एजेंडा आज तक के 10वें सत्र में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के जरिए 'नॉर्थ-ईस्ट पर सीधी नजर' डाली गई. नॉर्थ-ईस्ट के इन दोनों जाने-माने नेताओं ने वहां की समस्याओं को सामने रखा और पूर्वोत्तर की तरक्की को लेकर सुझाव भी दिए.
संगमा से पूछा गया कि नार्थ-ईस्ट से एक-एक या दो सांसद आते हैं तो क्या इससे उन राज्यों का प्रतिनिधित्व कमजोर हो जाता है. इस पर उन्होंने कहा कि समस्या उठाने के लिए एक सांसद भी काफी होता है. सिर्फ संख्याबल से कुछ नहीं होता. मुद्दे को ठीक से उठाना जरूरी है.
मजबूती से उठाई नॉर्थ-ईस्ट की आवाज
रिजिजू ने कहा, '2004 में मैं पहली बार चुनकर लोकसभा आया, तो महसूस हुआ कि हमारी संख्या कम है. यूपी के 80 सांसद एक साथ खड़े हो जाते हैं, तो फर्क पड़ता है. लेकिन मैंने सोचा भले ही अकेला हूं, लेकिन 20 सांसदों के बराबर बोलूंगा. इसकी वजह से मुझे पुरस्कार भी मिले.'
लुक ईस्ट को बनाया एक्ट ईस्ट
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के मामले में सोच बदलने की जरूरत है. प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अपनी सोच बदलिए और हर 15 दिन में एक मंत्री को वहां जाना होगा. इससे बहुत फायदा हुआ. प्रधानमंत्री ने लुक ईस्ट को एक्ट ईस्ट बनाया. नॉर्थ-ईस्ट को लेकर तालमेल से काम हो रहा है.