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मंथन: चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा- हमारी सरकार किसान विरोधी नहीं

'आज तक' के मंथन के 13वें सत्र में मुद्दा था- किसानों के अच्छे दिन? इस पर आज तक के एंकर राहुल कंवल के सवालों पर केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेय जल एवं स्‍वच्‍छता मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला और केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री डॉ. संजीव कुमार बाल्यान ने जवाब दिए.

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केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेय जल एवं स्‍वच्‍छता मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह
केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेय जल एवं स्‍वच्‍छता मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह

'आज तक' के मंथन के 13वें सत्र में मुद्दा था- किसानों के अच्छे दिन? इस पर आज तक के एंकर राहुल कंवल के सवालों पर केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेय जल एवं स्‍वच्‍छता मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला और केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री डॉ. संजीव कुमार बाल्यान ने जवाब दिए.

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चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा, 'यह आरोप गलत है कि हमारी सरकार किसान विरोधी है. आज भी 68 फीसदी आबादी खेती से जुड़ी है इसलिए कांग्रेस ने भूमि बिल पास कराया. लेकिन कांग्रेस की साख इतनी गिर चुकी है कि किसानों ने भूमि बिल पास कराने के बावजूद कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया. किसान आज राजनेताओं से आगे की बात सोचता है. इसलिए यह कहना है कि एक साल की सरकार में यह बात नजर आती है कि यह किसान विरोधी सरकार है, मैं इस बात से सहमत नहीं हूं.'

जमीन नहीं हुई अधिगृहीत
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि आज तक किसी राज्य सरकार ने एक एकड़ भी भूमि अधिग्रहण करने की कोशिश नहीं की, जबकि बिल पास हुए डेढ़ साल हो चुके हैं. केरल और हरियाणा की कांग्रेस सरकारों ने भी एकमत से हमें यह कहा कि इस बिल में सुधार कीजिए.

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बीजेपी का मजदूर संगठन कर रहा है आलोचना
राजीव शुक्ला ने कहा, 'बीजेपी का अपना संगठन भारतीय मजदूर संगठन खुद सरकार की आलोचना कर रहा है. इस संगठन ने कहा है कि किसानों के लिए बजट में कुछ नहीं था. बीजेपी की सहयोगी शिवसेना भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना कर चुकी है. आपका ध्यान किसानों की तरफ नहीं है.'

किसानों का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया
संजीव कुमार बाल्यान ने कहा, 'महाराष्ट्र में सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की है, वहां सिर्फ 16 फीसदी भूमि सिंचित है. पिछले कुछ सालों में महाराष्ट्र को सिंचाई की सुविधाओं के लिए बहुत पैसा दिया गया, लेकिन वो पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.'

न्यूनतम समर्थन मूल्य कम
राजीव शुक्ला ने कहा, 'न्यूनतम समर्थन मूल्य इतना कम है कि किसान की लागत वसूल नहीं हो रही इसलिए आत्महत्या हो रही है. मोदी जी ने विदर्भ को पांच हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया, लेकिन वो पैसा नीचे तक नहीं पहुंच रहा.'

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