जमाना है कि बदल गया है. हर बीतते दिन के साथ लगता है कि बदल रहा है. गाना सुनते हुए, गली से गुजरते हुए, मेट्रो में चलते हुए, मॉल में घूमते हुए और फिल्में देखते हुए यह बदलाव आप देख पाते हैं. प्यार के इजहार, तौर-तरीकों, बातचीत और रवैये पर भी इसका असर पड़ा है. अंकल-आंटियों के दौर में निगाहें मिलाने की इच्छा भी शर्माते हुए जताई जाती थी. फिर आया वह जमाना जब हीरो कहता था कि 'अगर मैं कहूं मुझे तुमसे मुहब्बत है, मेरी बस यही चाहत है, तुम क्या कहोगी', तो नायिका कहती कि अपनी बात को जरा-घुमा फिराकर कहो. और अब तो व्हॉट्सएप्प और फेसबुक का दौर आ गया है. कट टू कट बातचीत होती है. नंबर लेना आसान हो गया है. शर्माना-झिझकना थोड़ा कम हुआ है.
पिछले कुछ सालों में प्यार और उसके तौर तरीके कितने बदले, आप कमेंट बॉक्स में हमें बताइए. फेसबुक से पहले, फेसबुक के बाद. फिल्मी सीन्स में, फिल्मी गानों में. आपकी असल जिंदगी में भी. आपका अंदाज दिलचस्प हुआ तो हम उसे अपने आर्टिकल में जगह देंगे.