नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही स्पष्ट कर दिया कि वह पड़ोसियों संग रिश्तों का नया दौर शुरू करेंगे. शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान समेत कई देश के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया. मुलाकातों का दौर शुरू हुआ और अब विदेश दौरे का समय है. लेकिन सीमा पर सीजफायर के उल्लंघन और इस ओर सरकार की शुरुआती चुप्पी ने सवाल खड़े किए. पाकिस्तान से बातचीत को रद्द कर दिया गया और ड्रैगन की दशहत का जवाब जापान के तोजी मंदिर से दिया गया.
अब आगे क्या? सीमा पर विवाद और केंद्र में सियासत के बीच पाकिस्तान और चीन के साथ सरकार की नीति क्या होगी? पंचायत आजतक के आठवें सेशन 'पड़ोसी से कितना प्यार' इसी के इर्द-गिर्द रहा. चर्चा में बीजेपी नेता शेषाद्रि चारी, राज्यसभा सांसद व कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव केसी सिंह शामिल हुए.
सवाल: पाकिस्तान के साथ आगे कैसा रिश्ता हो, क्या बातचीत होनी चाहिए?
शेषाद्रि चारी: सभी दल ये मानते हैं कि पाकिस्तान से बात होनी चाहिए और हम भी यही मानते हैं. लेकिन हम ये भी कहते हैं कि कुछ कंडिशन जरूर होनी चाहिए. हमारी शुरू से धारणा है कि कश्मीर मुद्दे पर जब भी बातचीत होगी तो पाकिस्तान प्रधानमंत्री से ही बात होगी, फिर चाहे वो किसी भी दल का पीएम हो. क्योंकि हम हुर्रियत को भारत सरकार का प्रतिनिधि नहीं मानते हैं.
सवाल: पाकिस्तान ने दोस्ती के मुद्दे पर हमेशा ठोकर मारी है. आज सड़क पर जाइए बच्चा-बच्चा कह रहा है कि मोदी सरकार ने बातचीत रद्द कर ठीक किया?
मणिशंकर अय्यर: विदेश नीति में जनता सरकार को नहीं बल्कि सरकार जनता को रास्ता दिखाती है. हमारे संविधान में भी लिखा है कि संसद भी विदेश नीति के मामले में सरकार को नहीं रोक सकती. हां, राय जरूर दे सकती है. इस सरकार ने सोचा कि यूपीए वालों ने नहीं करके दिखाया हम करके दिखाएंगे. इनको 10 अगस्त को ही पता चल गया था कि पाकिस्तान ने हुर्रियत को बातचीत का न्यौता भेजा है. लेकिन इन्होंने किसी को नहीं बताया. यहां तक कि नवाज शरीफ को भी नहीं बताया. मोदी सरकार ने जम्मू में वोट हासिल करने के लिए हुर्रियत की ओट लेकर पाकिस्तान से बातचीत रद्द कर दी.
शेषाद्रि चारी: पाकिस्तान को अब ध्यान रखना होगा कि दिल्ली में नई सरकार है. समय बदल चुका है. उन्हें अपने तरीके बदलने होंगे.
सवाल: बातचीत ठुकराकर मोदी सरकार ने ठीक किया या गलत?
केसी सिंह: अगर बातचीत तोड़नी थी तो किसी मुद्दे पर तोड़ते. उस वक्त पाक सेना बार-बार LOC में सीजफायर का उल्लंघन कर रही थी. तो बातचीत रद्द करनी थी तो इस मुद्दे पर करनी चाहिए थी.
मणिशंकर: मोदी सरकार को पहले ही तय कर लेना चाहिए था कि वो पाकिस्तान से दोस्ती बढ़ाना चाहते हैं या नहीं. अगर नहीं रखनी थी तो जब शरीफ यहां आए तो उन्हें झप्पी देकर विदा कर देते और वहां से जो साड़ी आई उसे मां तक पहुंचाकर बात खत्म करते. लेकिन इस तरह बातचीत रद्द करना बच्चों जैसी बात है. सरकार ने बातचीत से पहले पाकिस्तान के सामने ऐसी कोई शर्त नहीं रखी कि वो हुर्रियत से बात नहीं करेगा.
सवाल: अगर 26/11 या संसद में हमला जैसी कोई घटना हो जाए तो मोदी सरकार क्या करेगी?
शेषाद्रि चारी: उस वक्त जो उचित होगा वो करेंगे. हमारी रेस्पॉन्स टीम बहुत मजबूत है.
सवाल: जापान जाकर पीएम मोदी ने अच्छा किया. अब चीन की बढ़ती ताकत को रोकने में मदद मिलेगी?
मणिशंकर अय्यर: ऐसा बिलकुल नहीं है क्योंकि शिंजो आबे की सरकार खुद मुश्किल में है. हालांकि वो समृद्ध देश है. अगर उन्होंने हमारी बात की तो वो आज की नहीं पुरानी बात है. वो पहले से हमारी मदद करते आए हैं. अगर उस मदद में वृद्धि हो तो मोदी को क्रेडिट जाए. इसलिए यह नहीं कहा जाना चाहिए कि जापान के साथ नया दौर शुरू हो रहा है.
केसी सिंह: उभरता चीन हमारे लिए, जापान के लिए और पूरे विश्व के लिए चैलेंज है. अगर चीन पाकिस्तान की मदद न करे तो पाकिस्तान भारत के लिए समस्या नहीं हो सकता.
शेषाद्रि चारी: हम चीन और जापान के साथ रिश्तों में बैलेंस करते आए हैं. चीन से हमें डरने की भी जरूरत नहीं है और जापान की ओट में उसे नीचा दिखाने की भी जरूरत नहीं है.