
जानकारी के मुताबिक, सिंगापुर का 'डाली' नाम का कार्गो शिप बाल्टीमोर पोर्ट से श्रीलंका के कोलंबो जा रहा था. तभी रास्ते में जहाज की बिजली चली गई और वो फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज के एक खंभे से टकरा गया. हादसे के बाद पुल का एक बड़ा हिस्सा पताप्स्को नदी में ढह गया.
मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूरे ने न्यूज एजेंसी को बताया कि जैसे ही जहाज को पुल की ओर बढ़ते देखा, वैसे ही इस पर ट्रैफिक को रोक दिया गया, जिससे कई जिंदगियां बच गईं.
हालांकि, हादसे के बाद छह लोग अब भी लापता हैं और उनके जिंदा बचने की कोई उम्मीद नहीं है. ये सभी कंस्ट्रक्शन वर्कर थे, जो पुल की मरम्मत का काम कर रहे थे. कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल शेनन गिलरिथ ने बताया कि ठंडे पानी और हादसे को इतना लंबा वक्त बीत जाने के बाद लापता वर्कर्स के जिंदा मिलने की उम्मीद नहीं है.
बहरहाल, इस हादसे के बाद बाल्टीमोर पोर्ट को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है. जानकार मानते हैं कि ऐसा होना अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा है. वो इसलिए क्योंकि ये अमेरिका का 11वां सबसे बड़ा बंदरगाह है. इतना ही नहीं, ऑटो इंडस्ट्री से जुड़ा ज्यादातर एक्सपोर्ट भी इसी पोर्ट से होता है.
एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का पोर्ट
मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूरे के मुताबिक, पिछले साल बाल्टीमोर पोर्ट से 80 अरब डॉलर का कारोबार हुआ था. लगभग 5.2 करोड़ टन कार्गो इस पोर्ट पर आया था.
सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑटो और छोटे ट्रक के इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का बड़ा पोर्ट है. पिछले साल लगभग साढ़े आठ लाख कारें और छोटे ट्रक इसी पोर्ट के जरिए इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट हुए थे.
साल 2023 में 55.2 अरब डॉलर की कारें और छोटे ट्रक बाल्टीमोर पोर्ट से इम्पोर्ट हुए थे. जबकि, 4.8 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ था.
फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज का ढहना इसलिए भी बुरा माना जा रहा है, क्योंकि इसका असर कई महीनों तक हो सकता है. इससे कार्गो और ट्रैफिक बाधित होंगे. ये ब्रिज पताप्स्को नदी पर है, जो चेसापीक खाड़ी और अटलांटिक महासागर तक पहुंचने वाली बड़ी कार्गो शिप का अहम रास्ता है.
गवर्नर वेस मूरे के मुताबिक, बोल्टीमोर पोर्ट पर 15,300 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. इनके अलावा लगभग डेढ़ लाख लोग ऐसे हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से पोर्ट से जुड़े हुए हैं. पुल टूटने के बाद पोर्ट बंद होने से इनके रोजगार पर भी नया संकट खड़ा हो गया है.
बीएमडब्ल्यू और फॉक्सवैगन जैसी ऑटो कंपनियों पर इसका सबसे पहले असर पड़ने की संभावना है. अगर पोर्ट लंबे वक्त तक बंद रहता है तो इससे अमेरिकी कंपनियों की गाड़ियों की शॉर्टेज हो सकती है. लोगों को अपनी पसंदीदा कार खरीदने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.
यह भी पढ़ें: Baltimore Bridge Collapse: क्यों और कैसे हुआ बाल्टीमोर ब्रिज हादसा... जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
पुल का टूटना ऐतिहासिक क्यों?
बोल्टीमोर ब्रिज को 'फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज' के नाम से जाना जाता है. इसका नाम 19वीं सदी के अमेरिकी कवि फ्रांसिस स्कॉट के नाम पर रखा गया है. इस पुल को 1977 में आम जनता के लिए खोला गया था.
मैरीलैंड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (MTA) के मुताबिक, जिस जगह ये ब्रिज बना है, उसके पास से ही 1814 में फ्रांसिस स्कॉट ने फोर्ट मैकहेनरी पर बमबारी होते देखी थी. इसी बमबारी के बाद उन्होंने अमेरिका का राष्ट्रगान 'स्टार स्पैंगल्ड बैनर' लिखा था.
दरअसल, 13 सितंबर 1814 को ब्रिटिशर्स ने फोर्ट मैकहेनरी पर लगातार 25 घंटे तक बमबारी की थी. यही फोर्ट बोल्टीमोर हार्बर की सुरक्षा करता था. ब्रिटिश सैनिक बमबारी के बाद जमीनी हमला करने की फिराक में थे. हालांकि, 25 घंटे बाद भी बमबारी पूरी तरह सफल नहीं हुई, लिहाजा उन्हें जमीनी हमला टालना पड़ा.
18 जून 1812 से 17 फरवरी 1815 के बीच अमेरिका और ग्रेट ब्रिटेन के बीच युद्ध लड़ा गया था. इस दौरान बोल्टीमोर जंग का अहम अखाड़ा था.
यह भी पढ़ें: पहले भी टकरा चुका है ये शिप... Baltimore Bridge ब्रिज गिराने वाला जहाज नॉर्थ सी में भी हुआ था हादसे का शिकार
क्यों खास था ये ब्रिज
ये ब्रिज न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन को भी आपस में जोड़ता था. इससे बोल्टीमोर शहर में बिना एंट्री किए ही न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन और वॉशिंगटन से न्यूयॉर्क तक पहुंचा जा सकता था.
इसके अलावा ये बंदरगाह को पार करने वाले तीन रास्तों में से एक था. हर दिन यहां से औसतन 31 हजार गाड़ियां गुजरती थीं.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बोल्टीमोर पोर्ट के बंद होने के बाद अब भी 40 से ज्यादा जहाज वहां खड़े हुए हैं. जबकि, कम से कम 30 जहाज ऐसे हैं जो इस पोर्ट पर आने वाले थे.
फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज 8,636 फीट (2,632 मीटर) लंबा था. इससे सालाना 1.13 करोड़ गाड़ियां गुजरती थीं. जब इसे बनाया गया था, तब इस पर 6 करोड़ डॉलर का खर्च आया था.