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अजरबैजान प्लेन क्रैश के पीछे 'बर्ड स्ट्राइक' के कयास, कैसे पक्षियों के टकराने से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं टनों भारी विमान?

पश्चिमी कजाकिस्तान में अजरबैजान एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे के पीछे एक अटकल ये भी है कि फ्लाइट बर्ड स्ट्राइक का शिकार हुई थी. फिलहाल इसकी वजह पता लगाने की कोशिश चल रही है, लेकिन यह बर्ड स्ट्राइक क्या है, और पक्षियों के टकराने से कैसे भारी-भरकम विमान हादसे का शिकार हो जाता है?

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बर्ड स्ट्राइक के चलते कई बड़े विमान हादसे हो चुके. (Photo- Getty Images)
बर्ड स्ट्राइक के चलते कई बड़े विमान हादसे हो चुके. (Photo- Getty Images)

क्रिसमस के रोज अजरबैजान एयरलाइंस की एक फ्लाइट कजाकिस्तान के एक शहर में क्रैश हो गई, जिसमें लगभग 40 मौतें हो चुकी हैं. हादसे क्यों हुआ, इसपर फिलहाल जांच हो रही है, लेकिन शुरुआती अटकलों में एक वजह बर्ड स्ट्राइक भी है. कहा जा रहा है कि विमान जब हवा में था तो पक्षियों से टकराया और फिर उसके ऑक्सीजन टैंक में धमाका हुआ. फ्लाइट चालकों ने तुरंत ही इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन इसी बीच धमाका हो गया.

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ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं, जब बर्ड स्ट्राइक के बाद विमान असंतुलित हो जाए, या इमरजेंसी लैंडिंग की नौबत आ जाए. क्यों है ऐसा, और बचने के लिए एविएशन इंडस्ट्री के पास क्या तरीके हैं?

इसी साल जून में वर्जिन ऑस्ट्रेलिया की एक फ्लाइट को उस समय एकदम से नीचे उतरना पड़ा, जब उसके एक इंजन में आग लग गई थी. बर्ड स्ट्राइक को घटना की संभावित वजह माना गया. फ्लाइट न्यूजीलैंड में आपातकालीन हालातों में उतरी. घटना में हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन हवाई यात्रा में बर्ड स्ट्राइक के जोखिम पर नए सिरे से बात होने लगी. अब ये अजरबैजान वाला हादसा हो चुका. 

क्या है बर्ड स्ट्राइक

यह फ्लाइट और पक्षी या पक्षियों के झुंड के बीच होने वाली टक्कर है. वैसे एविएशन में इस शब्द का दायरा थोड़ा और बड़ा है और अगर लैंडिंग के दौरान जमीन पर रहते पशुओं से भी टक्कर हो जाए तो वो भी बर्ड स्ट्राइक ही है. 20वीं सदी की ऐन शुरुआत में पहली बार ये घटना हुई, जिसके बाद से हादसे बढ़ते ही जा रहे हैं.

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क्या कहता है हादसों का डेटा

इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (ICAO) के अनुसार, साल 2016 से अगले 6 सालों के बीच लगभग पौने तीन लाख ऐसी घटनाएं दर्ज की गईं. पक्षी अक्सर माइग्रेशन के दौरान हवाई यातायात के बीच आ जाते हैं. वे झुंड में उड़ते हैं, जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है. 

azerbaijan airlines plane crash in kazakhstan bird strike theory what happens when flight collides with bird photo AP

क्या बर्ड स्ट्राइक की वजह से बड़े हादसे भी हो चुके 

हां. पक्षियों से मुठभेड़ विमानों की सेफ्टी पर बड़ा खतरा है. छोटे विमानों, खासकर सिंगल-इंजन वाली फ्लाइट्स के लिए बर्ड स्ट्राइक घातक हो सकती है. अनुमान है कि अस्सी के दशक के आखिर से अब तक दुनिया में लगभग 262 मौतें इसी कारण हुईं, जबकि काफी लोग जख्मी हुए. 

जानलेवा बर्ड स्ट्राइक की चुनिंदा घटनाएं
अक्टूबर 1960 में ईस्टर्न एयरलाइंस की फ्लाइट बर्ड स्ट्राइक के कारण उड़ान भरने के कुछ सेकंड्स बाद ही हादसे का शिकार हो गई, जिसमें 72 में से 62 यात्रियों की मौत हो गई.

साल 1988 में इथियोपियन एयरलाइंस का एक विमान टेक-ऑफ के दौरान पक्षियों के झुंड से टकराया, जिससे इंजन में खराबी आ गई, और फ्लाइट क्रैश हो गई. हादसे में 35 लोग मारे गए थे.  

साल 2019 में, रूस की एक फ्लाइट मॉस्को से फ्लाई करते ही खेतों के पास पक्षियों से टकरा गई. इंजन के ब्लेड टूटते ही पायलेट ने खेतों में ही लैंडिंग कर दी. इसमें 70 लोग जख्मी हुए लेकिन कैजुएलिटी नहीं हुई. 

बर्ड स्ट्राइक की बात होने पर एक घटना की अक्सर चर्चा होती है, जब न्यूयॉर्क से चली यूएस एयरवेज की फ्लाइट पक्षियों से टकराई और उसके दोनों इंजन फेल हो गए. फ्लाइट चालक ने फुर्ती से फ्लाइट हडसन नदी में उतार दी, जिसमें सारी जानें बचा ली गईं. इस घटना को आज भी एविएशन इंडस्ट्री में मिरेकल की तरह देखा जाता है. 

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azerbaijan airlines plane crash in kazakhstan bird strike theory what happens when flight collides with bird photo Unsplash

इन जगहों  पर ज्यादा होती है ऐसी घटनाएं

ICAO की मानें तो 90 फीसदी बर्ड स्ट्राइक की घटनाएं एयरपोर्ट के काफी करीब होती हैं. यह आमतौर पर तब होता है जब फ्लाइट उड़ान भर रही हो, या लैंड कर रही हो. नीचे की तरफ पक्षियों की एक्टिविटी रहती है, जो हादसे का कारण बनती है. 

चिड़ियों के टकराने से क्या होता है
- इससे इंजन में खराबी आ सकती है, जिससे फ्लाइट को आनन-फानन लैंड करना पड़ सकता है. इस दौरान हादसे हो जाते हैं. 
- कई बार फ्लाइट के स्ट्रक्चर को नुकसान होता है, जैसे विंडशील्ड टूट जाती है या किसी भी तरह से कैप्टन की विजिबलिटी कम हो जाती है. 

क्या इनसे बचाव मुमकिन है

इसके कई तरीके हैं. जैसे सुबह और सूरज ढलने के समय पक्षी सबसे ज्यादा एक्टिव होते हैं. इस दौरान कैप्टन्स को ज्यादा सावधानी बरतने की ट्रेनिंग मिलती है. 

पक्षियों के झुंड का पता लगाने के लिए रडार टेक्नीक इस्तेमाल होती है, लेकिन ये हर जगह काम नहीं करती. 

बर्ड स्ट्राइक से इंजन की ब्लेड खराब हो सकती है. सेफ्टी चेक के लिए चलते हुए इंजन के सामने बहुत हाई स्पीड में फ्रोजन चिकन फेंका जाता है ताकि देखा जाए कि इंजन स्ट्राइक का सामना कर सकता है.

कई देशों में एविएशन अथॉरिटी इसके लिए बड़े इंतजाम कर रखे हैं. जैसे एयरपोर्ट के आसपास ऐसे पौधे लगाए जाते हैं, पक्षी जिनसे दूर भागें. हवाई अड्डों के करीब बैरियर, जाल या इस तरह की चीजें लगाई जाती हैं जो पक्षियों को रनवे से दूर रख सकें. 

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