भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन का खेल शुरू होते ही सबकी निगाहें सचिन तेंदुलकर की ओर लग गईं. उम्मीद की जा रही थी कि सचिन के महाशतक का इंतजार खत्म हो जाएगा. सचिन बड़ी सावधानी, पर तेजी के साथ अपने शतक की ओर बढ़ भी रहे थे, पर वे एक बार फिर बहुप्रतीक्षित महाशतक से चूक गए.
पिछले 258 दिन यानी आठ महीने और 13 दिन से चला आ रहा इंतजार वानखेड़े स्टेडियम की बल्लेबाजी के लिये माकूल पिच पर भी खत्म नहीं हो पाया. सचिन तेंदुलकर केवल 6 रन से महाशतक पूरा करने से चूक गये.
वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच में जब लग रहा था कि तेंदुलकर अपने घरेलू मैदान पर महाशतक पूरा करके बड़ी संख्या में स्टेडियम में पहुंचे दर्शकों की मुराद पूरी करने में सफल रहेंगे तभी रवि रामपाल खलनायक बनकर उभरे. तेंदुलकर जैसे ही आउट हुए पूरा स्टेडियम सकते में पड़ गया.
कैरेबियाई कप्तान डेरेन सैमी ने गुरुवार शाम को बयान दिया कि वह कुछ भारतीयों का दिल तोड़ने का इरादा रखते हैं और उन्होंने इसमें अहम भूमिका निभायी. तेंदुलकर ने रामपाल की उठती हुई गेंद पर स्क्वायर ड्राइव करने की कोशिश की लेकिन गेंद सीधे दूसरी स्लिप में खड़े सैमी के पास पहुंच गयी.
तेंदुलकर की निराशा उनके चेहरे पर देखी जा सकती थी. वह धीमे धीमे कदमों से जब पवेलियन जा रहे थे तो दर्शकों के भी चेहरे लटके हुए थे. उन्होंने अपने साथी विराट कोहली के साथ कुछ तेज रन भी लिये थे लेकिन उस शतक को बनाने से चूक गये जिसका पूरे क्रिकेट जगत को लगभग 6170 घंटों से इंतजार था. उन्होंने अपनी पारी में 153 गेंद खेली तथा आठ चौके और दो छक्के लगाये.
तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आखिरी शतक इस साल 12 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विश्व कप में नागपुर में लगाया था. इसके बाद वह चार एकदिवसीय मैच और सात टेस्ट मैचों की 13 पारियां खेल चुके है. इस तरह से वह कुल 17 पारियों में शतक नहीं लगा पाये हैं.
इस स्टार बल्लेबाज ने अब तक टेस्ट मैचों में 51 और वन डे में 48 शतक लगाये हैं. उनके पास वेस्टइंडीज के खिलाफ नई दिल्ली में खेले गये पहले टेस्ट मैच में भी शतक बनाने का मौका था लेकिन वह दूसरी पारी में 76 रन बनाकर पगबाधा आउट हो गये थे. इसके बाद कोलकाता के ईडन गार्डन्स में वह 38 रन ही बना पाये थे.
इससे पहले वह इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट मैच में भी 91 रन पर आउट हो गये थे जबकि पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में विश्व कप सेमीफाइनल में वह 85 रन बनाकर आउट हो गये थे. आखिरी शतक जड़ने के बाद से तेंदुलकर छह अर्धशतक लगा चुके हैं.