर भारत को दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में शानदार वापसी दिलायी.
केनसिंगटन ओवल पर पहला दिन गेंदबाजों के नाम रहा तथा कुल 13 विकेट गिरे. भारत की शुरुआत खराब रही और उसने 38 रन के अंदर चोटी के चार विकेट गंवा दिये. इसके बाद लक्ष्मण ने सुरेश रैना (53) के साथ पांचवें विकेट के लिये 117 रन की साझेदारी की. अंतिम छह विकेट 46 रन के अंदर गंवाने के कारण भारत 201 रन ही बना पाया.
वेस्टइंडीज का स्कोर भी जब पांच रन था तब उसके दोनों सलामी बल्लेबाज पवेलियन लौट गये थे. उसने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक तीन विकेट पर 30 रन बनाये हैं और वह अब भी भारत से 171 रन पीछे है. इशांत शर्मा, प्रवीण कुमार और अभिमन्यु मिथुन तीनों ने एक-एक विकेट लेकर पहले दिन भारत का पलड़ा कुछ भारी रखा.
इशांत ने पारी के चौथे ओवर में ही एड्रियन बराथ (3) को शार्ट पिच गेंद का शिकार बनाया. इशांत की गेंद बराथ के बल्ले के बीच के हिस्से से लगकर गली में खड़े विराट कोहली के पास पहुंची जिन्होंने कैच का अभ्यास किया. अगले ओवर में प्रवीण कुमार की स्विंग लेती गेंद लेंडल सिमन्स (2) के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों में समा गयी.
अब मिथुन की बारी थी जिन्होंने दिन के अंतिम ओवर में डेरेन ब्रावो (9) को धोनी के हाथों कैच कराया. ब्रावो हालांकि इस फैसले से खुश नहीं थे. स्टंप उखड़ने के समय रामनरेश सरवन दस रन पर खेल रहे थे जबकि नाइटवाचमैन देबेंद्र बिशू को अभी खाता खोलना है. भारतीयों के लिये रामपाल के पहले सत्र के आठ ओवर किसी दुस्वप्न से कम नहीं रहे, जिनमें उन्होंने पांच रन देकर तीन विकेट लिये. उन्होंने अभिनव मुकुंद (1), मुरली विजय (11) और विराट कोहली (शून्य) को पवेलियन भेजा जबकि राहुल द्रविड़ (5) कैरेबियाई कप्तान डेरेन सैमी के शिकार बने.
लंच के बाद लक्ष्मण और रैना दोनों ने रन बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ा. पहले सत्र में भारत जहां 27 ओवर में 44 रन ही जोड़ पाया और उसने चार विकेट गंवाये वहीं दूसरे सत्र में उसने 26 ओवर में 103 रन बनाये और इस बीच उसका कोई विकेट नहीं गिरा. लक्ष्मण ने इस बीच टेस्ट क्रिकेट में 50वां जबकि रैना ने चौथा अर्धशतक पूरा किया.
तीसरे सत्र में कहानी फिर से बदल गयी जिसमें भारत ने 15 ओवर में 54 रन जोड़कर बाकी बचे छह विकेट गंवाये। इस सत्र में बिशू और एडवर्डस की गेंदबाजी का कमाल देखने को मिला. बिशू ने लक्ष्मण और रैना के अलावा प्रवीण (12) को आउट किया जबकि एडवर्डस ने धोनी (2), हरभजन (5), और मिथुन (शून्य) को पवेलियन भेजा.
दूसरा सत्र पूरी तरह से भारतीयों के नाम रहा जिसमें लक्ष्मण के कलात्मक स्ट्रोक और रैना के साहसिक शाट भी देखने को मिले. लेकिन चाय के विश्राम के बाद इन दोनों की साझेदारी लंबी नहीं चली. तीसरे सत्र के तीसरे ओवर में ही बिशू ने रैना को आउट करके वेस्टइंडीज को बहुप्रतीक्षित सफलता दिलायी. वैसे यदि इस श्रृंखला में अंपायरों की निर्णय समीक्षा प्रणाली (यूडीआरएस) होती तो रैना पवेलियन नहीं लौटते.
बिशू की गेंद अचानक ही लेग स्टंप की तरफ उछली जो रैना के थाई पैड से लगकर शार्ट लेग के क्षेत्ररक्षक के पास चली गयी. वेस्टइंडीज की अपील में भी ज्यादा दम नहीं था लेकिन अंपायर असद राउफ की उंगली उठ गयी. रैना फैसले से खुश नहीं थे. वह इस उम्मीद में बाउंड्री पर भी खड़े रहे कि क्या पता अंपायर अपना फैसले में सुधार कर दें. उन्होंने अपनी पारी में 105 गेंद खेली और सात चौके लगाये.
इसके बाद भारतीय पारी सिमटने में देर नहीं लगी. कप्तान धोनी की असफलता का क्रम यहां भी जारी रहा जबकि हरभजन का भी जलवा नहीं चला. लक्ष्मण भी टेस्ट क्रिकेट में 8000वां रन पूरा करने के तुरंत बाद बिशू की लेग ब्रेक पर कट करने के प्रयास में बैकवर्ड प्वाइंट पर कैच थमाया. उनकी 146 गेंद की पारी में 12 चौके शामिल हैं.