भारत के विस्फोटक ओपनिंग बैट्समैन वीरेंद्र सहवाग ने सोमवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की अकादमी बनाना उनके पिता का सपना था. उन्होंने राज्य की ग्रामीण प्रतिभा के लिये खुद की सीमा में सर्वश्रेष्ठ करने का वादा किया. सहवाग सोमवार को अपनी एकीकृत खेल अकादमी लांच करने के संबंध में शिलानी केशो गांव पहुंचे. अकादमी ने पिछले साल काम करना शुरू कर दिया था.
सहवाग के साथ उनकी मां कृष्णा और पत्नी आरती भी थीं, जो स्कूल के शुरू होने से इसका कार्यभार संभाल रही हैं. सहवाग ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट अकादमी बनाना मेरा पिता का सपना था. हमारा मुख्य उद्देश्य इससे निकलने वाले खिलाड़ी हैं जो खुद के लिये नाम कमायें और देश को गौरवान्वित करें’.
इस बहुउद्देश्यीय अकादमी में टेनिस, घुड़सवारी, तैराकी और कुश्ती की ट्रेनिंग भी दी जायेगी. सहवाग ने इसमें बैंडमिंटन के पूर्व स्टार पुलेला गोपीचंद, शीर्ष टेनिस स्टार महेश भूपति, पूर्व तैराक खजान सिंह और ओलंपिक ब्रांज मेडलिस्ट सुशील कुमार को भी लाने का वादा किया. सहवाग ने राज्य के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा का भी शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उन्हें इस स्वप्निल परियोजना को शुरू करने के लिये जमीन दी.
सहवाग इंटरनेशनल स्कूल ने पिछले साल काम करना शुरू कर दिया था जिसमें नर्सरी से सातवीं तक में 320 विद्यार्थी हैं. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पखवाड़े भर पहले सहवाग की क्रिकेट अकादमी के लिये जमीन मुहैया कराने के हरियाणा सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी.