बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा एक पुल ताश के पत्तों की तरह ढह गया. इस पुल को 1,717 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा था. सूत्रों ने बताया कि पुल के पिलर के कम से कम 30 स्लैब इसमें ढह गए.
चार लेन का ये ब्रिज भागलपुर के सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी तक बन रहा था. नीतीश सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं. पिछले साल भी तेज हवा और बारिश में ये पुल गिर गया था. 2014 में इस पुल का काम शुरू हुआ था और इसके पूरे होने की डेडलाइन आठ बार बढ़ाई जा चुकी है.
इस पुल का काम मार्च 2019 तक पूरा हो जाना था, लेकिन तब तक 25% काम भी ठीक तरह से नहीं हुआ था. बाद में सरकार ने इसकी डेडलाइन को 2020 और फिर 2022 तक बढ़ा दिया.
पिछले साल 30 अप्रैल को तेज बारिश और हवा की वजह से इस पुल के दो पिलर गिर गए थे. उस समय भी इसके कंस्ट्रक्शन वर्क पर सवाल उठे थे, लेकिन इसे बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कोई एक्शन लेने की बजाय पुल का काम पूरा करने के लिए वक्त दे दिया गया. ये ब्रिज इसलिए जरूरी है, क्योंकि ये उत्तर और दक्षिण बिहार को आपस में जोड़ता है.
क्या प्लानिंग के तहत ढहा पुल?
- इस पुल के ढहने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही है. उन्होंने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, यही पुल पिछले साल भी ढह गया था. इसे ठीक तरीके से नहीं बनाया जा रहा है, इसलिए ये बार-बार ढह रहा है.
- मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को जांच के लिए कमेटी बनाने का निर्देश दिया है.
- हालांकि, राज्य सरकार के कुछ अधिकारियों का दावा है कि इस पुल के कुछ हिस्से को एक्सपर्ट की सलाह पर इसलिए ढहाया गया, क्योंकि इसकी डिजाइन में कई खामियां थीं.
- रविवार को पुल के गिरने का वीडियो वायरल होने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और एसीएएस प्रत्यय अमृत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें तेजस्वी यादव ने कहा, 'पिछले साल जब इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था. तो इसके बाद आईआईटी रूड़की के एक्सपर्ट ने इसके कंस्ट्रक्शन की स्टडी की थी. अभी इसकी फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन स्टडी करने वाले एक्सपर्ट्स ने बताया था कि इसमें कई खामियां हैं.'
- वहीं, प्रत्यय अमृत ने कहा कि 'हमने तय किया कि कोई चांस नहीं ले सकते और फाइनल रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए. इसलिए हमने इसके कुछ हिस्सों को गिरा दिया.' उन्होंने बताया कि फाइनल रिपोर्ट आने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने और केस करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
- तेजस्वी यादव ने कहा, 'पिछले साल जब पुल ढहा था, तब मैं विपक्ष का नेता था और मैंने इस मुद्दे को जोर से उठाया था. सरकार में आने के बाद हमने इस पुल की जांच के आदेश दिए और एक्सपर्ट ओपिनियन लिया. लेकिन अब बीजेपी विपक्ष में है तो वो मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग रही है.'
- उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट ने जिन्हें प्वॉइंट आउट किया था, उन हिस्सों को हटाया जा चुका है. हम पहले ही कई सारे हिस्सों को हटा चुके हैं, जिन्हें खतरनाक बताया गया था. आज की घटना हमारे डर की पुष्टि करती है.
पिछली बार क्या हुआ था?
- अप्रैल 2022 में सुल्तानगंज में आई आंधी-बारिश के बाद इस अंडर-कंस्ट्रक्शन पुल का एक हिस्सा ढह गया था.
- इस घटना के लिए ढीली केबल तार को जिम्मेदार ठहराया था. लेकिन कुछ लोगों ने इसके लिए घटिया कंस्ट्रक्शन मटैरियल की बात कही थी.
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंडर-कंस्ट्रक्शन ब्रिज का एक हिस्सा तेज बारिश और हवा के कारण ढह गया था. इस घटना में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं थी.
- इस घटना की जांच के लिए पिछले साल मई में आईआईटी रूड़की और एनआईटी पटना के एक्सपर्ट्स की एक कमेटी बनी थी. इस कमेटी की फाइनल रिपोर्ट अभी आनी बाकी है.
कितना अहम है ये पुल?
- चार लेन का ये ब्रिज भागलपुर से 35 किलोमीटर दूर पश्चिम में बन रहा है. इसे बिहार पुल निर्माण निगम लिमिटेड के लिए एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन लिमिटेड बना रही है.
- इस पुल की लंबाई 3.11 किलोमीटर है. ये पुल NH-31 और NH-107 को आपस में जोड़ेगा. इससे सुल्तानगंज और खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा जैसे कई जिलों की दूरियां कम हो जाएंगी.
कंपनी का क्या है लेखा-जोखा?
- एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी को सुल्तानगंज-अगुवानी ब्रिज बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है. इसकी कुल लागत 1,717 करोड़ रुपये है.
- ये कंपनी पहली बार तब रडार पर आई थी, जब मई 2020 में तीन बच्चों की मौत कंक्रीट स्लैब गिरने से हो गई थी. ये हादसा लोहिया चक्र पथ के कंस्ट्रक्शन के दौरान हुआ था.
- मार्च 2023 की एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने पटना में गंगा नदी के ऊपर 6-लेन का एक ब्रिज बनाने का कॉन्ट्रैक्ट एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी को ही दिया है.
- ये कंपनी बिहार में पहले ही कई सारे प्रोजेक्ट्स में लगी है. इसमें जवाहर लाल नेहरू रोड पर बन रहा लोहिया चक्र पथ भी है. बताया जाता है कि कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए 3,012.27 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.