'3 तलाक- योगी दिलाएंगे इंसाफ?' सत्र में मुस्लिम वक्फ और हज मामलों के मंत्री मोहसिन रजा, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता यासूब अब्बास, ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर और मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने शिरकत की. फिरंगी महली का कहना था कि मुस्लिमों से ज्यादा हिंदू महिलाएं तलाक की समस्या से परेशान हैं.
'तलाक मुस्लिम समाज के लिए अभिशाप'
वहीं मोहसिन रजा ने पूछा कि मुस्लिम धर्मगुरू आधुनिक शिक्षा पर जोर क्यों नहीं देते? मसले पर रजा और फिरंगी महली के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई. शाइस्ता अंबर ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा में नाकाम रहा है और मुस्लिम महिलाएं अब भी इंसाफ के लिए भटक रही हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट इस्लामी कानून के मुताबिक महिलाओं के लिए नया कानून बनाएगा. यासूब अब्बास ने भी कहा कि वो तीन तलाक की प्रथा में सुधार के हिमायती हैं. शाइस्ता अंबर ने कहा कि तलाक मुस्लिम समाज के लिए अभिशाप है. ये खत्म होना चाहिए. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सभी पहलुओं को नहीं देख रहा है. तीन तलाक गलत इस्तेमाल हो रहा है. अय्याशी का साधन मुस्लिम महिलाएं बन कर रह गई हैं.
‘हजरत मोहम्मद के वक्त भी था तीन तलाक’
फिरंगी महली ने दावा किया कि हजरत पैगंबर मोहम्मद के वक्त भी तीन तलाक के मामले सामने आए थे और पर्सनल लॉ बोर्ड ने ये बात सुप्रीम कोर्ट में भी कही है. उन्होंने दावा किया कि ट्रिपल तलाक शरीयत का हिस्सा है और मुस्लिम महिलाओं को भी ये हक है. उन्होंने इस मसले को लेकर मीडिया पर भी निशाना साधा. महली के मुताबिक मीडिया इसे बेवजह तूल दे रही है.