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महबूबा मुफ्ती बोलीं- देश में है सहिष्णुता का माहौल, जम्मू-कश्मीर में सेना की भूमिका को सराहा

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती सईद ने कहा कि भारत में जितनी सहिष्णुता है, वह कहीं नहीं है. हिंदू धर्म ने सबसे ज्यादा दिया है. इस्लाम में समानता है. वहां सफाईवाला भी शादी में साथ बैठकर खाना खाता है.

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जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती सईद
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती सईद

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एजेंडा आज तक के दूसरे दिन के दूसरे सत्र का मुद्दा रहा मिशन कश्मीर. इस मुद्दे पर बात करने के लिए जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती सईद शामिल हुईं. उनसे इंडिया टुडे टीवी के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर बेबाक बातचीत की है.

असहिष्णुता के मुद्दे पर महबूबा ने कहा कि इस देश में जितनी सहिष्णुता है, वह कहीं नहीं है. हिंदू धर्म ने सबसे ज्यादा दिया है. इस्लाम में समानता है. वहां सफाईवाला भी शादी में साथ बैठकर खाना खाता है. हमें न्यूक्लियर दौर में पड़ने की बजाए देश की अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए.

महबूबा ने की सेना की तारीफ
भारतीय सेना का काम की तारीफ करते हुए महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सेना ने बहुत मदद की है. जो काम कई वर्षों में होता था, उसे सेना ने कम समय में ही कर दिखाया है. बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त एक पुल को सेना के जवानों ने महज 6 महीने में बना दिया था. अब समय बदल चुका है.

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'आज छद्म हिंदूवाद का बोलबाला है'
मुफ्ती ने कहा कि हुर्रियत को गाली देना फैशन हो गया है. इससे न तो कोई राष्ट्रवादी बनता है और न ही कोई राष्ट्र विरोधी. आज छद्म हिंदूवाद का बोलबाला है. हमारे लोगों को अच्छे स्कूलों, अस्पतालों की जरूरत है. हिंदू धर्म यह नहीं सिखाता कि क्या खाना है और क्या नहीं. ऐसा करने वाला हिन्दू नहीं है.

'कश्मीर में शांति का फायदा उठाएं'
मुफ्ती ने कहा कि पाकिस्तान से जंग तो होती ही रही है अब बात भी होनी चाहिए. यदि अभी शांति है तो हमें उसका फायदा उठाना चाहिए. जब अट बिहारी वाजपेयी कश्मीर आए तो उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान से बात करेंगे. इसलिए ताली दो हाथ से ही बजती है.

PAK झंडे को मीडिया ने दिया है तूल
मुफ्ती से जब पूछा गया कि कश्मीर में पाकिस्तानी झंडे कब तक फहराए जाते रहेंगे, तो उन्होंने कहा कि जब तक मीडिया इसे तूल देता रहेगा. उन्होंने उदाहरण दिया कि 15 अगस्त को 25 हजार लोगों ने तिरंगा लहराया, लेकिन उसे नहीं दिखाया गया.

'बीजेपी के साथ आसान नहीं था गठबंधन'
बीजेपी के गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि वाजपेयी के साथ अच्छा तजुर्बा था, लेकिन बीजेपी के साथ सरकार बनाना आसन नहीं था. फिर भी हमें दो महीने लगे एजेंडा ऑफ अलायंस तय करने में. हुर्रियत वालों को भी बुलाया गया था. तमाम मुद्दों पर सहमति बनाई गई और सरकार चल रही है.

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