राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह को लेकर लगायी जा रही तमाम अटकलों को विराम देते हुए जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित उद्घाटन समारोह में प्रिंस चार्ल्स ने राष्ट्रमंडल की प्रमुख ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का संदेश पढ़ते हुए खेलों के औपचारिक शुरुआत की घोषणा की, जबकि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इसका विधिवत उद्घाटन किया.
ब्रिटेन की महारानी के उद्घाटन समारोह में भाग नहीं लेने के कारण खेलों के उद्घाटन के बारे में अटकलें लगायी जा रही थीं कि आखिर खेलों की शुरुआत कौन करेगा.
प्रिंस चार्ल्स ने महारानी का संदेश पढ़ते हुए अंत में कहा, ‘मुझे इन खेलों के शुरुआत की घोषणा करते हुए अपार खुशी हो रही है.’ वहीं, प्रतिभा ने इसके बाद दिये अपने भाषण का अंत यह कहते हुए किया, ‘राष्ट्रमंडल खेल 2010 अब शुरू होते हैं. आइये खेलों को शुरू करें.’
प्रतिभा ने अपने भाषण में कहा, ‘भारत एक विविधतापूर्ण और खूबसूरत देश है और मुझे यकीन है कि खेलों में भाग लेने आये अतिथि इसके अनुभव को हमेशा याद रखेंगे.’
प्रतिभा से पहले प्रिंस चार्ल्स ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राष्ट्रमंडल खेलों के लिये दिया गया संदेश पढ़ा. संदेश की अंतिम पंक्ति में खेलों के शुरूआत की घोषणा की गयी. {mospagebreak}
राष्ट्रमंडल प्रमुख महारानी ने अपने संदेश में कहा कि यह काफी सुखद है कि इन खेलों का आयोजन भारत में किया जा रहा है और लंदन घोषणा पत्र को भी 60 साल पूरे हो चले हैं. इस तरह के खेल आयोजन में जब सब एकदूसरे के सामने बतौर प्रतिद्वंद्वी होते हैं तो उसमें मिलकर काम करने की भावना पैदा होती है.
उन्होंने कहा, ‘यह खेल भारत और भारत के बाहर बसे कई लोगों की मेहनत का नतीजा है. मैं उन सभी को और दर्शकों को उस अनुभव के लिये बधाई देती हूं जिसके बारे में मैंने सुना है कि वह उन्हें आजीवन याद रहने वाला है.’
विवादों से घिरे रहे आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी ने इस मौके पर खेलों के आयोजन के लिये प्रधानमंत्री, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को धन्यवाद दिया.
गौरतलब है कि जब भारत को 19वें राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी देने का फैसला किया गया था तब केंद्र में वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में थी.
कलमाडी ने कहा कि सात साल पहले हमने जो सपना देखा था वह अब पूरा होने को है. भारत राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिये तैयार है. उन्होंने कहा कि कई चुनौतियां सामने आयी जिनसे पार पाकर हम बेहतरीन खेलों की सौगात देने को तैयार है.
उन्होंने कहा कि अट्ठाइस साल बाद भारत में इतना बड़ा खेल आयोजन हो रहा है और भारत के लिये यह बहुत बड़ा क्षण है.
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के अध्यक्ष माइक फेनेल ने कहा कि खेलों की तैयारियां काफी चुनौतीपूर्ण थीं लेकिन अब फोकस खिलाड़ियों और प्रतिस्पर्धाओं पर है. उन्होंने आयोजन समिति और भारत सरकार को उसके योगदान के लिये धन्यवाद दिया.