केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण साध्वी निरंजन ज्योति आम तौर पर अपने कट्टर बयानों के लिए सुर्खियों में रहती हैं. लेकिन आजतक की यूपी पंचायत में फायरब्रांड साध्वी की शख्सियत का नरम पहलू नजर आया. 'गोरक्षा, मंदिर और विकास' के सेशन में उन्होंने राम मंदिर और गोरक्षा जैसे मसलों पर अपनी राय दोहराई लेकिन आखिर में एक भजन सुनाना भी नहीं भूलीं.
साध्वी के सुर
साध्वी ने गाया- ‘कई जन्मों से बुला रहे हो, कोई तो रिश्ता जरूर होगा, नजरों से नजरें मिला ना पाए मेरी नजर का कसूर होगा..तुम्ही तो मेरे मात-पिता हो..तुम्ही तो मेरे बंधु सखा हो, अनेक नाते तुम संग जोड़े..कोई तो नाता जरूर होगा.’
साध्वी के अशआर
साध्वी निरंजन ज्योति का ये मूड बरकरार रहा. इसके बाद वो मंच पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी से मुखातिब हुईं और ये शेर पढ़ा-
‘हर समय खुशहाल रहना कोई हमसे सीख ले, सबमें रहके अलग रहना कोई हमसे सीख ले, झंझटों से भाग जाना चाहे जिससे सीख लो, झंझटों में रहके बचना कोई हमसे सीख ले.’
‘मंदिर वहीं बनेगा’
चर्चा के दौरान साध्वी ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा जायज नहीं है. उन्होंने राम मंदिर को विवादित स्थल पर ही बनाने की भी पैरवी की. हालांकि उन्होंने दोहराया कि आपसी समझौते या अदालत के फैसले से ही ये मुमकिन होगा. साध्वी ने राम मंदिर वहीं बनवाने का वादा करने से इनकार किया.