इंडियन प्रीमियर लीग प्रमुख ललित मोदी और केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के बीच आईपीएल की कोच्चि टीम संयोजन को लेकर हुए विवाद को बढ़ता देख भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने 10 दिन के भीतर बातचीत के लिये और इस मुद्दे पर फैसला करने के लिये आईपीएल संचालन परिषद की बैठक बुलाई है.
मोदी ने कल अपने ट्वीट में ना सिर्फ फ्रेंचाइजी खरीदने वाले समूह के मालिकों का खुलासा किया था बल्कि यह भी आरोप लगाया था कि थरूर ने उन्हें इन शेयरधारकों के नाम का खुलासा नहीं करने को कहा था. बीसीसीआई प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने कहा कि बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके निवास स्थान पर मिलने के बाद शुक्ला ने कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष ने दस दिन के अंदर आइपीएल संचालन परिषद की बैठक बुलाकर इस मामले में चर्चा करके निर्णय करने का फैसला किया है. शुक्ला ने साफ किया कि सोनिया गांधी से मिलने का थरूर विवाद से कुछ लेना देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि दोनों ओर से जो आरोप लगाये गये हैं, ये सभी मुद्दों पर आईपीएल की संचालन परिषद में उठाये जायेंगे. शुक्ला ने इस बारे में पूछे गये सवालों के बारे में कहा कि मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता और न ही एक दूसरे पर लगाये जा रहे आरोपों पर किसी प्रकार का आकलन करना चाहता हूं. मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि इस बारे जो भी चर्चा होगी, वह बीसीसीआई अध्यक्ष द्वारा बुलाई बैठक में की जाएगी.{mospagebreak}
यह पूछने पर कि थरूर की आइपीएल कोच्चि टीम में हिस्सेदारी के बारे में क्या उन्होंने सोनिया गांधी से विचार विमर्श किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में मने सोनिया गांधी से किसी प्रकार की बात नहीं की है. यह कांग्रेस अध्यक्ष से नियमित रूप से होने वाली एक बैठक थी. रोंदेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड (आरएसडब्ल्यू) ने आईपीएल की कोच्चि फ्रेंचाइजी को 1533 करोड़ रूपये में खरीदा था. इसके शेयर धारकों में सुनंदा पुष्कर का नाम भी है जो थरूर के बेहद नजदीकी लोगों में मानी जाती हैं.
मोदी के इस खुलासे से आरएसडब्ल्यू ने उन्हें कानूनी नोटिस भेजने की धमकी देते आरोप लगाया कि आईपीएल अध्यक्ष ने गोपनीयता की शर्तों को तोड़ा है और इस संबंध में बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर से भी शिकायत की है.
मोदी ने यह भी संकेत दिया कि उन पर इस का दबाव था कि वे इस फ्रेंचाइजी के मालिकों के नाम सार्वजनिक नहीं करें. उन्होंने कहा कि मुझसे कहा गया था कि मैं फेंचाइजी के मालिकों का खुलासा नहीं करूं, विशेषकर सुनंदा पुष्कर के बारे में. क्योंकि उधर थरूर ने कहा कि वे इस फ्रेंचाइजी के शेयरधारक नहीं हैं और वह केवल ‘फेसिलिटेटर’ (कोच्चि फ्रेंचाइजी को आईपीएल में बोली लगाने में सहायता करने) की भूमिका में थे.
थरूर ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी मोदी से यह नहीं कहा कि वह आरएसडब्लयू के शेयरधारकों के नामों को उजागर नहीं करें.