एजेंडा आज तक में पहले दिन के आखिरी दो सेशन तहरीक-ए-इंसाफ के मुखिया और पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इमरान खान के नाम रहे. कपिल देव के साथ क्रिकेट पर चर्चा करने के बाद इमरान ने राजनीति पर अपना नजरिया और दोनों मुल्कों के संबंधों को लेकर लगातार उठने वाले सवालों के भी जवाब दिए.
शनिवार को भी एजेंडा आज तक जारी रहेगा और दिन की शुरुआत वित्त मंत्री अरुण जेटली से चर्चा के साथ शुरू होगी. मिशन कश्मीर पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सईद बोलेंगी तो अदनान सामी गंभीर माहौल को सुरीला बनाएंगे. बॉलीवुड के मस्ताने रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण भी एजेंडा आज तक में अपनी चमक बिखेरेंगे.
एजेंडा आज तक: दूसरे दिन का पूरा कार्यक्रम
जंग से कोई मसला हल नहीं होता
किसी भी हाल में शांति बहाल हो. जंग से कोई मसला हल नहीं होता. पाकिस्तान-हिंदुस्तान को आगे बढ़ना चाहिए. मैंने मोदीजी से कहा कि आप बातचीत आगे
बढ़ाइए, कुछ भी हो रुकिए मत. पहली बार किसी प्रधानमंत्री से इतनी सहजता से बात हुई. उनसे बातचीत बहुत पॉजिटिव रही. बातचीत से ही मुद्दे सुलझ सकते हैं.
हिंदुस्तान से संबंध सुधारने पर पाकिस्तान में एक राय
पाकिस्तान में इस बात पर सहमति है कि हिंदुस्तान से संबंध सुधरने चाहिए और बातचीत आगे बढ़ने चाहिए. दूसरी पॉलिटिकल पार्टियों की भी यही राय है. नवाज
शरीफ और आर्मी चीफ जनरल राहिल शरीफ की सोच एक जैसी है. नवाज शरीफ को सबको साथ लेकर चलना चाहिए. पाकिस्तान के सामने बड़ा चैलेंज यह है कि
सिविलयन कोर्ट में आतंकवादियों को सजा नहीं मिल रही क्योंकि गवाह सामने नहीं आ रहे. इसलिए हमने आर्मी कोर्ट में इन केसों की सुनवाई के लिए दबाव बनाया.
पाकिस्तान भी कई तरह के आतंकवाद से जूझ रहा है.
मुझे नहीं पता दाऊद का पता
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में मौजूद होने के सवाल पर इमरान ने कहा कि मुझे नहीं पता दाऊद कहां है. अगर मुझे पता होता तो मैं दाऊद का पता बता देता. जो कहूंगा, उससे पीछे नहीं हटूंगा, करके दिखाऊंगा. पाकिस्तान में मुझे तालिबान खान कहा जाने लगा है.{mospagebreak}
एजेंडा आज तक के 14वें सेशन में दो दिग्गज क्रिकेटर आमने-सामने थे. अपने-अपने देशों को पहली बार वर्ल्ड कप जिताने वाले कपिल देव और इमरान मंच पर थे. दोनों ने अपनी पुरानी यादें ताजा कीं और कुछ किस्से भी शेयर किए.पाकिस्तानी आतंकवादियों के सवाल पर इमरान ने कहा, चंद लोगों से पूरे पाकिस्तान के बारे में राय ना बनाएं. हर मुल्क में ऐसे कुछ लोग होते हैं. ये लोग पाकिस्तान का चेहरा नहीं बन सकते.
मोदी से की सीरीज कराने की अपील
भारत-पाकिस्तान के बीच मैच कराने के सवाल पर कपिल देव ने कहा कि कोई खिलाड़ी नहीं चाहता कि मैच न हों. दोनों टीमें खेलना चाहती हैं, लेकिन आप अपनी सरकार की पॉलिसी के खिलाफ नहीं जा सकते. सरकार की मंजूरी के बाद ही दोनों देश खेल सकते हैं. इमरान बोले, 'मैंने मोदी जी से भारत-पाकिस्तान क्रिकेट सीरीज को मंजूरी देने के लिए कहा और इस पर वो मुस्कुराए. मोदी जी से मेरी बात सकारात्मक रही.' एजेंडा आज तक में आने से पहले इमरान ने प्रधानमंत्री मोदी से दिल्ली में मुलाकात की.
सचिन के फैन हैं पाकिस्तानी
इमरान खान ने कपिल देव की जमकर तारीफ की और कहा कि कपिल ने भारतीय क्रिकेट को काफी बदला. इमरान ने कहा कि दोनों मुल्क हमेशा दुश्मन नहीं रह सकते. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में भारतीय क्रिकेटरों के फैंस हैं और खासतौर पर वहां के लोग सचिन तेंदुलकर के फैन हैं. उन्होंने सचिन और सुनील गावस्कर की तुलना पर कहा कि गावस्कर ने जैसे खतरनाक बॉलिंग अटैक का सामना किया, सचिन ने नहीं किया. इमरान ने राजनीति पर भी बात की और कहा कि राजनीति मेरे लिए करियर नहीं है. मुझे क्रिकेट में ही इतनी इज्जत मिली कि राजनीति में मशहूरी के लिए जाने की जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आधे बच्चे कुपोषित हैं.
भारत की 1983 की जीत बहुत बड़ी थी: इमरान
कपिल देव ने बताया कि जब वे क्रिकेट खेलते थे तो सोचते थे कि इमरान में ऐसा क्या है कि सारी लड़कियां उन पर ही मरती हैं. मैं उनके जैसे बाल बनाने की कोशिश करता था. इमरान ने कहा कि भारत की 1983 वर्ल्ड कप की जीत पाकिस्तान की 1992 की जीत से बड़ी थी क्योंकि 1983 में वेस्टइंडीज की टीम जितनी खतरनाक थी, पहले कभी नहीं थी. उन्होंने कहा कि जावेद मियांदाद आखिरी वक्त तक लड़ते थे और यह उनकी सबसे बड़ी खासियत थी. प्रेशर में भी वह बहुत शानदार खेलता था. कपिल ने कहा कि मियांदाद बहुत जज्बाती थे और जबरदस्त खिलाड़ी थे. उसे देखकर लगता था कि काश कोई ऐसा खिलाड़ी मेरी टीम में भी हो. {mospagebreak}
एजेंडा आज तक के 13वें सेशन में शिक्षा के एजेंडे पर बात हुई. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियां गिनवाते हुए कुछ खामियां भी स्वीकार की और कहा कि कॉलेजों की कटऑफ देखकर बतौर मां मेरा दिल बैठ जाता है.
400 विदेशी शिक्षक भारत में पढ़ाने आएंगे
शिक्षा के ढांचे को परिपक्व बनाने की जरूरत है. सरकार शिक्षा में परिवर्तन की ओर बढ़ रही है और शिक्षा के ढांचे को पूरे देश में बेहतर बनाने की कोशिश चल रही है. सरकरी स्कूलों में हमने शाला दर्पण नाम की योजना शुरू की है, जिसके तहत अभिभावकों को अपने बच्चे की जानकारी उपलब्ध रहेगी. विदेशों से भारत में पढ़ाने के लिए 400 शिक्षक आएंगे. केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हैं. शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में भी बदलाव आएंगे.
असहिष्णुता का सवाल
असहिष्णुता के सवाल पर ईरानी ने कहा, इस मुद्दे पर लोग राजनीति कर रहे हैं. मैं हिंदू महिला हूं, पारसी से ब्याह किया. जिन बच्चों को अपनी कोख से जन्म दिया, उसे हिंदू ने ही पारसी बनाया. मैं सहिष्णुता पर इससे बड़ा उदाहरण नहीं दे सकती. मैं अपने बच्चों को गीता का पाठ भी करवाती हूं. {mospagebreak}
एजेंडा आज तक के 12वें सेशन का मुद्दा रहा- 'कितना बदल गया हिन्दुस्तान' और इस विषय पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, संसदीय कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद और प्रधानमंत्री मोदी के करीबी माने जाने वाले उद्यमी जफर सरेशवाला बोले.
सरकार फैसले लेगी तो घोटाले तो होंगे: खुर्शीद
ओवैसी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ फिल्म और ब्रांड की बात करते हैं. 18 महीने में जमीन पर कुछ नहीं हुआ. सरकार की लोकप्रियता गिरी है. इस पर नकवी ने कहा कि बीते 18 महीनों में सरकार ने दलालों की नाकाबंदी और घोटालों की तालाबंदी की. खुर्शीद ने कहा कि सरकार फैसले लेगी तो घोटाले तो होंगे ही. नकवी ने यह भी कहा कि बिहार चुनाव खत्म होते ही अवॉर्ड वापस लौटाना बंद हो गया है.
सबका साथ, सबका विकास में अल्पसंख्यक नहीं: ओवैसी
ओवैसी ने कहा, अल्पसंख्यकों को सबका साथ सबका विकास की सोच के साथ ठीक से जोड़ा नहीं गया. राजस्थान में आरक्षण देने के मामले में आपने
पचास फीसदी का आंकड़ा पार कर लिया, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने जिन मुस्लिम समुदायों को आरक्षण देने के लिए कहा, वो आपने लागू नहीं किया. मोदी साहब
सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मुस्लिमों को आरक्षण नहीं दे रहे. ओवैसी ने कहा कि दंगे कराने में सरकार की मास्टरी है. इस पर नकवी बोले कि 18 महीने में एक भी दंगा नहीं हुआ और सहिष्णुता देश के डीएनए में है.
ओवैसी पर भड़के सरेशवाला
ओवैसी ने सरेशवाला को प्रधानमंत्री मोदी का दोस्त कहा और जब सरेशवाला के बोलने की बारी आई तो उन्होंने कहा, जब मुलायम सिंह और सोनिया गांधी मिलते हैं तो किसी को तकलीफ नहीं होती. दूसरे लोग मिलते हैं तो तकलीफ नहीं होती फिर मुसलमानों के प्रधानमंत्री से मिलने से कुछ लोगों को प्रॉब्लम क्यों होती है.
एजेंडा आज तक के 11वें सेशन में मेहमान थे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान. चौहान दस साल से राज्य के सीएम पद बने हुए हैं, इसलिए सेशन को 'दस का दम' नाम दिया गया. चौहान ने व्यापम पर खुलकर जवाब दिए और अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी गिनवाने में कोई कंजूसी नहीं बरती.
गिनवाईं उपलब्धियां
हमने किसानों को अच्छे बीज और खाद उपलब्ध कराए. दूध के उत्पादन में हम कहीं थे, चौथे नंबर पर आए. कृषि को आगे बढ़ाए बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते. इसलिए हमने कृषि पर फोकस किया और इसलिए हम इस क्षेत्र में काफी आगे आए.
मध्य प्रदेश में मेरी आत्मा बसती है
मध्य प्रदेश छोड़कर दिल्ली से राजनीति करने के सवाल पर चौहान ने सीधा जवाब दिया, मैं मध्य प्रदेश से बाहर नहीं जाऊंगा. मध्य प्रदेश में मेरी आत्मा बसती है. कृषि को लेकर जब भी कोई चर्चा होती है तो प्रधानमंत्री जी मुझसे चर्चा करते हैं. दिल्ली मेरे लिए बहुत दूर है. मेरा मन मध्य प्रदेश में ही बसा है. उन्होंने अपनी एक कसक भी बताई कि स्वास्थ्य की सुविधाओं को डॉक्टरों की कमी की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में ठीक से सुधार नहीं पाया. हमने इंफ्रास्ट्रक्चर तो खड़ा कर दिया, लेकिन डॉक्टरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए हमने सागर समेत ऐसे इलाकों में मेडिकल कॉलेज खोले हैं.
हमने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया
मध्य प्रदेश में पहले भर्तियों की कोई प्रक्रिया ही निर्धारित नहीं थी. हमने भर्ती की परीक्षा को पारदर्शी बनाया. पुलिस की भर्ती में दौड़ को मैनुअल तरीके से स्पीड की
जांच बंद की और कंप्यूटराइज्ड तरीके से शुरू कराया. सुप्रीम कोर्ट ने व्यापम मामले में हमारी पुलिस की जांच की तारीफ की थी. बाद में ज्यादा बवाल होने पर
सीबीआई को जांच सौंपी गई. गलत चीजों के खिलाफ मैंने हमेशा अभियान चलाया. {mospagebreak}
एजेंडा आज तक के दसवें सत्र में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के जरिए 'नॉर्थ-ईस्ट पर सीधी नजर' डाली गई. नॉर्थ-ईस्ट के इन दोनों जाने-माने नेताओं ने वहां की समस्याओं को सामने रखा और पूर्वोत्तर की तरक्की को लेकर सुझाव भी दिए.
20 सांसदों के बराबर बोला
संगमा से पूछा गया कि अरुणाचल और उत्तर-पूर्व के राज्यों से एक-एक या दो सांसद आते हैं तो क्या इससे उन राज्यों का प्रतिनिधित्व कमजोर हो जाता है. उन्होंने कहा कि समस्या उठाने के लिए एक सांसद भी काफी होता है. सिर्फ संख्याबल से कुछ नहीं होता. मुद्दे को ठीक से उठाना जरूरी है और मैं संसद में इसे देखता आया हूं. रिजिजू ने कहा कि जब संगमा साहब मंत्री और सांसद थे और जब हम 2004 में चुनकर पहली बार लोकसभा आए थे तो हमें महसूस हुआ कि हमारी संख्या कमजोर है. यूपी के 80 सांसद भी खड़े हो जाते हैं तो फर्क जरूर पड़ता है. लेकिन मैंने सोचा कि मैं भले ही अपने राज्य से अकेला हूं, लेकिन 20 सांसदों के बराबर बोलूंगा और इसकी वजह से मुझे पुरस्कार भी मिले.
PM ने लुक ईस्ट को एक्ट ईस्ट बनाया: रिजिजू
रिजिजू ने कहा, पूर्वोत्तर के मामले में सोच बदलने की जरूरत है. प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अपनी सोच बदलिए और हर 15 दिन में एक मंत्री को वहां जाना होगा. इससे बहुत फायदा हुआ. प्रधानमंत्री ने लुक ईस्ट को एक्ट ईस्ट बनाया और हमारी सरकार में नॉर्थ-ईस्ट को लेकर जिस तरह तालमेल और काम हो रहा है, पहले कभी नहीं हुआ. देश के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां के लोग न दिल्ली पहुंच पाते हैं और न ही दिल्ली के लोग वहां. {mospagebreak}
एजेंडा आज तक के नौवें सत्र में मंच पर जब बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर आईं तो किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि सेशन इतना गंभीर हो जाएगा. सोनम ने आमिर खान के हाल में असहिष्णुता पर दिए गए बयान पर खुलकर जवाब दिया और जाते-जाते अपनी हालिया फिल्म प्रेम रतन धन पायो के टाइटल ट्रैक पर डांस भी किया.
असहिष्णुता के सवाल पर सोनम ने कहा कि देश में 60 सालों से असहिष्णुता है. अलग-अलग स्तर और अलग-अलग धर्मों में है. मैं भी अलग-अलग देशों में भी असहिष्णुता की शिकार हुई. आमिर खान के बयान पर उन्होंने कहा, 'आमिर खान ने सफाई दी थी कि मैं कभी अपना देश नहीं छोड़ने वाला. उन्होंने माहौल को लेकर अपना डर जताया था. अगर किसी ने आलोचना की है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वो देशद्राही है आमिर खान देश के बहुत बड़े स्टार हैं और लोगों ने उनकी बात को बहुत गलत तरीके से लिया. आमिर के मुद्दे पर लोगों ने जितना गंदा बोला, वह सही नहीं है.
मेरा किसी से कॉम्पिटशन नहीं
जैसे करीना कपूर ने कहा कि मैं अपनी फेवरेट हूं, उसी तरह मैं अपनी कॉम्पिटीटर हूं. ये सही है कि बॉलीवुड में एक्ट्रेस में रेस है लेकिन यह सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में
नहीं है. दूसरे क्षेत्रों में भी इस तरह की होड़ है और इससे हम खुद को और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं. रणबीर कपूर को उन्होंने अपना अच्छा दोस्त बताया और कहा कि उन्हें वह बचपन से जानती है. सोनम ने दीपिका पादुकोण के साथ किसी तरह की लड़ाई होने से भी इनकार किया.
फवाद खान को लेकर नहीं होना चाहिए बवाल
पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान के साथ फिल्म करने के सवाल पर सोनम ने कहा कि वो बहुत अच्छे एक्टर हैं इसीलिए मैंने उनके साथ काम किया. वो पाकिस्तानी
है, यह अलग मुद्दा है और फिल्म इंडस्ट्री में इस तरह की बात नहीं होनी चाहिए. किसी भी देश का कलाकार दुनिया में कहीं भी जाकर काम कर सकता है. {mospagebreak}
एजेंडा आज तक में आठवें सत्र में मेहमान रेल मंत्री सुरेश प्रभु रहे तो उन पर लगभग हर आदमी से जुड़ी रेलवे को लेकर सवालों की बौछार तो होनी ही थी. प्रभु ने बेझिझक रेलवे की कमियों को स्वीकार और वादा किया पांच साल में वह रेलवे को बहुत हद तक सुधार देंगे.
ट्रेनों की लेटलतीफी में 10 फीसदी हुआ सुधार
प्रभु ने कहा, ट्रेनों के टाइम पर पहुंचने के मामले में 10 फीसदी का सुधार हुआ है और कई रेलवे डिविजन में तो 100 फीसदी ट्रेनें टाइम पर चल रही हैं. हम जहां तक होता है, सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों से मिले फीडबैक के आधार पर व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं. यह काम इतना आसान नहीं है, लेकिन हम लगातार प्रयासरत है. अगर मुगलसराय-इलाहाबाद के बीच ट्रेन लेट हो रही है तो वह कल से नहीं हो रही, सालों से हो रही है इसलिए इसे सुधारने में भी वक्त लगेगा. इसके लिए बुनियादी स्तर पर रेलवे की व्यवस्था ठीक करने की जरूरत है.
रेलवे को प्रोफेशनल ऑर्गनाइजेशन बनना चाहिए
रेलवे को ठीक करने के लिए मैंने पांच साल का प्लान संसद में बजट के दौरान पेश किया था और इसमें पहले साल के लिए 110 प्वॉइंट रखे थे, जिन पर काम हुआ है. पांच साल में रेलवे में बहुत सुधार होगा लेकिन हमारा विजन पांच साल से भी आगे का है. हमें चीन के साथ तुलना करनी चाहिए, लेकिन उन्होंने जिस तरह निवेश किया, हमें भी करना चाहिए. चीन ने पहले अपना नेटवर्क का आधुनिकीकरण किया और हमें भी अपने नेटवर्क और इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाना होगा. रेल में लोगों को होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए जापान से समझौता होगा और इससे रिसर्च और डेवलपमेंट में देश की स्थिति बहुत मजबूत होगी. रेलवे को एक प्रोफेशनल ऑर्गनाइजेशन बनना चाहिए. {mospagebreak}
एजेंडा आज तक के सातवें सत्र में मंच पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन, सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान और कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह आमने-सामने थे. मुद्दा रहा- 'कितनी हकीकत, कितना फंसाना'. तीनों नेताओं में किसानों के मुद्दों पर जमकर बहस हुई. आरपीएन सिंह ने कहा कि एनडीए के राज में किसानों की क्या हालत है, सब जानते हैं. इस पर हुसैन बोले कि जब तक आप संसद नहीं चलने देंगे, हम किसानों और गरीबों के लिए कैसे काम करेंगे.
नेशनल हेराल्ड पर भी हुई चर्चा
आरपीएन सिंह ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम लिए बगैर हुसैन को कहा कि किसी की विचारधारा आपसे अलग हो और आप उसको रोकने की कोशिश
करें तो यह गलत है. कांग्रेस उन आवाजों को बंद नहीं होने देगी. बोफार्स मामले में बीजेपी कुछ नहीं कर पाई. अंजान ने कहा कि नेशनल हेराल्ड कैसे खड़ा हुआ, इस पर कांग्रेस को श्वेत पत्र लाना चाहिए, ताकि पूरा देश हकीकत जान पाए.
जीएसटी बिल पर बहस
जीएसटी बिल को लेकर भी सिंह बीजेपी नेता पर बरसे. उन्होंने कहा कि ये लोग देश को जीएसटी के बड़े ताने देते हैं और कहते हैं कि वो देश को बदलना चाहते हैं.
लेकिन इन्हीं लोगों ने तीन साल तक जीएसटी को लागू नहीं होने दिया. अंजान ने कहा कि जीएसटी पर बहुत बातें हो रही हैं. लेकिन जब कांग्रेस की सरकार होते हुए
जीएसटी आया था, तब अरुण जेटली ने उस बिल का जमकर विरोध किया था. अरुण जेटली आज संसद में खड़े होकर यह कह दें कि हमने भी संसद में इसका विरोध
किया था.
कांग्रेस पर फायर हुए हुसैन
आरपीएन सिंह के हमलों के बाद शाहनवाज हुसैन ने उन पर पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस को जिनते वोट नहीं मिले, उससे ज्यादा लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी.
आरपीएन बोले, सब्सिडी मैंने भी छोड़ी है, लेकिन मुझे बीजेपी का आदमी मत समझिए. हुसैन ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि इमने किसानों के
लिए चैनल खोला, किसान बीमा योजना शुरू की और हम काला धन भी वापस लाने वाले हैं. {mospagebreak}
एजेंडा आज तक के छठे सत्र का मुद्दा रहा- 'तकनीक ने बदला जमाना'. बीएसएनल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा की और अपनी कंपनी के अनुभवों को भी शेयर किया. श्रीवास्तव ने कहा तकनीक ने वाकई लोगों की दुनिया बदल दी है. सामान्य से सामान्य आदमी भी मोबाइल फोन के जरिए अमिताभ बच्चन से दोस्ती कर सकता है. सीधे प्रधानमंत्री से जुड़ सकता है. इसी के चलते आज सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के सबसे ज्यादा मित्र हैं.
मोबाइल ने बदली दुनिया
श्रीवास्तव ने कहा, तकनीक के जरिए बहुत सारी समस्याओं को बहुत आसानी से दूर किया जा सकता है. हेल्थ से जुड़ी समस्याएं आप अपने स्मार्टफोन और इंटरनेट के जरिए दूर कर सकते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ही अभी बताया था कि अगर आपके पास स्मार्टफोन हो तो आप अपने फोन से कचरे की तस्वीर
खींचकर भेजिए और कचरा साफ कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल टावर के रेडिएशन को लेकर लोगों के बीच काफी गलत अवधारणाएं हैं. इससे ज्यादा नुकसान नहीं होता.
इमरान खान को लाइफटाइम फ्री ब्रॉन्डबैंड कनेक्शन
अलवर के स्कूल में पढ़ाने वाला इमरान खान ने 50-55 एप बनाए हुए हैं और प्रधानमंत्री ने लंदन में उनकी चर्चा की. अगले ही दिन हमने उनको ढूंढ निकाला और
उनका सम्मान किया गया. हम लोगों ने उन्हें हमेशा के लिए एक फ्री ब्रॉडबैंड का कनेक्शन दिया है. अब ज्ञान आसानी से स्मार्टफोन और कंप्यूटर के जरिए इंटरनेट के
माध्यम से उपलब्ध है. स्कूल, कॉलेज जाना जरूरी नहीं है.
नेशनल रोमिंग फ्री स्कीम से BSNL ने की घाटे की भरपाई
सर्विस ऑपरेटरों से ग्राहकों की बढ़ती उम्मीदों के सवाल श्रीवास्तव ने माना कि इसमें कोई शक नहीं कि टेलीकॉम कंपनियों से ग्राहकों की उम्मीदें बढ़ रही हैं. मार्केट में
इतनी सारी कंपनियां हैं तो निश्चित तौर पर ग्राहकों की उम्मीदें बढ़ना स्वाभाविक है. नंबर पोर्टेबिलिटी से उपभोक्ताओं को जरूर सुविधा मिली है, लेकिन जितनी भी
टेलीकॉम कंपनियां हैं, उन्हें ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है. बीएसएनल से बहुत से उपभोक्ता रूठ कर जा रहे थे, लेकिन जब से हमने देशभर में रोमिंग फ्री जैसी स्कीम
लॉन्च की है, बड़ी संख्या में ग्राहक हमसे जुड़ रहे हैं. ऐसी स्कीम देने वाले हम देश के अकेले टेलीकॉम ऑपरेटर है. इससे कंपनी के रेवेन्यू में भी कमी आती है. हमें
यह स्कीम लॉन्च करने से पहले ही पता था कि एक साल में हमें 150 से 200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. लेकिन रोमिंग फ्री स्कीम आने के बाद हमसे दोगुनी संख्या में उपभोक्ता जुड़ने लगे और
इससे हमारे 150 करोड़ के नुकसान की भी भरपाई हो गई. {mospagebreak}
आतंक के साथ नहीं हो सकती बात
एजेंडा आज तक के पांचवें सत्र का मुद्दा रहा- 'भारत-पाकिस्तान कितने दूर, कितने पास'. जाहिर है इस विषय पर चर्चा के दौरान भारत पाकिस्तान के सुरक्षा
सलाहकारों की बैंकॉक में हुई वार्ता का मुद्दा उठना ही था. मेहमान थे- केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और कांग्रेस नेता जतिन प्रसाद. जतिन ने इसे लेकर सरकार पर हमला
बोला तो पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार का रुख आज भी वही है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. इस पर जतिन ने
पूछा सरकार क्या बात कर रही है, देश को बताए.
क्या पाकिस्तान से क्रिकेट सीरीज होनी चाहिए
जितेंद्र सिंह से जब पूछा गया कि क्या श्रीलंका में भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सीरीज होनी चाहिए, तो बोले- मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता. क्रिकेट बोर्ड फैसला लेगा. हालांकि जतिन प्रसाद ने कहा कि खेल भी होने चाहिए. लेकिन सवाल उठाया कि सुषमा स्वराज के इस्लामाबाद जाने से देश को क्या मिला. इस पर जितेंद्र ने कहा कि यह पूर्व तैयारी है. पलटवार में जतिन ने कहा कि पीएम मोदी और पाकिस्तान के पीएम मिल लिए, फोटो खिंचवा ली, क्या ये पूर्व तैयारी है. इस पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि आधिकारिक मीटिंग का अलग मतलब होता है. उसकी परिभाषा अलग है. नवाज शरीफ और पीएम मोदी की मुलाकात कॉरीडोर में हुई थी.
सीमा पर पहले कभी नहीं हुई ऐसी जवाबी कार्रवाई
सीमापार से होने वाली गोलीबारी का मुद्दा उठा तो जितेंद्र ने कहा कि सीमा पर अब जैसी कार्रवाई हो रही है, वैसी पहले कभी नहीं हुई. इस पर जतिन बीते 18 महीनों के आंकड़े गिनाने लगे. उन्होंने दावा किया कि इस दौरान 900 सीजफायर उल्लंघन हुए, इतने पहले कभी नहीं हुए. 27 सैनिक शहीद हुए और 100 से ज्यादा नागरिक मारे गए. जवाब में जितेंद्र बोले- आप पाकिस्तान को नहीं रोक सकते. लेकिन जिस तरीके से जवाब दिया गया, वो पहले कभी नहीं दिया गया. आज लोग सीमावर्ती क्षेत्र से भाग नहीं रहे. वो कहते हैं कि केंद्र को जाकर कहिएगा कि इसी तरह जवाबी कार्रवाई करें. {mospagebreak}
कब आएगा दाऊद, CBI डायरेक्टर बोले- कोशिशें जारी
एजेंडा आज तक के चौथे सेशन में सीबीआई डायरेक्टर अनिल सिन्हा से बात हुई. चर्चा का विषय था- कब आएगा दाऊद. इस सवाल पर सिन्हा ने कहा कि कोशिशें जारी हैं. हौसला भी है कि हमारी उम्मीदें पूरी होंगी. हम लोग कहीं से भी समझौता नहीं कर रहे. उन्होंने कहा कि छोटा राजन ने सरेंडर नहीं किया, उसे पकड़ा गया है. उसे तलाशने में छह महीने लगे.
वीरभद्र के घर छापे पर बोले- हम जासूसी नहीं करते
ऑडियंस में बैठी कांग्रेस प्रवक्ता ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का नाम लिए बिना पूछा कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि बेटी की शादी के दिन सीबीआई ने फैसला किया कि छापा मारा जाए? इस पर सिन्हा बोले- जब जांच की प्रक्रिया शुरू होती है, एफआईआर रजिस्टर होती है तो हमारी कोशिश होती है कि तुरंत सर्च किया जाए. शादी के बारे में आम लोगों को भी नहीं मालूम था तो सीबीआई को कैसे मालूम होता. हम जासूसी नहीं करते. जासूसी की होती तो शादी का भी पता चलता. गौरतलब है कि सीबीआई ने बेहिसाब संपत्ति के आरोप में 26 सितंबर को बेटी की शादी के दिन वीरभद्र के घर छापा मारा था.
क्या सीबीआई अब भी पिंजरे में
सिन्हा इस सवाल को टाल गए कि क्या सीबीआई अब भी पिंजरे में बंद तोता है. यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि क्या आप विराट से पूछते हैं कि धोनी की कप्तानी में क्यों हारे, क्यों जीते. या धोनी से पूछते हैं कि सुनील गावस्कर की कप्तानी में क्यों जीते, अब क्यों हारे? बीते एक साल में किसी पार्टी या राजनेता ने दखल देने की कोशिश नहीं की. हम अपना काम कर रहे हैं. किसने क्या किया उस इतिहास पर बात करने का कोई मतलब नहीं. आज हमारी कोशिश यह है कि हम सीबीआई को 21वीं सदी की एजेंसी कैसे बनाएं. सिन्हा ने कहा कि हम किसी के टून नहीं बनते.
बीते तीन सत्रों में विकास, मोदी लहर और यूपी चुनाव पर हुई चर्चा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हो रहे इस कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम से हुई. पहले सत्र में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार से बातचीत हुई. दूसरे सत्र में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, माकपा की वृंदा करात और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से चर्चा हुई. चर्चा का विषय रहा- ठहर गई मोदी लहर? इसके बाद कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव आए और हास्य व्यंग्य के जरिये मौजूदा राजनीति पर कटाक्ष किए. तीसरे सत्र में यूपी के सीएम अखिलेश यादव से 2017 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव पर बात हुई.
एजेंडा आज तक का उद्घाटन इंडिया टुडे की ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर कली पुरी ने किया. उन्होंने कहा कि एक चैनल के तौर पर हमारा न तो कोई दोस्त है और न दुश्मन. हम पर बिना भय और पक्षपात के लोगों के सामने खबरें प्रस्तुत करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.{mospagebreak}
आजम खान की भाषा सबसे मीठीः अखिलेश
अखिलेश यादव ने एजेंडा आज तक में चर्चा के दौरान आजम खान की भाषा को 'आपत्तिजनक' मानने से मना कर दिया है. जब एक दर्शक ने उनसे पूछा कि आजम इतनी जहरीली भाषा का इस्तेमाल करते हैं, आप उन पर लगाम क्यों नहीं लगाते, तो अखिलेश बोले- आजम खान से ज्यादा मीठी भाषा कोई नहीं बोलता है. आपने उनकी पूरी बात कभी सुनी ही नहीं है. वह उर्दू बोलते हैं और उर्दू सबसे मीठी जुबान है.
CM बोले- पिताजी से डांट खाना खुशकिस्मती
हिंदी जगत का महामंच 'एजेंडा आज तक' जारी है. तीसरे सत्र में यूपी के सीएम अखिलेश यादव से बात हुई. जब उनसे मुलायम सिंह यादव की ओर से पड़ने वाली डांट पर सवाल किया गया तो अखिलेश बोले- वो लोग खुशकिस्मत होते हैं, जिन्हें अपने बुजुर्गों की, मम्मी-पापा की डांट सुनने को मिलती है. इस पर उनसे पूछा गया कि क्या राज्य चलाना परिवार की सोच को ही आगे बढ़ाना है तो अखिलेश बोले- मुलायम जो घर में होते हैं, वही बाहर भी होते हैं.
अखिलेश ने माना- 2017 अग्नि परीक्षा
अच्छे दिन का नारा लेकर आए बीजेपी यूपी में, अब अच्छे दिन कौन सुनना चाहता है? 2017 विकास के रास्ते का चुनाव है. जो लोग विकास चाहते हैं. यह उनका चुनाव है. क्या दूसरी तरफ से सांप्रदायिक रेखा खींची जाएगी? ट्विटर और फेसबुक के जमाने में लोग लव जिहाद बोल रहे हैं. 2017 में अच्छे दिनों का नारा नहीं चलेगा. मैं तो चाहता हूं कि पुरानी, नई और केंद्र सरकार के काम की तुलना करनी चाहिए. क्या 2017 अग्नि परीक्षा नहीं है, लोकतंत्र में लोगों के बीच जाना ही सबसे बड़ी परीक्षा है. {mospagebreak}
रविशंकर बोले- देश में नहीं है असहिष्णुता
एजेंडा आज तक के दूसरे सत्र में चर्चा के दौरान महंगाई से लेकर असहिष्णुता तक के मुद्दे उठे. असहिष्णुता के मुद्दे पर रविशंकर ने कहा कि यह देश जितना हिंदुओं का है, उतना ही मुसलमानों का और दूसरे धर्मों के लोगों का भी है. देश में असहिष्णुता नहीं है. वृंदा करात ने कहा कि हिंदुत्व का एजेंडा सहिष्णुता की मिसाल नहीं है. सत्र में चर्चा का विषय था- 'ठहर गई मोदी लहर?'
चर्चा में महंगाई का मुद्दा भी उठा
महंगाई के मुद्दे पर रविशंकर ने कहा कि दालों की उपज और खपत में अंतर रहा. बीते दो साल में कम बारिश हुई, इसलिए कीमतें बढ़ीं. मोदी लहर पर वृंदा करात ने कहा कि बिहार चुनाव से खुद जवाब मिल जाता है मोदी लहर कमजोर हुई है या मजबूत. अखबारों में मोदीजी की तस्वीरों की जगह गाय की तस्वीरों ने ली.
विदेश घूमने वाले मोदी किसानों के घर क्यों नहीं जाते
रविशंकर से पूछा गया कि पीएम मोदी विदेश घूमते हैं, लेकिन 2015 में 3000 किसानों ने आत्महत्या की, वह एक भी किसान के घर क्यों नहीं गए? इस पर रविशंकर ने कहा कि मोदी ने लालकिले से दिए पहले ही भाषण में कह दिया था कि यह सरकार गरीबों के लिए, किसानों के लिए जिएगी. 19 करोड़ जनधन खातों में से 11 करोड़ गरीबों के हैं, किसानों के हैं. हम किसानों के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं. हमारे देवेंद्र फड़णवीस गए किसानों के घर गए थे. मोदी भी जाएंगे.
मोदी लहर कितनी कमजोर
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी लहर कमजोर नहीं हुई है. इस पर आनंद शर्मा बोले- पता नहीं पीएम मोदी किस दुनिया में रहते हैं. मोदी लहर अब उल्टी चल रही है. वृंदा करात ने कहा कि सरकार का विकास का दृष्टिकोण ही गलत है. जो हार बिहार में और गुजरात के गांवों में मिली है, यह उसका प्रमाण है. जवाब में रविशंकर ने कहा कि हमारी जीत इन दोनों को पचती नहीं है. इस पर आनंद शर्मा ने कहा कि बीजेपी को सात साल तक बदहजमी रही, वो हमारी चिंता न करे.
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पहले सेशन में विकास के मुद्दे पर हुई बात
पहले सेशन का मुद्दा था- 'विकास का एक्सप्रेस वे'. इस दौरान विकास और राजनीति के बीच संसद में जारी हंगामे पर भी बात हुई. यह पूछे जाने पर कि क्या संसद के भीतर भी एक एक्सप्रेस वे बन पाएगा, गडकरी ने कहा कि सत्ता पक्ष विपक्ष से चर्चा कर संसद सुचारू रूप से चलाने की कोशिश करेगा.
गडकरी बोले- दंगे UPA कार्यकाल में भी हुए
विकास के मुद्दे से शुरू हुई बात सियासत पर पहुंच गई. अश्विनी कुमार ने सरकार पर सवाल उठाए तो गडकरी बोले- बीजेपी कोई मां-बेटे की पार्टी नहीं है. मुस्लिमों के खिलाफ कांग्रेस की राजनीति रही है. सरकार का कोई फैसला अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रहा. दंगे तो यूपीए के कार्यकाल में भी हुए हैं. गडकरी से पूछा गया था कि क्या देश की अमीरी देश की सड़कों से आंकी जाएगी? इस पर गडकरी ने कहा कि सड़कें होंगी तो गांवों का विकास होगा. शहरों के साथ कृषि और गांवों का विकास भी जरूरी है. इस पर अश्विनी कुमार ने कहा कि देश आत्मसम्मान को लेकर चिंतित है.
अश्विनी बोले- यूपीए की नीतियां ही आगे बढ़ाई
अश्विनी ने गडकरी से मुखातिब होते हुए कहा कि आप विकास के नाम पर पर्यावरण की धज्जियां उड़ा रहे हैं. देश में सस्टेनेबल विकास चाहिए, सामाजिक न्याय को बढ़ाने वाला विकास चाहिए. आप यूपीए की योजनाओं को ही आगे बढ़ा रहे हैं. कोई एक नीति बताइए जो आपने बनाई हो. गरीबों के उत्थान की योजनाओं में आपने सबसे ज्यादा कटौती की. जवाब में गडकरी ने कहा कि यह सत्ता हाथ से जाने की हताशा है.
पार्टी अध्यक्ष के सवाल को टाल गए गडकरी
गडकरी से जब पूछा गया कि पार्टी अध्यक्ष रहेंगे या चले जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी तय करेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या आरएसएस तय करेगा, गडकरी बात टाल गए. मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है. गडकरी ने कहा कि यह कोई कांग्रेस जैसी पार्टी नहीं, जिसके अध्यक्ष के फैसले पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. यहां अध्यक्ष फैसला लेते हैं और 10 लोग कह देते हैं कि यह सही नहीं है.
नेशनल हेराल्ड का मुद्दा भी उठा
चर्चा के दौरान नेशनल हेराल्ड का मामला भी उठा. गडकरी ने कहा कि नेहरू ने कहा था कि यदि इस पर संकट आएगा तो मैं अपना घर भी बेच दूंगा. लेकिन कांग्रेस ने उल्टा किया. 90 करोड़ रुपये ट्रस्ट के जरिये बिना टैक्स के कंपनी में ले लिए. क्या कोर्ट का निर्णय पीएम मोदी के फोन पर दबाव पर लिया गया. यह हम पर नहीं, न्यायपालिका पर और फैसला देने वाले जज पर आरोप है. कार्रवाई का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.
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