यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पंचायत आजतक में उत्तर प्रदेश को 'उत्तम प्रदेश' बनाने के लिए अपने फॉर्मूले का खाका पेश किया. उन्होंने कानून व्यवस्था से लेकर सामाजिक सद्भाव तक सब पर अपनी बात रखी. पढ़िए योगी आदित्यनाथ की पूरी स्पीच...
100 दिन बाद दूंगा रिपोर्ट कार्ड
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि बीजेपी को देश के प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यूपी की जनता ने प्रचंड जनादेश दिया है. यूपी की 22 करोड़ की जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं पर खरा उतरेंगे। मुझे लगता है कि डेढ़ महीने में परिवर्तन दिखाई दिया होगा. आपने देखा होगा कि सीएम बदलते हैं, तो लोग प्रशासन को फेंटने लगते हैं। हमने एक महीने बाद परिवर्तन की शुरुआत की. हमने वहीं परिवर्तन का प्रयास किया. जहां लोग बदलने को तैयार नहीं थे. प्रधानमंत्री ने हमें मंत्र दिया कि सबका साथ-सबका विकास. उत्तर प्रदेश का जंगलराज समाप्त होगा और आपको यह दिखाई दे रहा होगा. मैं 100 दिन बाद सरकार की रिपोर्ट के साथ मीडिया के सामने आऊंगा.
ट्रांसफर पर क्या बोले CM योगी
उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर लाना हमारी प्राथमिकता है. यूपी में पहली प्राथमिकता कानून व्यवस्था थी और हम इस पर काम कर रहे हैं. नई ट्रांसफर पॉलिसी लेकर आए हैं. ट्रांसफर और पोस्टिंग उद्योग हो
चुका था और अब यहां कोई ऐसा कर नहीं पाएगा. किसी को क्यों हटाया जा रहा है. इस पर मंत्री, अधिकारी को बताने के साथ मुझे भी बताना होगा और इसकी जवाबदेही भी तय की जाएगी. इस टीम वर्क के साथ जो चलेगा, वो रह पाएगा. और जिसे ये अच्छा नहीं लगता. अगर वो हमसे कहेगा तो हम उसे घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे.
खत्म होगी वीआईपी संस्कृति
किसानों के लिए भी. नौजवानों के लिए भी और यहां की बुनियादी व्यवस्थाओं के लिए भी वीआईपी संस्कृति खत्म होगी. आपराधिक लोगों को शासन के स्तर पर सुरक्षा नहीं मिलेगी. अपराधी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है. कानून को हाथ में लेने वालों से कड़ाई से निपटा जाएगा.
किसानों पर क्या बोले
उत्तर प्रदेश का किसान बदहाल हुआ है. यूपी पर प्रकृति की पूरी कृपा है, लेकिन किसान बदहाल है और उसके सामने आत्महत्या जैसे रास्ते चुनने का दुर्भाग्य बन गया है. हमने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कर्ज से राहत देने के लिए फसली ऋण को माफ किया है. स्थायी लाभ के लिए उपज का लाभ मिले. इसका उपाय किया गया है. किसान को समर्थन मूल्य उपलब्ध कराने की पहल की गई है ताकि वह आत्मनिर्भर हो कर अपनी आय को दुगुना करने
का प्रयास करें. हमने 5 हजार गेंहू क्रय खोले हैं। पिछले वर्ष तक अनाज आढ़तियों और एजेंटों से खरीदा जाता था. आपने देखा होगा पिछले वर्ष तक किसानों को समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाता था. किसान का पैसा कहीं भी नहीं रूकना चाहिए. ऐसी व्यवस्था हम बना रहे हैं. हम सीधे किसान से अनाज खरीदेंगे. मार्केट में गेहूं का दाम समर्थन मूल्य से ज्यादा है. अगर कोई खरीदने वाला नहीं है तो सरकार खरीदेगी.
गन्ना किसानों के लिए क्या बोले
गन्ना किसानों के लिए गन्ना मूल्य का भुगतान हो चुका है. 6000 करोड़ से ज्यादा का भुगतान हुआ है. सरकार को जो भी मदद करना होगा सरकार करेगी. किसान अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र है. सरकार आलू किसानों के लिए
भी काम कर रही है. किसान को समय पर बीज मिले. बाढ़ से बचाव हो. ऐसी व्यवस्था की जा रही है. 12 वर्ष में पहली बार हमने बाढ़ बचाव को लेकर बैठक की. यूपी में पलायन रोकने के लिए हमने योजना तैयार की.
बिजली पर क्या बोले
यूपी में बिजली नहीं थी. हमने बिजली वितरण में वीआईपी सिस्टम को खत्म किया. अब सिर्फ जिलों को बिजली नहीं मिलेगी. शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और गांवों में 18 घंटे बिजली की व्यवस्था की है. जहां लाइट लॉस कम होगा वहां हम 24 घंटे बिजली की व्यवस्था करेंगे. सभी 70 जिलों को बराबर बिजली मिलेगी.
यूपी लौट रहे हैं निवेशक
निवेश का माहौल बना है. लोग अब निवेश के लिए यूपी आना चाहते हैं. यूपी में व्यापक निवेश किया जाएगा. 70 लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए हम काम कर रहे हैं. खनन नीति लेकर आ रहे हैं. पहले खनन से जितना राजस्व
सरकार को नहीं मिलता था, उससे ज्यादा मंत्री को मिलता था. हम सैटेलाइट के जरिए खनन पर नियंत्रण रखेंगे. हम इस बात को कह सकते हैं कि यूपी में विकास की नई अवधारणा बनाएंगे.
स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाएंगे
देश के सौ स्वच्छ शहरों में यूपी से केवल बनारस है. हमने इसको लेकर कार्य योजना तैयार की है. यूपी को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए योजना तैयार की है. उन मलिन क्षेत्रों में जाएंगे और सफाई को आंदोलन बनाया जाएगा. स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाएंगे. 2 अक्टूबर 2018 तक यूपी के सभी जनपद खुले में शौच से मुक्त होंगे. और जब स्वच्छता की लिस्ट आएगी तो 100 में से 50 शहर यूपी के होंगे. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर सरकार प्लान बना रही है. ताकि कूड़े का निस्तारण हो. ताकि कूड़े से कंपोस्ट बनाएं और एनर्जी पैदा कर सकें.
खुले में शौच से मुक्त होंगे गंगा किनारे वाले गांव
मैं गोमती फ्रंट का निरीक्षण करने गया था. 650 करोड़ की योजना में 1400 करोड़ से ज्यादा लग गया है. गोमती में नाले बह रहे हैं. उनके पास कोई योजना नहीं थी, लखनऊ का जितना भी ड्रेनेज बह रहा है सब गोमती में गिर रहा है. हमने कहा कि ऐसा प्लान तैयार करिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऊर्जा भी जनरेट करें और लखनऊ का कचरा गोमती में न गिरे. गोमती गंगा की बहन है. गंगा किनारे स्थित उद्योगों पर भी ये कानून होंगे कि सीवेज नदी में न गिरे. गंगा किनारे स्थित गांवों को खुले में शौच से मुक्त करेंगे. आने वाले सालों में यूपी को स्वच्छ और स्वस्थ बनाएंगे.