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पाकिस्तान गई अंजू वाघा बॉर्डर से भारत लौटीं, जानिए कैसा है दोनों मुल्कों के बीच इकलौता क्रॉसिंग पॉइंट?

अपने सोशल मीडिया फ्रेंड नसरुल्लाह के लिए पति-बच्चों को छोड़कर पाकिस्तान गई अंजू ने कथित तौर पर उसी मित्र से शादी कर ली. अब करीब 4 महीनों बाद वे वाघा बॉर्डर से भारत लौट आई हैं. ये अकेला क्रॉस बॉर्डर है, जो दोनों देशों के बीच खुला हुआ है. जानिए, कैसा है उसका रूट और कितनी सख्त होती है जांच.

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अटारी-वाघा बॉर्डर फिलहाल भारत-पाकिस्तान के बीच अकेला क्रॉस-बॉर्डर रास्ता है.
अटारी-वाघा बॉर्डर फिलहाल भारत-पाकिस्तान के बीच अकेला क्रॉस-बॉर्डर रास्ता है.

राजस्थान की अंजू पंजाब पुलिस और आईबी की पूछताछ के बाद अमृतसर से अपने पिता के घर के लिए निकल गईं. अंजू का मामला काफी पेचीदा माना जा रहा है. जिस तरह से वे घर छोड़कर टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान पहुंची और फिर शादी करके वहां से लगातार अपनी सुखी जिंदगी की वीडियो जारी करती रहीं, इसपर कई सवाल उठे. अब उनका लौटना शक को और गहरा रहा है कि क्या वे पाकिस्तानी सेना या खुफिया एजेंसियों के साथ मिली हुई जासूस हैं. फिलहाल इस बात पर लंबी जांच चलती रहेगी, लेकिन हम ये जानते हैं कि कैसा है अटारी-वाघा बॉर्डर, जहां से दोनों देशों की आवाजाही होती है.

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अमृतसर से करीब 25 किलोमीटर दूर अटारी अकेला रेलवे स्टेशन है, जो देश को लाहौर से जोड़ता है. साल 2012 में यहां इंटीग्रेडेट चेक पोस्ट बना ताकि दोनों देशों के बीच लोगों और सामानों का ट्रांसपोर्ट आसान हो जाए. इनके बीच समझौता एक्सप्रेस चलती है. तनाव होने पर कई बार ये ट्रेन बंद भी हो चुकी. 

भारत पाकिस्तान का रिश्ता संवेदनशील होने की वजह से इसे इस तरह बनाया गया कि वाघा से निकलने के बाद अटारी तक इसका कोई स्टॉपेज नहीं है. इसे भारतीय रेल की राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस व अन्य प्रमुख ट्रेनों के ऊपर तरजीह दी जाती है ताकि किसी तरह की देर या हादसा न हो. 

anju returns from pakistan to india wagah border how sensitive
अंजू और नसरूल्लाह. 

भारत के अटारी से पाकिस्तान के वाघा के बीच की दूरी करीब 3 किलोमीटर है. इस दौरान BSF के जवान घोड़ागाड़ी से इसकी निगरानी करते चलते हैं. सीमा पार करते ही ट्रेन आगे लाहौर की तरफ निकल जाती है. ट्रेन की खास बात ये है कि इसके लोको पायलट और गार्ड्स काफी अंतराल बाद बदले जाते हैं. उनकी भी लगातार निगरानी होती है. दोनों देशों में आने-जाने के लिए वीजा भी लगता है. पहले वाघा के लिए भारत सरकार से स्पेशल परमिट भी लेना होता था. फिलहाल ऐसा नहीं है, लेकिन ये बंदोबस्त समय-समय पर बदलता रहता है. 

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गंडा सिंह वाला पाकिस्तान के पंजाब के कसूर में बसा गांव है. अस्सी के दशक के आखिर-आखिर तक ये पाकिस्तान को भारत से जोड़ता था. लेकिन फिर तनाव बढ़ने पर इसे बंद करने का फैसला लिया गया. अब यहां पर भी रिट्रीट सेरेमनी होती है, लेकिन ये वाघा बॉर्डर से छोटी होती है, जिसमें बॉर्डर के लोग शामिल होते हैं. साल 2005 में इस बॉर्डर को खोलने की बात हुई थी, लेकिन फिर सहमति नहीं बनी. 

anju returns from pakistan to india wagah border how sensitive photo PTI
समझौता एक्सप्रेस भी कई बार बंद हो गई. (Photo- PTI)

हुसैनीवाला रेलवे ट्रैक भी पहले एक रास्ता हुआ करता था. ये ट्रेन फिरोजपुर छावनी रेलवे स्टेशन से पाकिस्तान के लाहौर तक चलती थी. 1971 की जंग के बाद पाकिस्तानी फौज ने यहां की पटरियां उखाड़ लीं. ट्रैक के ध्वस्त होने के अलावा दोनों देशों के रिश्ते भी बहुत बिगड़ चुके थे. इसका असर ट्रेन पर हुआ. वो बंद कर दी गई. हालांकि साल के दो दिनों, 23 मार्च और 13 अप्रैल को स्पेशल ट्रेन चलती है. 

मनाबाओ रेलवे स्टेशन से थार एक्सप्रेस चला करती थी. पुलवामा हमले के बाद इसे बंद कर दिया गया. थार एक्सप्रेस जोधपुर में भगत की कोठी से लेकर कराची तक चला करती थी. मुनाबाओ स्टेशन पर काफी खर्च करके इसे इंटरनेशनल लेवल पर लाया गया, लेकिन पाकिस्तान से लगातार किसी न किसी आतंकी गतिविधि के चलते इसे बंद करना पड़ा. पहले भी थार एक्सप्रेस कई बार बंद हो चुकी. 

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anju returns from pakistan to india wagah border how sensitive photo AFP
सीमा पार आतंकवाद लगातार सक्रिय है. 

पाकिस्तान से लगातार जासूस और आतंकियों का भारत में आना होता रहा. इसे देखते हुए भारत ने पाकिस्तान से सटी अपनी सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी और सारे रास्ते लगभग बंद कर दिए. लेकिन पाकिस्तानी जासूस अब दूसरे देशों, खासकर नेपाल-भारत की सीमा का सहारा ले रहे हैं. पाकिस्तान की सीमा हैदर इसी रास्ते से भारत में घुसीं.

दोनों लगभग 18 सौ किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. हमारे यहां पांच राज्य, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम इस देश से सटे हुए हैं. इसमें से बड़ा हिस्सा वो है, जिसे हमने ओपन बॉर्डर घोषित कर रखा है. यही वो जरिया है, जहां से घुसपैठिए आ रहे हैं. 

लगातार पकड़ाते रहे लोग 
अस्सी के दशक से ही पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ के लिए नेपाल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) की मानें तो तब से ही RDX जैसे विस्फोटक पहले नेपाल और वहां से भारत भेजे जाने लगे. कई बार नेपाल सिक्योरिटी फोर्स ने ऐसे लोगों को रंगे हाथों पकड़ा भी. सबसे ज्यादा लोग नकली भारतीय मुद्रा बनाकर भारत में घुसपैठ करने की कोशिश करते हुए पकड़ाए.

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