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Yearender: भारतीय क्रिकेट को अच्छी कम बुरी यादें ज्यादा दे गया साल 2015

2015 की शुरुआत में ही टीम का खराब प्रदर्शन चिंता का विषय बना. ऑस्ट्रेलिया में मेजबानों से चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत को 0-2 से मुंह की खानी पड़ी. इसी सीरीज के बीच में तत्कालीन टेस्ट कप्तान धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सबको सकते में डाल दिया जिसके बाद टीम की कमान युवा विराट कोहली को सौंपी गई.

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कोहली की लीडरशिप वाली टीम इंडिया
कोहली की लीडरशिप वाली टीम इंडिया

भारतीय क्रिकेट के लिए मौजूदा वर्ष निराश करने वाला रहा. मैदान के अंदर जहां भारतीय टीम अपने विश्व कप खिताब को बचाने में नाकामयाब रही, वहीं मैदान से बाहर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दो धुरंधर टीमों को फिक्सिंग के आरोपों के चलते सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा समिति ने आईपीएल से दो वर्ष के लिए निलंबित कर दिया.

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साल के शुरू में कैप्टन कूल ने छोड़ी सफेद जर्सी
2015 की शुरुआत में ही टीम का खराब प्रदर्शन चिंता का विषय बना. ऑस्ट्रेलिया में मेजबानों से चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत को 0-2 से मुंह की खानी पड़ी. इसी सीरीज के बीच में तत्कालीन टेस्ट कप्तान धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सबको सकते में डाल दिया जिसके बाद टीम की कमान युवा विराट कोहली को सौंपी गई. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के साथ हुई त्रिकोणीय सीरीज में भी भारतीय टीम को हार झेलनी पड़ी. लगातार सीरीज हारने के बाद वर्ल्ड कप में उतरी भारतीय टीम को वहां भी निराशा ही हाथ लगी.

बांग्लादेश ने पहली बार भारत को हराया
भारतीय टीम को बांग्लादेश ने अपने घर में तीन वनडे मैचों की सीरीज में 1-2 से हरा विश्व जगत को चौंका दिया, जबकि दोनों देशों के बीच हुआ एकमात्र टेस्ट मैच बारिश के चलते ड्रॉ रहा. इससे पहले भारतीय टीम बांग्लादेश से कोई भी सीरीज नहीं हारी थी. बांग्लादेश के बाद हुए जिम्बाब्वे दौरे पर बीसीसीआई ने युवाओं को मौका देते हुए अजिंक्य रहाणे के नेतृत्व में टीम भेजी. जहां टीम ने तीन वनडे मैचों की सीरीज 3-0 से अपने नाम की. हालांकि दो टी-20 मैचों में से एक मैच में टीम को शिकस्त भी झेलनी पड़ी.

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टेस्ट में अच्छा, वनडे में बुरा खेले हम
अच्छी खबरों को तरस रहे भारत के लिए कुछ राहत की खबर श्रीलंका से आई जहां भारतीय टीम ने विराट कोहली की कप्तानी में श्रीलंका को उसी के घर में 2-1 से हराया . लेकिन इसके बाद भारत दौरे पर आई दक्षिण अफ्रीकी टीम ने भारत को उसी के घर में वनडे और टी20 सीरीज में हरा दिया. हालांकि भारतीय टीम चार मैचों की टेस्ट सीरीज जरूर 3-0 से जीतने में कामयाब रही. लेकिन नागपुर टेस्ट की पिच ने एक बार फिर पूरी दुनिया में भारत की किरकिरी करा दी. विश्व क्रिकेट दो भागों में बंट गया, एक भारत के पक्ष में और दूसरा विपक्ष में. इस दौरान मैदान पर हो रही उठापटक के बीच मैदान के बाहर भी शोर-शराबा जारी रहा.

रॉयल्स और सुपरकिंग्स पर लगा दो साल का बैन
आईपीएल फिक्सिंग मामले में फंसी राजस्थान और चेन्नई टीमों के सह-मालिकों राज कुंद्रा और गुरुनाथ मयप्पन को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने फिक्सिंग का दोषी मानते हुए दोनों पर अजीवन प्रतिबंध लगा दिया. इसके बाद दोनों टीमों को भी दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया. इन दोनों टीमों के प्रतिबंधित हो जाने के बाद आईपीएल में दो नई टीमों राजकोट और पुणे को शामिल किया गया.

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घूमता ही रहा इंडो-पाक क्रिकेट का जिन्न
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने के लिए अक्सर क्रिकेट का हवाला दिया जाता है लेकिन इस साल यहां भी कोई सफलता हाथ नहीं लगी. कई साल बाद भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध बहाल करने के लिए बीसीसीआई और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के बीच पिछले साल एक समझौता हुआ, जिसके तहत पाकिस्तान इसी वर्ष दिसंबर में संयुक्त अरब अमिरात (यूएई) में भारत की मेजबानी करने वाला था. लेकिन दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध कुछ इस कदर खट्टे हुए कि इस सीरीज पर ग्रहण लग गया. बीसीसीआई के नए अध्यक्ष शशांक मनोहर भी यूएई में सीरीज नहीं चाहते थे जिसके बाद पीसीबी ने यह सीरीज श्रीलंका में आयोजित करवाने का प्रस्ताव रखा. हालांकि बीसीसीआई ने मामले को भारत सरकार के पाले में डाल दिया, जहां इस पर कोई भी फैसला नहीं हो सका और अंतत: सीरीज रद्द हो गई.

DDCA मामले ने कराया दिल्ली में बवाल
दिल्ली क्रिकेट में भ्रष्टाचार के पुराने मामलों ने इस साल के अंत में तूल पकड़ा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) का अध्यक्ष रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. हालांकि इस मामले को जेटली की पार्टी के ही सांसद और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी कीर्ति आजाद बहुत पहले से उठाते रहे हैं. आजाद ने प्रेस कान्फ्रेंस कर डीडीसीए में भ्रष्टाचार के कुछ सबूत पेश किए. अपने ऊपर लगे आरोपों से आहत जेटली ने न सिर्फ अरविंद केजरीवाल और पांच अन्य आप नेताओं पर मानहानि और आपराधिक मानहानि का दावा कर दिया, बल्कि आजाद को भी जेटली के खिलाफ जाने की सजा मिली और उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया.

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