एजेंडा आजतक के दूसरे दिन 'बदले नोट, बदलेगा इंडिया?' सेशन में नोटबंदी और चुनाव सुधार के मसले पर बातचीत हुई. चर्चा का संचालन राहुल कंवल ने किया. राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के पाई-पाई का हिसाब देने के बारे में तीनों नेताओं ने गोलमोल जवाब दिया. आरपीएन सिंह ने कहा कि सरकार ऐसा कानून लाती हैं वो उसका स्वागत करेंगे.
वहीं सलीम ने कारपोरेट से मिलने वाले चंदे पर सवाल उठाए. उनका कहना है कि कारपोरेट राजनीतिक दलों को चंदा क्यों दे क्योंकि सरकारें तो जनता के लिए काम करती हैं. सलीम के इस सवाल पर गोयल ने कहा कि कारपोरेट भी जरूरी हैं. चर्चा के दौरान दर्शक दीर्घा में मौजूद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव काले धन से ही लड़ा जाता था और आगे भी लड़ा जाएगा.
सबसे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नोटबंदी के असर पर कहा कि सड़क पर चलते हैं तो गारंटी नहीं होती कि कल क्या होगा. नोटबंदी का फैसला लिया गया तो लक्ष्य बहुत साफ था. नोटबंदी आतंकवाद, काला धन के खिलाफ बड़ी मुहिम है. अगर पूरा पैसा सिस्टम में आ जाए तो कोई परेशानी नहीं है.
गोयल ने दावा किया कि नोटबंदी से देश को कई फायदे होंगे. उन्होंने कहा कि जब परिवर्तन होता है तो कुछ तकलीफें आती हैं. अगर इससे डरकर हम परिवर्तन नहीं करेंगे तो इकोनॉमी में सुधार शायद इतना सरल नहीं होगा. देश की जनता काला धन खत्म करने और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के मोदी सरकार के फैसले के साथ है.
सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम ने बेल्लारी के रेड्डी बंधुओं की शाही शादी को लेकर गोयल पर कटाक्ष किया. गोयल ने सफाई दी कि रेड्डी बंधु बीजेपी के नेता नहीं हैं. सलीम ने बीजेपी दफ्तरों के लिए जमीन खरीदे जाने का भी मसला उठाया. नोट बदलने की व्यवस्था से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है. चार हफ्ते पहले देशभक्ति का नारा दिया गया, भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खिलाफ जंग की बात कही गई है लेकिन अब इसे कैशलेस इकोनॉमी से जोड़ दिया गया है.
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह मोदी सरकार ने भ्रामक प्रचार किया कि कांग्रेस के पास काला धन है. लेकिन नोटबंदी से किसान, आम आदमी, गरीब मर रहा है. 80 से ज्यादा लोग लाइनों में मर गए. यह अफसोस की बात है.
सिंह ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने नोटबंदी की व्यवस्था से काला धन वालों को सरल रास्ते दे दिए गए हैं. कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की. सिंह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार एक महीने में 25 बार कानून बदल चुकी है. पीएम कहते हैं कि आज भिखारी भी कार्ड लेकर चलता है, हम तो भिखारी से भी गरीब हैं. यूपीए सरकार में जितने लोग गरीबी रेखा से ऊपर गए हैं वो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है.