आजतक की पंचायत के मंच पर महिला शक्ति से जुड़े सेशन में जहां बीजेपी और कांग्रेस विधायकों के बीच महिला सुरक्षा के मुद्दों पर सहमति दिखी.
बीजेपी विधायक का विवादित बयान
वहीं अमेठी से बीजेपी विधायक गरिमा सिंह ने कहा कि लड़कियों को भी अपने आचार-विचार और वेशभूषा पर गौर करना चाहिए. उनकी राय में समाज का इतना पतन हो चुका है कि लोग वेशभूषा के आधार पर गलत टिप्पणी करते हैं. उन्हें खुले कपड़े नहीं पहनने चाहिए. दिलचस्प बात ये है कि मंच पर ही मौजूद महिला कल्याण राज्य मंत्री स्वाति सिंह ने इस बयान पर असहमति जताई. स्वाति सिंह का कहना था कि निर्भया ने पूरे कपड़े पहने थे इसके बावजूद उसे दरिंदगी का शिकार होना पड़ा.
‘मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक का हक क्यों नहीं’
चर्चा के दौरान स्वाति सिंह ट्रिपल तलाक के मसले पर भी बोलीं. उनका कहना था कि इस रिवायत से महिलाएं मजाक बनकर रह गई हैं. सिंह ने पूछा कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक का हक क्यों नहीं दिया गया है? हालांकि सिंह ने ये भी साफ किया कि किसी पर भी तील तलाक से जुड़ा कोई भी फैसला जबरन नहीं थोपा जाएगा.
महिला विधायक भी नहीं महफूज
चर्चा में शामिल कांग्रेस की युवा विधायक आदिति सिंह ने एंटी-रोमियो दस्ते बनाने के योगी सरकार के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि विधायक होने के बावजूद उन्हें घर से बाहर निकलने में डर लगता है. आदिति सिंह के मुताबिक सोच बदलकर ही महिलाएं महफूज हो सकती हैं. कांग्रेस विधायक अराधना मिश्रा उनसे सहमत नजर आईं. हालांकि मिश्रा ने ये भी कहा कि महिला सुरक्षा का मसला बहुत पुराना है और इसके लिए कोई एक पार्टी जिम्मेदारी नहीं है. मिश्रा ने याद दिलाया कि कांग्रेस ने ही देश को पहली महिला प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दी थी. मिश्रा का कहना था कि हिंदू समाज में भी पुरुष तलाक का दुरुपयोग करते हैं.