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'लिटिल बॉय' से 24 गुना खतरनाक... अमेरिका बनाएगा सबसे ताकतवर परमाणु बम, जहां गिरेगा वहां मचेगी इतनी तबाही

अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया है कि वो एक नए परमाणु बम B61-13 पर काम करने जा रहा है. ये अब तक का सबसे ताकतवर बम होगा. इसे हिरोशिमा पर गिरे परमाणु बम से भी 24 गुना ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है.

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अमेरिका एक नया परमाणु बम बनाने जा रहा है
अमेरिका एक नया परमाणु बम बनाने जा रहा है

अमेरिका अब तक का सबसे ताकतवर परमाणु बम बनाने की तैयारी कर रहा है. इसे जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से भी 24 गुना ज्यादा ताकतवर बताया जा रहा है. 

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इसका नाम B61-13 है. ये B61 फैमिली का 13वां वैरिएंट होगा. ये एक ग्रेविटी बम होगा. इसका मतलब हुआ कि इस तरह के बम को टारगेट पर सीधा गिरा दिया जाता है. न कि किसी मिसाइल से लॉन्च किया जाता है.

B61-13 को बनाने का काम नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (NNSA) की देखरेख में होगा. 

अमेरिका ने ये ऐलान ऐसे समय किया है जब हाल ही में चीन ने 2030 तक अपने परमाणु हथियार दोगुने करने की बात कही है. और रूस भी परमाणु हथियारों के परीक्षण पर रोक लगाने वाली संधि से बाहर आ गया है.

B61-13 देखने में B61-7 की तरह ही होगा. लेकिन इसमें सेफ्टी और कंट्रोल फीचर्स ज्यादा बेहतर होंगे. इसमें अपग्रेडेड टेल किट भी होगी, जो इसे टारगेट पर सीधा गिरने में मदद करेगा.

'लिटिल बॉय' से कितना खतरनाक होगा B61-13?

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1945 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा पर जो परमाणु बम गिरा था, उसका नाम 'लिटिल बॉय' था. हिरोशिमा पर जब ये बम गिरा था, तब वहां की आबादी 3.20 लाख थी. इस बम से 1945 के आखिर तक ही 1.40 लाख लोगों की मौत हो गई थी.

लिटिल बॉय का वजन 9,700 पाउंड था, जबकि इसका डायमीटर 28 इंच था. इसमें 141 पाउंड यूरेनियम था. 

जबकि, B61-13 में प्लूटोनियम होगा. इसका वजन 360 किलोटन होगा. इसका डायमीटर 13.3 इंच होगा. 

लिटिल बॉय.

कितनी तबाही मचा सकता है B61-13?

हिरोशिमा पर जो बम गिरा था, उससे 6650 डिग्री सेल्सियस की गर्मी निकली थी. अब सोचिए कि B61-13 इससे 24 गुना ज्यादा ताकतवर है तो इससे कितनी गर्मी निकलेगी.

B61-13 को जब कहीं पर गिराया जाएगा तो उससे बहुत तेज कंपन होगा. करीब साढ़े छह किलोमीटर के दायरे तक इसकी आग फैलेगी. और 100 किलोमीटर के दायरे में आने वाली जमीन पूरी तरह तबाह हो जाएगी. 

मानवाधिकार संगठन वेजिंग पीस का अनुमान है कि जब 300 किलोटन से ज्यादा वजनी परमाणु बम गिरेगा तो उसके बाद कम से कम 6 घंटे तक तो सिर्फ आग ही जलती रहेगी. इससे 100 किलोमीटर के दायरे का पर्यावरण तो खराब हो जाएगा. 

ऐसा भी अनुमान है कि जब B61-13 गिरेगा तो कुछ ही घंटों में 10 लाख से ज्यादा मौतें हो जाएंगी. जबकि, 20 लाख से ज्यादा लोग बुरी तरह झुलस जाएंगे.

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B61-13 की टेल किट को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा, जो इसकी सटीकता को बढ़ाएगा. 

पर इसे बनाया क्यों जा रहा है?

कोल्ड वॉर के समय जब अमेरिका और रूस में परमाणु हथियारों की होड़ मची थी, तब अमेरिकी भंडार में B61-7 सबसे अहम बम था. इसे 1980 के दशक में बनाया गया था. 

अमेरिका के भंडार में अभी भी कुछ B61-7 बम रखे हैं. इनकी शेल्फ लाइफ 12 साल होती है.

ओबामा की सरकार में B61-12 को मंजूरी मिली थी. ये अमेरिकी इतिहास में सबसे महंगा प्रोजेक्ट था.

B61-12 के मुकाबले B61-13 ज्यादा ताकतवर और ज्यादा शक्तिशाली है. इसमें गाइडेड टेल किट है. B61-13 में एक खास बात ये भी है कि इसे हवा में भी विस्फोट किया जा सकता है. 

हालांकि, अभी तक B61-13 को अमेरिकी संसद से मंजूरी नहीं मिली है. मंजूरी मिलने के बाद ही इसपर काम शुरू हो सकेगा. 

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