'पंचायत आज तक' में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के गणित पर मैराथन चर्चा हुई. कार्यक्रम के चौथे सेशन में चारों प्रमुख पार्टियों (कांग्रेस, एनसीपी, बीजेपी और शिवसेना) के प्रमुख नेता मौजूद रहे. चर्चा में कांग्रेस महाराष्ट्र अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे, एनसीपी महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनिल तटकरे के साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडनविस और शिवसेना सासंद संजय राउत मौजूद रहे. एक नजर सत्र की प्रमुख बातों परः
कौन है शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में बड़ा भाई
फड़नवीस - हमारा शिवसेना के साथ मजबूत गठबंधन है. छोटे भाई बड़े भाई का कोई झगड़ा नहीं है. सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं है. लोग परिवर्तन चाहते हैं. जैसा मोदी जी ने कहा था. हम चलें न चलें, देश चल पड़ा है. लोकसभा में हम ज्यादा सीटें लड़ते हैं. विधानसभा में शिवसेना ज्यादा लड़ती है. ये बड़े छोटे का क्या है. भाई हैं, ये काफी नहीं है क्या.
संजय राउत- हमारा 25 साल पुराना गठबंधन है. जब ये शुरू हुआ था. तो लोग बोले कि छह महीने भी नहीं चलेगा. पर सबने देखा. अब लोग फिर सीट शेयरिंग की बात कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ नई पार्टियां जुड़ गई हैं. उन्हें शेयर देना होगा. देना भी चाहिए. गठबंधन का धर्म है. इसमें कोई चिंता की बात नहीं है. ये हमारे घर का मामला है. हम सुलझा लेंगे 10-15 मिनट में. हम दोनों ही इस महागठबंधन में बड़े भाई हैं.
कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में दरार
मानिकराव ठाकरे ने कहा, 'कुछ मसले थे. जो स्टेट के लेवल पर नहीं सुलझ पा रहे थे. इसलिए बात केंद्र तक पहुंची. हम 15 साल से एक दूसरे के साथ साझा सरकार चला रहे हैं. बाकी सीटों का मामला तो हर चुनाव के पहले आता है. एनसीपी इस बार ज्यादा सीटें मांग रहा है.
लोकसभा चुनाव की बात करें तो पूरा देश जानता है. अब उनकी पोल खुल रही है. हम महाराष्ट्र में विकास के आधार पर चुनाव लड़ेंगे.'
सुनील तटकरे ने कहा, 'महाराष्ट्र में भारी विकास हुआ. हर तरफ विकास हुआ है. सब विकास हो चुका है.'
और यूं चला आरोप-प्रत्यारोप का दौर
संजय राउत ने कहा, 'इस सरकार में घोटालों का विकास हुआ. सरकार के मंत्री पतंगराव कदम ने सांगली में एक स्पीच दी. कदम बोले कि आपको काम की लगी है. अगर सत्ता चली गई तो हम सब जेल में जाएंगे.'
सरकार का जवाब
ठाकरे ने कहा, 'आज ये इस तरह से बात कर रहे हैं. 15 साल पहले जब इनकी सरकार थी. तब इन्होंने क्या किया, महाराष्ट्र के लोगों को याद है.' इस पर फडनविस ने कहा, 'यह सरकार फैसला ही नहीं कर पाती. धारावी पर गाल बजाते हैं. क्या हुआ धारावी के स्लम का अभी तक. मुंबई हमलों के छह बरस बीत गए. सीसीटीवी नहीं लग पाया. 1999 में हम दिल्ली जाते थे तो अच्छा लगता था कि दिल्ली से बेहतर हमारी मुंबई का स्ट्रक्चर है. आज कोई मुंबई में रहना नहीं चाहता.'
माणिकराव ने कहा, 'देखिए चीखने से बात रखना सही नहीं होता. मुंबई में 15 हजार करोड़ के काम चल रहे हैं. 50 हजार करोड़ के काम मंजूरी में हैं. उद्धव जी बोल रहे थे कि चंद्रपुर का बच्चा मुंबई के स्कूल में घर बैठे पढ़ेगा. वो बताएं यहां स्कूलों की हालत क्या है.'