scorecardresearch
 

कप्तानी से चिपका नहीं हूं, बेहतर विकल्प हैं तो परिवर्तन होः धोनी

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली शर्मनाक हार की हताशा को भूलकर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भूल कर आगे बढ़ने की बात की है.

Advertisement
X
महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली शर्मनाक हार की हताशा को भूलकर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भूल कर आगे बढ़ने की बात की है.

Advertisement

टेस्ट क्रिकेट में प्रभावहीन कप्तानी और लचर प्रदर्शन के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे महेंद्र सिंह धोनी ने पेशकश की है कि अगर बीसीसीआई को लगता है कि बेहतर विकल्प मौजूद है तो वह खेल के लंबे प्रारूप की कप्तानी छोड़ने को तैयार हैं. धोनी ने कहा कि अगर टेस्ट में कोई उनसे बेहतर काम कर सकता है तो टीम के हित में कप्तानी छोड़ने में उन्हें खुशी होगी.

आस्ट्रेलिया के खिलाफ बुधवार को होने वाले ट्वेंटी-20 मैच से पूर्व धोनी ने कहा, ‘कप्तानी किसी एक के लिए नहीं है. एक पद मेरे पास है और यह अतिरिक्त जिम्मेदारी है. मैं जब तक यह जिम्मेदारी निभा रहा हूं तब तक इस काम में अच्छा करना चाहता हूं लेकिन ऐसा नहीं हैं कि मैं इससे चिपका रहना चाहता हूं. अगर बेहतर विकल्प मौजूद है तो वह आ सकता है.’

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘आखिर अंत में आप चाहते हैं कि भारत अच्छा प्रदर्शन करे. अगर कोई इस काम को बेहतर अंजाम दे सकता है तो कप्तानी उसे सौंप दी जानी चाहिए.’ टेस्ट टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज और कप्तान के रूप में धोनी की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं. टीम को उनकी कप्तानी में विदेशी सरजमीं पर लगातार सात मैचों में शिकस्त झेलनी पड़ी जबकि वह बल्लेबाजी में भी नाकाम रहे. इंग्लैंड में उन्होंने चार टेस्ट में 31.43 की औसत से 220 रन बनाए जबकि आस्ट्रेलिया में धोनी तीन टेस्ट की छह पारियों में 20.40 की औसत से केवल 102 रन जुटा पाए.

धोनी ने कहा, ‘मुझे साढ़े तीन साल पहले यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी. मैं इस भूमिका को निभाने, टीम के साथ आगे बढ़ने और अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास कर रहा हूं.’ भारतीय कप्तान ने इससे पहले टेस्ट श्रृंखला के दौरान संकेत दिये थे कि 2015 विश्व कप तक उपलब्ध रहने के लिए 2013 तक वह टेस्ट क्रिकेट को पूरी तरह छोड़ सकते हैं.

धोनी ने कहा, ‘2013 तक दो साल हैं. मुझे नहीं पता कि मैं तब तक मैं जिदां रहूंगा या नहीं. आईपीएल, चैम्पियन्स लीग और लगातार श्रृंखलाओं में खेलना पड़ रहा है. आप कार्यक्रम और काफी आराम को लेकर पहले ही फैसला नहीं कर सकते.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे 2013 तक फैसला करना होगा लेकिन इसमें अब भी दो साल हैं. मैं 2014 में यह नहीं कह सकता कि मैं अगला विश्व कप नहीं खेल रहा और दूसरे खिलाड़ी को खुद को साबित करने के लिए सिर्फ 25 के आसपास मैच दूं.’

Advertisement

धोनी ने हालांकि स्पष्ट किया कि टेस्ट क्रिकेटर के रूप में उनका कैरियर समाप्त नहीं हुआ है लेकिन उनका मानना है कि यह फैसला पूरी तरह से उनके हाथ में नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं अब भी अपनी यात्रा पर आगे बढ़ रहा हूं. मैं किसी अंजाम तक नहीं पहुंचा हूं. लेकिन यह फैसला कोई खिलाड़ी खुद नहीं करता, अन्य लोग यह फैसला करता हैं कि आप लायक हैं या नहीं.’

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘एक खिलाड़ी के रूप में मैं अपना शत प्रतिशत दे रहा हूं. मैं अब भी वह कर रहा हूं जो पहले करता था. टेस्ट क्रिकेट ही असल क्रिकेट है. लेकिन मैं अन्य प्रारूपों को कमतर नहीं कर रहा. सभी प्रारूपों की अपनी चुनौतियां हैं.’ धोनी ने कहा कि ड्रेसिंग रूम का माहौल युवाओं के शोर से चहक रहा है जबकि सीनियर खिलाड़ियों की मौजूदगी के दौरान यह काफी शांत और गंभीर था.

उन्होंने कहा, ‘हमारी वनडे टीम बिलकुल अलग नजर आती है. यह काफी अधिक शोर करती है और ड्रेसिंग रूम में जज्बा बनाए रखती है. लोग एक दूसरे की टांग खींचते हैं और जीवंतता बनी रहती है.’ उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा है जैसे आप किशोर कुमार से शीन पाल की दुनिया में आ गए हो. यह इस तरह का अंतर है.’ धोनी ने नाम लिए बगैर टीम में सीनियर खिलाड़ियों की अहमियत पर जोर दिया और कहा कि टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद आलोचना गैरजरूरी है.

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘उम्र सिर्फ एक संख्या है. अगर खिलाड़ी रन बनाना जारी रखेंगे तो कोई इस बारे में बात नहीं करेगा. जब आप रन नहीं बनाओगे तो सब कुछ बाहर आ जाएगा, आप कितनी तेज दौड़ते हो, रनिंग के दौरान कितनी तेजी से पलटते हो लेकिन हम इसे लेकर चिंतित नहीं हैं.’ धोनी ने अगले कुछ हफ्तों में होने वाले सीमित ओवरों के मैचों में टीम के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई.

Advertisement
Advertisement