
दिवाली आने से पहले ही दिल्ली में हवा खराब होने लगी है. गुरुवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI का स्तर 232 रहा था. यानी, गुरुवार को दिल्ली की हवा 'खराब' श्रेणी में थी.
वहीं, शनिवार से दिल्ली की हवा 'बेहद खराब' श्रेणी में जाने की आशंका है. इसलिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) की दूसरी स्टेज को लागू कर दिया गया है. दूसरी स्टेज तब लागू की जाती है जब AQI का स्तर 301 से 400 के बीच होता है.
हवा कितनी खराब है या अच्छी, ये AQI से ही पता चलता है. AQI जब 0 से 50 के बीच होता है, उसे अच्छा माना जाता है, जबकि 401 से 500 के बीच होने पर इसे गंभीर माना जाता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, राजधानी दिल्ली और एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में हवा का स्तर 'खराब' श्रेणी में बना हुआ है. AQI का स्तर 'खराब' श्रेणी में रहने का मतलब है कि अगर आप ज्यादा समय तक बाहर रहते हैं तो सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
कहां कितनी हवा खराब?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ गुरुग्राम ही ऐसा है, जहां हवा की स्थिति अच्छी है. गुरुग्राम में 20 अक्टूबर को AQI का स्तर 189 रहा. ये 'मध्यम' श्रेणी में आता है.
गुरुवार को AQI का स्तर फरीदाबाद में 296, गाजियाबाद में 252, ग्रेटर नोएडा में 216 और नोएडा में 231 दर्ज किया गया. हालांकि, दिल्ली और गुरुग्राम में बीते 24 घंटों की तुलना में AQI के स्तर में बढ़ोतरी हुई थी.
दिल्ली में कैसी रही इस साल की हवा?
आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में 5 साल से हवा का स्तर कुछ अच्छा नहीं रहा है. 2021 की तुलना में इस साल 'खराब' श्रेणी वाले दिनों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. 2021 में 20 अक्टूबर तक 63 दिन हवा 'खराब' श्रेणी में रही थी, जबकि इस साल अब तक 111 दिन ऐसी रही है.
हालांकि, दिल्ली में इस साल अब तक तीन दिन AQI का स्तर 'अच्छी' श्रेणी में भी आया है. अच्छी श्रेणी में आने का मतलब है कि उस दिन AQI का लेवल 50 से भी कम था. जबकि, पिछली साल सिर्फ एक ही दिन ऐसा हुआ था.
वहीं, इस साल 'बेहद खराब' श्रेणी वाले दिनों की संख्या में भी कमी आई है. पिछले साल AQI का स्तर 33 दिन 'बेहद खराब' श्रेणी थी, जबकि इस साल 21 दिन रहा है.
इतना ही नहीं, पिछली साल 6 दिन AQI का स्तर 400 के पार चला गया था. यानी उस दिन हवा का स्तर 'गंभीर' स्थिति में था. जबकि, इस साल अब तक एक ही दिन AQI का स्तर 400 के पार गया है.
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पर खराब क्यों हो रही है हवा?
अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली में शनिवार को AQI का स्तर 'बेहद खराब' की श्रेणी में जा सकता है. जब AQI का स्तर 301 से 400 के बीच रहता है, तो उसे 'बेहद खराब' श्रेणी में रखा जाता है. दिवाली के बाद हालात और बिगड़ सकते हैं.
दिल्ली-एनसीआर में अब वायु प्रदूषण आम समस्या बनती जा रही है. आमतौर पर दिल्ली में अक्टूबर से हवा की क्वालिटी खराब होनी शुरू होती है. नवंबर, दिसंबर और जनवरी में ये पीक पर होती है. दिल्ली के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है.
दिल्ली के एक तरफ तराई वाले मैदानी इलाके हैं तो दूसरी तरफ रेगिस्तान है. यहां हवा की गति, दिशा, नमी, तापमान और दबाव... वायु प्रदूषण के स्तर को प्रभावित करते हैं.
इन सबके अलावा इन दिनों में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के किसान पराली भी जलाते हैं. इससे भी वायु प्रदूषण बढ़ता है. पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रहीं हैं. हालांकि, 2020 और 2021 की तुलना में ये अभी कम हैं. इससे माना जा रहा है कि आने वाले समय में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ सकती हैं, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं.