आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें 4 दिन की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की हिरासत में भेजा गया है. उन्हें दिल्ली वक्फ बोर्ड की नियुक्तियों में अनियमितताएं बरतने के आरोप में हिरासत में लिया गया है.
एसीबी ने अमानतुल्लाह खान की 14 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने अभी चार दिन की ही हिरासत दी है. एसीबी ने दावा किया था कि वक्फ बोर्ड में अमानतुल्लाह खान के 5 रिश्तेदारों और ओखला के 22 लोगों को भर्ती किया गया.
इस मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए अमानतुल्लाह खान ने सरकारी गाइडलाइंस और नियमों का उल्लंघन करते हुए 32 लोगों को अवैध तरीके से नियुक्त किया गया था.
रविवार को आम आदमी के पार्टी के राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'इन्होंने सत्येंद्र जैन और अमानतुल्लाह खान को जेल में डाला. मनीष सिसोदिया को जेल में और कैलाश गहलोत पर रेड डालने वाले हैं. कई और विधायकों को जेल में डालेंगे. तीन-चार महीने के लिए जेल में जाने की तैयारी कर लो. अगर ये हिम्मत आ गई तो फिर ये हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते.'
सीएम केजरीवाल ने बताया कि 'हमारे दिल्ली के विधायकों के ऊपर 169 झूठे केस हो चुके हैं. 135 मामलों में बरी हो चुके हैं. जो 34 मामले बचें हैं, उनमें भी बरी हो जाएंगे.' उन्होंने दावा किया कि सत्येंद्र जैन को बिना किसी कारण के तीन महीने से जेल में रखा है. मनीष सिसोदिया के घर-गांव पर रेड मारी, लेकिन कुछ नहीं मिला.
केजरीवाल ने कहा कि वो सबको जेल में डाल देंगे. अब कैलाश गहलोत पर रेड होगी. 3-4 महीने के लिए जेल जाने की तैयारी कर लो. जेल बुरी जगह नहीं है. मैं भी 15 दिन जेल में रहा हूं.
फिलहाल, आम आदमी पार्टी के विधायक सत्येंद्र जैन और अमानतुल्लाह खान जेल में हैं. कई और विधायक जांच के घेरे में हैं.
सत्येंद्र जैन और अमानतुल्लाह खान जेल में क्यों?
सत्येंद्र जैनः मनी लॉन्ड्रिंग का है आरोप
- 24 अगस्त 2017 को CBI ने सत्येंद्र जैन और अन्य लोगों के खिलाफ IPC की धारा 109 और प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. मामला आय से अधिक संपत्ति का था.
- दिसंबर 2018 में CBI ने चार्जशीट में बताया कि 2015 से 2017 के बीच पद पर रहते हुए सत्येंद्र जैन की संपत्ति में इजाफा हुआ. आरोप है कि जैन के पास उनके ज्ञात स्रोत से हुई कमाई से 200 फीसदी ज्यादा संपत्ति है.
- इस मामले में ED ने भी केस दर्ज किया. ED ने जांच में कथित तौर पर पाया कि सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के मालिकाना हक और नियंत्रण वाली कंपनियों को हवाला के जरिए पैसा मिला.
- ED से जुड़े सूत्रों ने बताया था कि इन कंपनियों ने 2010 से 2012 के बीच 11.71 करोड़ रुपये की हेराफेरी की. इसके अलावा 2015-16 में जब सत्येंद्र जैन विधायक थे, तब 4.63 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई थी. बाद में इन पैसों से जमीन खरीदी गई.
अमानतुल्लाह खानः वक्फ बोर्ड में करीबियों की नियुक्तियां
- नवंबर 2016 में दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम ने अमानतुल्लाह खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप लगा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए खान ने कई स्वीकृत और गैर-स्वीकृत पदों पर मनमाने और अवैध तरीके से नियुक्तियां कीं.
- एसडीएम की शिकायत पर CBI ने केस दर्ज किया. जांच में सामने आया कि खान ने पद का दुरुपयोग किया, जानबूझकर नियमों की अनदेखी की और भर्ती प्रक्रियाओं में हेरफेर कर मनमाने ढंग से अपने चहेतों की नियुक्ती की. इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा.
- इस मामले में शुक्रवार को ACB ने खान के घर पर रेड मारी. दावा किया गया है कि यहां से ACB की टीम ने 24 लाख रुपये नकद और दो गैर-लाइसेंसी हथियार भी बरामद किए हैं.
सिसोदिया और गहलोत क्यों निशाने पर?
मनीष सिसोदियाः दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी पर घिरे
- दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया एक्साइज पॉलिसी को लेकर घिरे हैं. CBI ने उन्हें मुख्य आरोपी बनाया है. सिसोदिया पर एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी होने का आरोप है. सिसोदिया के पास ही एक्साइज डिपार्टमेंट है.
- जानकारी के मुताबिक, सिसोदिया ने शराब कारोबारियों को लाइसेंस फीस में 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी. इसके लिए कोरोना का बहाना बनाया गया. आरोप है कि इस छूट के लिए कैबिनेट को लूप में नहीं रखा गया. सारे फैसले मंत्री स्तर पर ही लिए गए.
- इतना ही नहीं, ये भी आरोप है कि एक्साइज डिपार्टमेंट ने L1 लाइसेंसधारियों को 30 करोड़ रुपये वापस कर दिए थे, क्योंकि उन्हें एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से दुकान खोलने की अनुमति नहीं मिली थी, जबकि ये रकम जब्त की जानी थी.
- एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी के मामले में आम आदमी पार्टी के राजिंदर नगर से विधायक दुर्गेश पाठक को भी ED ने समन जारी किया है.
कैलाश गहलोतः लो-फ्लोर बस खरीद में जांच के दायरे में
- दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हाल ही में लो-फ्लोर बसों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार की जांच CBI को सौंपी ही. आरोप है कि सरकार ने 1000 लो-फ्लोर बसों की खरीद करते समय घोटाला किया.
- आरोप है कि 1000 बसों की खरीद के लिए जुलाई 2019 और उनके सालाना रखरखाव के लिए मार्च 2020 में टेंडर निकाला गया था. इसमें घोटाला किया गया था. इस मामले में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत निशाने पर हैं, क्योंकि टेंडर कमेटी के चेयरमैन वही हैं. आरोप है कि टेंडर देने में अनियमितताएं बरती गई थीं.
पंजाब के भी विधायक मुसीबत में!
- पंजाब की पटियाला ग्रामीण सीट से विधायक बलबीर सिंह जमानत पर रिहा हैं. उन्हें इसी साल मई में 11 साल पुराने मामले में दोषी मानते हुए अदालत ने तीन साल कैद की सजा सुनाई थी.
- अदालत ने बलबीर सिंह के अलावा उनकी पत्नी रुपिंदरजीत सैनी, बेटे राहुल सैनी और करीबी परमिंदर सिंह को भी सजा सुनाई थी. हालांकि, सभी को 50 हजार के मुचलके पर जमानत भी दे दी थी.
- इससे पहले पंजाब सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए विजय सांगला को भी भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद गिरफ्तार किया गया था. उन्हें मंत्री पद से भी हटा दिया था. उन पर स्वास्थ्य विभाग में हर काम के बदले 1% कमीशन मांगने का आरोप था. जुलाई में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी.