बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार को भारतीय नागरिकता मिल ही गई. कनाडा की नागरिकता होने के कारण अक्षय कुमार को अक्सर आलोचना का सामना करना पड़ता था.
अक्षय कुमार ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर भारतीय नागरिकता मिलने का ऐलान किया. अपना सिटीजनशिप सर्टिफिकेट शेयर करते हुए अक्षय ने लिखा, 'दिल और सिटीजनशिप, दोनों हिंदुस्तानी.'
साल 2019 में अक्षय ने जब वोट नहीं दिया, तब उनकी कनाडाई नागरिकता को लेकर बवाल हुआ था. उसके बाद अक्षय ने बताया था कि उन्होंने भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन किया है.
अक्षय ने एक बार बताया था कि 1990 के दशक में उनका करियर बुरे दौर से गुजर रहा था. उनकी लगातार 15 फिल्में फ्लॉप हो गई थीं. तब उन्होंने कनाडा की नागरिकता के लिए आवेदन कर दिया था.
बहरहाल, अब जब अक्षय कुमार दिल और नागरिकता से 'हिंदुस्तानी' बन गए हैं तो जानते हैं कि किसी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता कैसे मिलती है? इसके लिए कौनसी शर्तें होती हैं?
क्या है कानून?
- भारत में नागरिकता लेने और रद्द करने को लेकर 1955 से एक कानून है. इस कानून में अब तक कई बार संशोधन हो चुके हैं.
- इस कानून में एकल नागरिकता का प्रावधान है. यानी, भारत का नागरिक किसी और देश का नागरिक नहीं हो सकता.
- कानून में नागरिकता को लेकर कई प्रावधान हैं. पहला प्रावधान जन्म से ही नागरिकता है. इसके मुताबिक, 26 जनवरी 1950 के बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है. इसमें एक प्रावधान ये भी है कि 1 जुलाई 1987 के बाद जन्मा कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिक है, बशर्ते उसके जन्म के समय माता या पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो.
- इस कानून के तहत, अगर किसी व्यक्ति का जन्म भारत के बाहर हुआ हो लेकिन उसके जन्म के समय माता या पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो तो वो भी भारतीय नागरिक होगा. हालांकि, इसमें एक शर्त ये भी है विदेश में जन्मे बच्चे का रजिस्ट्रेशन सालभर के भीतर भारतीय दूतावास में करवाना होगा.
- इसके अलावा, इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना होगा.
Dil aur citizenship, dono Hindustani.
— Akshay Kumar (@akshaykumar) August 15, 2023
Happy Independence Day!
Jai Hind! 🇮🇳 pic.twitter.com/DLH0DtbGxk
2019 में हुआ था संशोधन
- 2019 में नागरिकता कानून में संशोधन हुआ था. इस संशोधन के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का समय 11 साल से घटाकर 6 साल कर दिया था.
- इस संशोधन के बाद इन तीन देशों से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म को मानने वाले शरणार्थियों को भारत की नागरिकता लेने के लिए कम से कम 6 साल भारत में रहना होगा.
भारतीय नागरिकता से अक्षय को क्या फायदा?
1. वोट डाल सकेंगेः 2019 के लोकसभा चुनाव में कनाडाई नागरिकता के कारण अक्षय वोट नहीं डाल सके थे. लेकिन अभ वो 2024 के चुनाव में वोट डाल सकते हैं.
2. चुनाव लड़ सकेंगेः संविधान के तहत, भारतीय नागरिक ही चुनाव लड़ सकता है. अब अक्षय कुमार चाहें तो चुनाव भी लड़ सकते हैं.
3. संवैधानिक पद ले सकेंगेः अभी तक कनाडाई नागरिकता की वजह से अक्षय कोई संवैधानिक पद भी नहीं ले सकते थे. लेकिन अब ये बाध्यता हट गई है.
4. सरकारी योजनाओं का लाभः राज्य या फिर केंद्र सरकार की ओर से चलने वालीं योजनाओं और कार्यक्रम का लाभ सिर्फ भारतीय नागरिक ही ले सकते हैं. अब अक्षय कुमार को भी सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सकेगा.
5. मौलिक अधिकारों का फायदाः भारतीय संविधान के तहत भारतीय नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार मिले हुए हैं. अब अक्षय कुमार मौलिक अधिकारों का फायदा भी ले सकते हैं.