पूर्व अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों में 10% आरक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें एज लिमिट और फिजिकल टेस्ट से भी छूट मिलेगी.
अब तक सीआईएसएफ (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स), बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) और सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के प्रमुखों ने पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण का ऐलान किया है.
दो साल पहले जून 2022 में जब 'अग्निपथ योजना' का ऐलान किया गया था, तभी गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने अग्निवीरों को 10% आरक्षण का वादा कर दिया था. लेकिन अब CISF, BSF और CRPF ने 10% आरक्षण का ऐलान किया है. जल्द ही इसके लिए नियम लागू होंगे.
कहां मिलेगा ये 10% आरक्षण?
सीआईएसएफ की डीजी नीना सिंह ने बताया कि भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी. भविष्य में जब भी कॉन्स्टेबल के पदों पर भर्ती होगी तो उसमें 10% भर्ती पूर्व अग्निवीरों की होगी.
बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल ने बताया कि पूर्व अग्निवीरों की भर्ती से सभी सुरक्षाबलों को फायदा होगा. उन्होंने बताया कि खाली पदों में से 10% पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगे.
वहीं, सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह ने भी बताया कि पूर्व अग्निवीरों की भर्ती के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर लिए गए हैं. उनके लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि इस हिसाब से भर्ती नियमों में भी बदलाव किया गया है. एसएसबी के डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि पूर्व अग्नवीरों के लिए एक कोटा तय किया गया है.
एज लिमिट और फिजिकल टेस्ट से भी छूट
सीआईएसएफ की डीजी नीना सिंह ने बताया कि पूर्व अग्निवीरों को भर्ती में एज लिमिट के साथ-साथ फिजिकल टेस्ट में भी छूट मिलेगी. पहले बैच में पूर्व अग्निवीरों को एज लिमिट में 5 साल और दूसरे बैच में 3 साल की छूट होगी.
बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल ने बताया कि पूर्व अग्निवीरों के पास चार साल का अनुभव होगा. वो पूरी तरह से अनुशासित और ट्रेन्ड होंगे. उन्होंने बताया कि थोड़ी सी ट्रेनिंग के बाद उन्हें सीमा पर तैनात किया जाएगा. सीआईएसएफ की तरह ही बीएसएफ में भी पहले बैच में एज लिमिट में 5 साल और फिर 3 साल की छूट होगी.
सीआरपीएफ में भी भर्ती के लिए पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी. सीआरपीएफ और एसएसबी में पहले बैच में पूर्व अग्निवीरों को एज लिमिट में 5 साल और फिर 3 साल की छूट होगी.
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल टेस्ट की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि ऐसे टेस्ट पहले ही किए जा चुके हैं. पूर्व अग्निवीरों को सिर्फ फिजिकल फिटनेस का सर्टिफिकेट दिखाना होगा.
ऐसे मिलेगी एज लिमिट में छूट
सीआईएसएफ में पूर्व अग्निवीरों को कॉन्स्टेबल की भर्ती में आरक्षण मिलेगा. सीआईएसएफ में कॉन्स्टेबल की भर्ती में सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की एज लिमिट 18 से 23 साल, ओबीसी के लिए 18 से 26 साल और एससी-एसटी के लिए 28 साल तक रहती है.
पहले बैच में सीआईएसएफ में भर्ती के लिए पांच साल की छूट होगी. लिहाजा, सामान्य वर्ग के लिए ये 28 साल, ओबीसी के लिए 31 साल और एससी-एसटी के लिए 33 साल हो जाएगी.
जबकि, दूसरे बैच में तीन साल की छूट होगी. इस हिसाब से सामान्य वर्ग के लिए 26 साल, ओबीसी के लिए 29 साल और एससी-एसटी के लिए 31 साल की एज लिमिट होगी.
अभी कितनी वैकेंसी हैं अर्धसैनिक बलों में?
अर्ध सैनिक बलों में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF), सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF), बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF), सशस्त्र सीमा बल (SSB) और इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) आती है. म्यांमार बॉर्डर पर असम राइफल्स तैनात हैं, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण भी केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है.
गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2023 तक अर्धसैनिक बलों में लाखों पद खाली हैं.
जनवरी 2023 तक सीआईएसएफ में करीब 28 हजार, बीएसएफ में लगभग 20 हजार, सीआरपीएफ में 30 हजार और एसएसबी में लगभग 10 हजार पद खाली हैं. इनके अलावा असम राइफल्स और आईटीबीपी में लगभग 4 हजार पदों पर भर्ती होनी बाकी है.
क्या है अग्निपथ योजना?
सेना में चार साल की भर्ती के लिए केंद्र सरकार ने जून 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी. इसके तहत 17.5 साल से 21 साल की उम्र के युवाओं को तीनों सेनाओं में भर्ती किया जाता है.
चार साल सेना में सेवा देने के बाद 25% अग्निवीरों को सेना में बरकरार रखा जाता है, जबकि बाकी के 75% को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा. चार साल बाद जिन 25% अग्निवीरों को बरकरार रखा जाएगा, वो अगले 15 साल तक और सेना में सेवा दे सकेंगे.
अग्निवीरों का पहले साल का सालाना पैकेज 4.76 लाख रुपये होगा, जो चौथे साल तक बढ़कर 6.92 लाख हो जाएगा. साथ ही 48 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा. अगर सेवा के दौरान शहीद या दिव्यांग हो गए, तो 44 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा. इन अग्निवीरों को पेंशन या ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी.