रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने स्पष्ट किया कि वो इस्तीफा देने से नहीं डरते. उनका कहना है कि इस्तीफा देने का मतलब जान जाना नहीं होता.
रेल मंत्री ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि उनके लिए देश से बढ़कर कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा देश सर्वोपरि है और रेलवे के डॉक्टर के नाते अपने मरीज (रेल तंत्र) को मरने नहीं देना उनकी पहली प्राथमिकता है. रेल मंत्री ने कहा, ‘रेल बजट में जो किया रेलवे की भलाई के लिए किया.’
रेल मंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या रेल भाड़े में वृद्धि की जानकारी ममता बनर्जी को थी तो उन्होंने कहा, बजट गोपनीय होता है इस कारण वृद्धि की जानकारी ममता बनर्जी को भी नहीं थी. हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि ममता बनर्जी ने कभी उनके काम में हस्तक्षेप नहीं किया.
रेल मंत्री ने कहा, ‘एक ओर रेल सुरक्षा की बात की जाती है तो दूसरी ओर यात्री किराए में वृद्धि का विरोध होता है. सुरक्षा मुफ्त में नहीं आती. 2 या 5 पैसे वृद्धि से क्या होता है.’
यह पूछे जाने पर कि क्या अब बदलाव दिखने लगेगा तो उन्होंने कहा कि बदलाव एक दिन में नहीं होता है.
जब रेल मंत्री से पूछा गया कि खुद उनकी ही पार्टी के लोग इस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं तो रेल मंत्री ने कहा कि मतभेद का मतलब नहीं है झगड़ा.