
फ्री बिजली-पानी का वादा कर दिल्ली की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार ने अब इस छूट को लेकर नियम बना दिए हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि 1 अक्टूबर से फ्री बिजली या बिजली बिल पर सब्सिडी सिर्फ उन्हें ही मिलेगी, जो इसके लिए अप्लाई करेंगे.
नए नियमों के मुताबिक दिल्ली के लोगों को साल में एक बार सब्सिडी का फॉर्म भरना होगा, जिसमें उन्हें 'हां' या 'ना' में जवाब देना होगा कि उन्हें सब्सिडी चाहिए या नहीं. सरकार के मुताबिक, दिल्ली में बहुत से लोग बिजली बिल पर सब्सिडी छोड़ना चाहते हैं, इसलिए ये फैसला लिया गया है. वैसे ये भी सच है कि सब्सिडी पर दिल्ली सरकार की कमाई का एक बड़ा हिस्सा सब्सिडी में चला जाता है. सब्सिडी के बदले नियम से यदि उसे कुछ सौ करोड़ की भी बचत होती है तो ये राहत की बात होगी.
दिल्ली में केजरीवाल सरकार मुख्य रूप से तीन चीजों पर सब्सिडी देती है. पहली बिजली बिल पर, दूसरी पानी के बिल पर और तीसरी सरकारी बसों में महिलाओं की यात्रा पर. केजरीवाल सरकार सबसे ज्यादा खर्च बिजली बिल पर सब्सिडी देने में ही करती है.
क्या है बिजली पर सब्सिडी का गणित?
2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से बिजली बिल पर सब्सिडी दी जा रही है. केजरीवाल सरकार बिजली बिल पर 5 कैटेगरी में सब्सिडी देती है.
घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने पर बिल पर पूरी छूट मिलती है. यानी, उन्हें एक रुपये का भी बिल नहीं देना पड़ता. वहीं, 201 से 400 यूनिट तक बिजली यूज करने पर बिजली बिल या तो आधा आता है या फिर 800 रुपये की सीधी छूट मिलती है.
इनके अलावा 1984 के सिख दंगों के पीड़ित परिवारों को 400 यूनिट तक की बिजली पर 100% सब्सिडी मिलती है. किसान परिवारों को भी 125 सब्सिडाइज्ड यूनिट्स मिलती है. साथ ही फिक्स्ड चार्जेस पर 105 रुपये प्रति किलोवॉट महीने की सब्सिडी भी मिलती है.
इन सबके अलावा, उन वकीलों को भी बिजली बिल पर सब्सिडी मिलती है, जिनके चैम्बर्स अदालतों के परिसर में हैं. इन वकीलों को भी 200 यूनिट तक 100% और 201 से 400 यूनिट तक 50% या 800 रुपये की छूट मिलती है.
कितना खर्च करती है सरकार?
केजरीवाल सरकार आने के बाद बिजली बिल पर सब्सिडी का खर्च 10 गुना से ज्यादा बढ़ गया है. दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वे के मुताबिक, केजरीवाल सरकार आने से पहले 2014-15 में बिजली बिल पर सब्सिडी पर 292 करोड़ रुपये से भी कम खर्च हुए थे.
केजरीवाल सरकार आने के बाद 2015-16 में ये खर्च बढ़कर 1,443 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया. 2015-16 की तुलना में 2020-21 में ये खर्च दोगुना बढ़कर 2,940 करोड़ रुपये हो गया. 2022-23 में सरकार ने बिजली बिल पर सब्सिडी के लिए 3,250 करोड़ रुपये रखे हैं. दिल्ली में 47.16 लाख बिजली कनेक्शन पर सब्सिडी मिलती है. इस हिसाब से सरकार हर कनेक्शन पर सालभर में औसतन 6,891 रुपये खर्च करेगी.
2022-23 के बजट में केजरीवाल सरकार ने बिजली बिल, पानी और बसों में महिलाओं को यात्रा पर सब्सिडी के लिए 3,975 करोड़ रुपये रखे हैं. इसमें से 81% से ज्यादा खर्च सिर्फ बिजली बिल में सब्सिडी पर खर्च होगा जबकि, 15% के आसपास खर्च पानी पर और लगभग 3% खर्च महिलाओं को बस में यात्रा पर छूट देने पर खर्च होने का अनुमान है.
सरकारी खजाने पर कितना असर?
इसी साल जुलाई में कम्प्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था दिल्ली सरकार का सब्सिडी पर खर्च चार साल में 92 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया.
दिल्ली सरकार ने 2015-16 में सब्सिडी पर 1,868 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि 2019-20 में ये खर्च बढ़कर 3,593 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया. जबकि, 2018-19 में 2,533 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
इसी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि दिल्ली सरकार पर कर्ज भी 2015-16 के 33,304 करोड़ रुपये के मुकाबले 2019-20 में बढ़कर 34,767 करोड़ रुपये पहुंच गया.
इन राज्यों में भी मिलती है बिजली बिल पर सब्सिडी
- झारखंड में गरीबों और किसानों को 100 यूनिट तक की बिजली फ्री दी जाती है. इसके अलावा उपभोक्ताओं को टैरिफ पर भी सब्सिडी मिलती है. इस पर सरकार 2022-23 में 6,655 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
- मध्य प्रदेश सरकार भी किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर सब्सिडी देती है. इस पर सरकार के इस साल 21 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
- पंजाब में भगवंत मान की सरकार 300 यूनिट तक बिजली फ्री देती है. इसके लिए सरकार ने बजट में 3 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
- राजस्थान की गहलोत सरकार 100 यूनिट से कम बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक की बिजली फ्री देती है. इसके अलावा ज्यादा यूनिट यूज करने पर भी कुछ छूट मिलती है. इस पर सरकार इस साल 4,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी.