भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने दावा किया कि अक्षरधाम मंदिर के पास बनाये गये खेलगांव का इस्तेमाल राष्ट्रमंडल खेलों के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के हॉस्टल के रूप में किया जाना था लेकिन केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बदलने के बाद अधिकारियों ने इस योजना को अपने हित के लिये बदलकर विश्वविद्यालय के छात्रों को धोखा दिया.
आडवाणी ने कहा, ‘पिछले सप्ताह राष्ट्रमंडल खेलगांव को अनौपचारिक रूप से खोल दिया गया. खेलगांव को जिन लोगों ने देखा उसकी जमकर तारीफ की. यहां आये वेल्स मिशन के प्रमुख ने खेल गांव को अद्भुत और शानदार बताया.’
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के बारे में शुरूआती प्रस्ताव राजग सरकार के पास आया था. वर्ष 2003 में वाजपेयी सरकार ने यहां पर राष्ट्रमंडल खेल कराने का निर्णय लिया.’
आडवाणी ने बताया कि जमैका में 13 नवंबर को हुए मतदान में भारत को राष्ट्रमंडल खेल आयोजन की सहमति मिल गई. जमैका में भारत का प्रतिनिधित्व तत्कालीन खेलमंत्री विक्रम वर्मा और दिल्ली के उप राज्यपाल विजय कपूर ने किया था.