इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी राजेश चौहान को सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ा. आनन-फानन में परिजन उन्हें पहले भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 स्थित हॉस्पिटल ले गए, जहां से उन्हें अपोलो हॉस्पिटल में ट्रांसफर किया गया.
डॉक्टरों का कहना है कि अभी चौहान ठीक हैं और उनकी हालत खतरे से बाहर है. ओपोलो अस्पताल के निदेशक ए. पी. सावंत ने बताया, 'चौहान को दिल का गंभीर दौड़ा पड़ा है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है.'
सावंत ने आगे बताया, 'चौहान को बहुत ही नाजुक हालात में हॉस्पिटल लाया गया था, और तब से उनके कई स्कैन और टेस्ट किए जा चुके हैं. अगले एक-दो दिन उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर रहेंगे.' चौहान 90 के दशक में अनिल कुंबले और वेंकटपति राजू के साथ भारतीय स्पिन गेंदबाजी की तिकड़ी की रूप में जाने जाते थे.
चौहान की तबीयत बिगड़ने की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में उनके फैन्स उनके घर और हॉस्पिटल उन्हें देखने पहुंचे. चौहान हालांकि अभी डॉक्टरों की निगरानी में हैं और हालत पूरी तरह ठीक होने के बाद ही उन्हें छुट्टी दी जाएगी.
इस बीच क्रिकेट संघ के अधिकारियों ने भी चौहान की हालत के बारे में जानकारी ली. वर्तमान में चौहान भिलाई में एक क्रिकेट अकादमी चलाते हैं और सेल के भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत हैं.
भारत के लिए 21 टेस्ट मैच और 35 इंटरनेशनल वनडे मैच खेल चुके चौहान को 1997 में पाकिस्तान के खिलाफ लगाए गए एक छक्के के लिए भी जाना जाता है. उस मैच में आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए आठ रन चाहिए थे. सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, विनोद कांबली, कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन, अजय जडेजा जैसे धुरंधर बल्लेबाज आउट होकर पवेलियन लौट चुके थे. चौहान क्रीज पर थे, आखिरी ओवर की दूसरी गेंद पर ही उन्होंने एक छक्का जड़ दिया और तीसरी गेंद में भारत को जीत दिला दी.
चौहान के नाम एक अद्भुत उपलब्धि है कि वह जिन 21 टेस्ट मैचों में खेले उनमें से भारत को किसी में हार नहीं मिली.