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'पंचायत आज तक': उद्धव ठाकरे ने जताई महाराष्ट्र का CM बनने की चाहत

पंचायत आज तक महाराष्ट्र चुनाव पर महामंथन का पहला सेशन शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ हुआ. इसकी शुरुआत शिवसेना के विजन डॉक्यूमेंट के साथ हुई. इसके तुरंत बाद उद्धव ने एक चुनावी घोषणा कर डाली.

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उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे

पंचायत आज तक महाराष्ट्र चुनाव पर महामंथन का पहला सेशन शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ हुआ. इसकी शुरुआत शिवसेना के विजन डॉक्यूमेंट के साथ हुई. इसके तुरंत बाद उद्धव ने एक चुनावी घोषणा कर डाली. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आई तो वो आठवीं तक के बच्चों को टैब देंगे जिससे राज्य में शिक्षा की स्थिति में सुधार आएगा.

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उद्धव ने कहा, ‘बाला साहेब ने बच्चों के बस्ते के बोझ पर चिंता जताई. कहा, ये क्या है, जानवर बना रखा है बच्चों को. तो मैंने ठान लिया कि बच्चों को बस्ते के बोझ से बचाना है. मैंने सोचा है कि महायुति सरकार बनने पर आठवीं क्लास से बच्चों को टैब दे दूंगा. शिक्षा देने के लिए अगर दो पैसे खर्च हो रहे हैं तो होने चाहिए. शिक्षा सबसे जरूरी है. एक भी विद्यार्थी ऐसा नहीं रहेगा जो पढ़ेगा नहीं. अगर वो स्कूल नहीं जाएगा तो स्कूल उसके पास आएगा. पिछले तीन साल से हमने नगर पालिका के स्कूलों में विजुअल स्टडी शुरू किया है. महाराष्ट्र के 400 स्कूलों में इसके जरिए बच्चे पढ़ रहे हैं.’

उद्धव से जब यह पूछा गया कि क्या वो जनता का चेहरा हैं? उन्होंने कहा, ‘दिल्ली की लहर पूरे देश में है. देश बदलाव चाहता था. चुनाव के पहले दिल्ली आया था तो कहा था कि देश को चेहरा चाहिए. देश का नेता कौन बनेगा? तो नरेंद्र भाई सामने आए. सफलता मिली. अब महाराष्ट्र की बात आई है. तो लोगों को चेहरा चाहिए. मतदान करेंगे तो उन्हें चेहरा चाहिए.’

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उद्धव ठाकरे चेहरा है, ‘मैं क्यों नहीं मानूं. लोग अगर मेरे ऊपर भरोसा करना चाहते हैं तो उसमें बुराई क्या है? सहयोगी हो या कोई हो अगर लोगों के आईने में मैं हूं तो इसमें अच्छा है.

यह पूछने पर कि आपके सहयोगी तो चेहरा बदलना चाहते हैं, उद्धव ने कहा, ‘मुझे लगा नहीं कि बीजेपी चेहरा बदलना चाहते हैं. फैसला तो लोगों को करना है. जो चेहरा बदलना चाहते हैं, वो लोगों के हमारे ऊपर भरोसे की वजह खोजें. फिर बदलाव की सोचें.’

महाराष्ट्र विधानसभा में 54 दागी लोग हैं. जब उद्धव से यह पूछा गया कि वो दागियों पर क्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘विज्ञापन में देखता हूं कि दाग अच्छे लगते हैं. उनके ऊपर जो केस है, उनके ऊपर जो दाग है वो जनता के लिए लड़ाई लड़ते हुए मिले हैं. आप उन्हें दागी कहेंगे. तो मैं कहूंगा कि मुझे उन पर अभिमान है. जनता के लिए लड़ते हुए अगर दाग लगते हैं तो दाग अच्छे हैं. मगर आर्थिक या किसी और किस्म के घोटाले की बात है, तो ऐसे लोगों को जेल में जाना होगा.’

उन्होंने कहा, ‘देश का कानून अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. उनके जमाने में जो हमारे क्रांतिकारी थे उन्हें तो फांसी तक हुई. इस कानून को बदलना ही चाहिए.

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शिव सेना कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी और बीजेपी कितने पर ये पूछने पर उद्धव ने मजाक में कहा, ‘चर्चा अभी जारी है. हम जितनी सीटों पर नहीं लड़ेंगे वो उतने पर लड़ेंगे.’ इसके बाद उन्होंने गंभीरता से कहा, ‘हर किसी का सपना होना चाहिए कि अपनी पार्टी आगे बढ़े. जब समय आता है तब ठीक से फैसला होगा. ग्राउंड रियलिटी है उसको देखते हुए फैसला होगा. यह दुनिया का एकमात्र गठबंधन है जो 25 साल से चलता चला आ रहा है.’

उद्धव ने पंचायत आज तक के महामंच से यह घोषणा की कि वो महाराष्ट्र का जो हिस्सा कर्नाटक में है उसे वापस लेकर आएंगे.

उद्धव ने कहा, ‘वहां के लोग महाराष्ट्र के हैं. जब विभाजन हुआ उन्होंने गलती की. मैं कहता है उस क्षेत्र को केंद्र शासित करो. महाराष्ट्र में हमने कभी किसी पर भाषा की जबरदस्ती नहीं की.’

मुंबई में प्रांत वाद है यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘जब हम करें तो यह प्रांतवाद लगता है. भाषा के अनुसार प्रांत की रचना हमने की नहीं.’

दूसरे राज्यों के लोग महाराष्ट्र में रह रहे हैं और यहां की पार्टी उनका विरोध करती हैं तो उन्होंने कहा, ‘अपराध वहां कि सरकारों का है जिनके लोग अपना स्टेट छोड़कर यहां आ रहे हैं. उनके लिए शर्मनाक है.’

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जब उनसे यह पूछा गया कि 18.96 फीसदी मराठी बाहर रहते हैं तो उद्धव ठाकरे ने कहा, क्या वो झोपड़ी में रहते हैं?

आपका राजनीति में दिल बार बार टूटा है, अपनों ने तोड़ा है यह पूछने पर उद्धव ने कहा, ‘बड़े दिल वाला हूं तो थोड़ी से टूट यहां वहां है इससे फर्क नहीं पड़ेगा.’

राज ठाकरे पर प्रश्न पूछने पर उद्धव ने कहा, ‘उनकी बात उनसे पूछें. मेरे सामने महाराष्ट्र के विकास का सवाल है. मैं जनता को वचन देता हूं. एक बार आप मुझे मौका दे दो. मैं शिकायत का मौका नहीं दूंगा. आपको गर्व होगा. ये मेरा महाराष्ट्र है. संस्कार की बात होती है. मैं महाराष्ट्र की बात करता हूं. मैं इसे बहुत आगे लेकर जाउंगा. मुझे बाला साहेब को जवाब देना है. मैं उनके अस्तित्व को हमेशा महसूस करता हूं.’

अंत में यह पूछने पर कि क्या हम इस वक्त आने वाले वक्त के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात कर रहे हैं? उद्धव ने कहा, ‘मैं सपना नहीं देखता लेकिन मैं जिम्मेदारी से नहीं भागता. मैं बाला साहेब का बेटा हूं. अगर जिम्मेदारी मिलती है तो मैं महाराष्ट्र को नंबर वन बना कर दिखाउंगा.’

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